Sunday, May 5, 2024
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अजीत भारती

पूर्व सम्पादक (फ़रवरी 2021 तक), ऑपइंडिया हिन्दी

प्राइम टाइम स्क्रिप्ट: जनता कर्फ्यू आपातकाल की टेस्टिंग, थाली बजाना गरीबों को बेइज्जत करने की मुहिम

आप ही बताइए कि क्या प्रधानमंत्री के बोलने से कोरोना मर जाएगा? तब तो हर देश के प्रधानमंत्री को माइक ले कर, संबोधन दे देना चाहिए, कोरोना मर जाएगा। जबकि हमारे फैजान मुस्तफा बताते हैं कि IPC और संविधान में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि भाषण देने से कोरोना मर जाता है।
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कटाक्ष: रवीश की स्क्रिप्ट लीक, कहा जनता कर्फ्यू है आपातकाल की टेस्टिंग। Ajeet Bharti on Ravish kumar

जनता कर्फ्यू आपातकाल की टेस्टिंग, थाली बजाना गरीबों को बेइज्जत करने की मुहिम। रवीश की स्क्रिप्ट लीक हो गई है। उन्होंने कहा कि...

‘द टेलिग्राफ’: जातिवाद, हिन्दू-घृणा, वामपंथी बकैती और नीचता को हेडलाइन बनाने वाला अखबार

आश्चर्य की बात यह कि ममता के बंगाल से छपने वाले इस अखबार में बंगाल के मजहबी दंगे दिखाई नहीं देते, बीजेपी और आरएसएस के कार्यकर्ताओं की आए दिन होती हत्याएँ नहीं दिखतीं, लेकिन दलितों को एक वायरस से तुलना करते हुए, राष्ट्रपति पर निशाना साधा जाता है, क्योंकि वो भाजपा-संघ से जुड़े हुए रहे हैं।

जब आप मुझे मेरे शब्दों के चयन पर ज्ञान देते हैं, उसी वक्त कोई ताहिर पेट्रोल बम बना रहा होता है

कट्टरपंथियों के घर के ऊपर युद्ध लड़ने के मकसद से पेट्रोल बम, एसिड, पत्थर और आग लगाने का सामान इकट्ठा दिख रहा है, और फिर भी आपको बताया जा रहा है कि ये 'हिन्दुओं द्वारा मुस्लिमों के सफाए की साजिश है', 'ये मुस्लिमों का पोगरोम है', 'ये मुस्लिमों का नरसंहार है'।
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दिल्ली दंगों पर मेजर गौरव आर्या, वैभव सिंह और अजीत भारती की बातचीत | Ajeet Bharti Discusses Delhi Riots with Major Gaurav Arya and...

एंटी-सीएए प्रोटेस्ट तो एक छलावा भर था। असल में ये एक इस्लामिक प्रोटेस्ट था, जिसमें शामिल लोगों ने हिन्दुओं के प्रतीकों को अपमानित कर...

जब घर में आग लगेगी तो 200 लिटर फ्री पानी काम नहीं आएगा: कपिल मिश्रा की ऑपइंडिया से बातचीत

"रवीश कुमार बेशर्मी का सबसे बड़ा उदाहरण हैं। उन्होंने मोहम्मद शाहरुख़ को अनुराग मिश्रा बताया और कहा कि वो कपिल मिश्रा का कोई सम्बन्धी हो सकता है। मोहम्मद शाहरुख़ ने उन दंगों में 8 राउंड फायरिंग की थी। फोटोशॉप कर के मेरे साथ उसकी तस्वीर वायरल की गई, जो झूठ निकली।"
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दिल्ली दंगों पर कपिल मिश्रा से अजीत भारती की बातचीत | Ajeet Bharti with Kapil Mishra on Delhi Riots

दिल्ली में हुए दंगों के लिए जिस तरह से तमाम वामपंथी मीडिया कपिल मिश्रा को जिम्मेदार बताने पर तुला है, वो बताता है कि फर्जी नैरेटिव गढ़ना...

तुम देखोगे? हम दिखाएँगे…: लिबरलों, वामपंथियों के लिए दंगा साहित्य से उपजी एक कविता

ये हरा-हरा सा एक फिल्टर जो तुमने चढ़ा कर रक्खा है उससे भगवा छँट जाता है हिन्दू गायब हो जाता है दिखता है बस इमरान-जुबैर अंकित-दीपक छुप जाता है ओ वामपंथ के रखवाले ओ लम्पट लिबरल तुम साले! दिल्ली दंगो की व्यथा सुनाती इस कविता को पढ़ें, सुनें औरों तक पहुँचाएँ। आप इसे अपनी आवाज में रिकॉर्ड कर आगे बढ़ाएँ।