राजनैतिक मुद्दे
कॉन्ग्रेस के लिए अब दिल्ली कितनी दूर?
भाड़े के सैनिकों से भी युद्ध तभी जीते जाते हैं जब सेनापति खुद सक्षम हो। पर कॉन्ग्रेस का 'स्वयंभू सेनापति' निस्तेज और सामर्थ्यहीन है। खासकर जब मुकाबला नरेंद्र मोदी नाम के राजनीतिक बाहुबली से हो।
अजीत झा -
राजनैतिक मुद्दे
दिल्ली की मीडिया के दावों जैसी नहीं कर्नाटक की हवा, क्या फिर पोल पंडितों का गणित निकलेगा कमजोर
कर्नाटक चुनाव को लेकर जैसे दावे दिल्ली की मीडिया में रहे हैं, उसका समर्थन एग्जिट पोल्स के नंबर्स नहीं करते। क्या 13 मई को एक बार फिर पोल पंडित गलत साबित होंगे?
अजीत झा -
मीडिया हलचल
‘ब्राह्मण संपादक’ रूपा झा ने तो माफ कर दिया, पर क्या बिहार के ‘एक्टिविस्ट पत्रकार’ वेद प्रकाश के दिमाग से ‘जाति’ जा पाएगी
ऐसे वक्त में जब बिहार के ही एक यूट्यूबर पत्रकार मनीष कश्यप पर NSA लगाया गया है, उसी राज्य में पत्रकारिता के नाम पर अगड़ा-पिछड़ा एजेंडा चलाने वाले यूट्यूबर पत्रकार वेद प्रकाश को माफ कर देना रूपा झा की सहृदयता है।
अजीत झा -
राजनैतिक मुद्दे
जो बजरंग दल राम भक्तों की रक्षा के लिए बना, जो इस्लामी कट्टरपंथ से है लड़ता; उस पर कर्नाटक में प्रतिबंध का वादा कॉन्ग्रेस...
राम मंदिर का निर्माण रोकने में विफल रही काॅन्ग्रेस अब हिंदुओं से वह सुरक्षा कवच छीनना चाहती है जो राम भक्तों की, उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए बनी है।
अजीत झा -
सामाजिक मुद्दे
सेकुलर नहीं, अच्छा हिंदू बनिए, उनको उनकी ईद के साथ छोड़ दीजिए, क्योंकि फूलों की यही बारिश कल पत्थर बन बरसेंगे
सियासी मजबूरी तो समझी जा सकती है। लेकिन आम हिंदुओं की वह कौन सी मजबूरी है जो उन्हें कथित भाईचारे की मिसाल बनने को इतना उद्वेलित करती है?
अजीत झा -
मीडिया
अब तो एलन मस्क ने भी ट्विटर का ब्लू टिक छीन लिया, लेकिन गोदी सेठ का ठप्पा खुद से कब उतारेंगे रवीश कुमार
एलन मस्क ने खुद से ब्लू टिक छीनकर रवीश कुमार को बेड़ी से आजाद कर दिया है। लेकिन रवीश कुमार खुद को उस एनडीटीवी से कब जुदा करेंगे जिसमें 'गोदी सेठ' की हिस्सेदारी है।
अजीत झा -
देश-समाज
‘बिहारशरीफ हिंसा की दोषी ही कर रहे जाँच, हिंदुओं को बदनाम करना मकसद’: जिन्होंने रखी राम मंदिर की पहली ईंट, उन्होंने बिहार पुलिस की...
हिंदुओं के त्योहार (रामनवमी शोभायात्रा) पर हमला। पीड़ित हिंदू और दोषी भी हिंदू ही... बिहारशरीफ हिंसा को लेकर बिहार पुलिस के दावों पर क्यों उठ रहे सवाल?
अजीत झा -
मीडिया हलचल
जिन ‘बेधड़क आवाजों’ ने बिहार की ढुलमुल व्यवस्था को कर रखा था नंगा, बिहारशरीफ-सासाराम की जमीन से वे गायब क्यों
जो लोग ग्राउंड जीरो पर जाकर सब कुछ सामने ला देते थे, वे बिहारशरीफ और सासाराम की जमीन पर रिपोर्टिंग करते क्यों नहीं दिख रहे?
अजीत झा -