पाकिस्तान कमाल का देश है, हर बार खुद ही खुद को अपने ही जाल में उलझा लेता है। जब एक तरफ पाकिस्तान आर्थिक कंगाली की कगार पर है वहीं दूसरी तरफ उसे FATF की पाबन्दी से बचने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी चाहिए। आपको याद होगा इसी साल फरवरी महीने में की गई एयर स्ट्राइक और 2016 में किया गया सर्जिकल स्ट्राइक। उसके बाद क्या हुआ यह भी पता है, जहाँ भारतीय सेना और सरकार ने अपने दावे के अनुरूप बाद में साक्ष्य भी उपलब्ध कराए लेकिन पाकिस्तान दोनों बार पहले अड़ा रहा कि सर्जिकल स्ट्राइक जैसा कुछ भी नहीं हुआ। कभी आधा-अधूरा स्वीकार, कभी इनकार चलता रहा।
14 फरवरी, 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सेना के काफिले पर हुए घातक आत्मघाती हमले का भारतीय वायु सेना ने जिस तरह से जवाब दिया था, उससे आज भी पाकिस्तान डरा हुआ है। लेकिन हर बार सार्वजनिक तौर पर वो आज तक इसलिए नहीं बोल पा रहा था क्योंकि उसे लगता है कि इससे उसकी बदनामी होगी। खैर, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले 2016 में जब सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी, तब भी पाक का ऐसा ही रवैया था।
आपको याद दिला दूँ कि पाक की पनाह में छिपे आतंकवादियों के ठिकानों को तबाह करते हुए भारतीय युद्धक विमानों ने मंगलवार (फरवरी 26, 2019) को कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र में भारत की सीमा से लगभग 40 किमी (25 मील) की दूरी पर उत्तरी पाकिस्तानी शहर बालाकोट के पास एक पहाड़ी वन क्षेत्र में एयर स्ट्राइक की थी। इस एयर स्ट्राइक द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर को नष्ट कर दिया गया था और जैश-ए-मोहम्मद के 200-300 आतंकवादियों को मार दिया गया था।
इतना सब अपनी सरजमीं पर होता देखने के बावजूद पाकिस्तान एयर स्ट्राइक को नकारता रहा या उल-जलूल जवाब देता रहा। वजह वही थी पाक द्वारा स्वीकार करने में समस्या ज़्यादा थी, इससे यह तुरंत आधिकारिक रूप से साबित हो जाता कि पाक में आतंकी पल रहे हैं। यही वजह थी कि पाकिस्तान ने विदेशी मीडिया को भी उस जगह जाने की इजाजत नहीं दी, जिस जगह पर भारतीय वायु सेना ने एयर स्ट्राइक किया था। पाक अधिकारी मीडिया को तभी ले गए जब पूरा सबूत मिटा दिया।
मजेदार बात यह है कि जब भारत ने दावा किया कि हमने पाक में घुसकर एयर स्ट्राइक कर दी और पाक ने सुरक्षा के लिहाज़ से न सिर्फ भारत बल्कि किसी भी देश के लिए तत्काल अपना एयर स्पेस बंद कर दिया और लगा चिल्लाने या उटपटांग जवाब देने। यहाँ तक कि पाकिस्तान ने पहले कहा कि कुछ नहीं हुआ और भारत झूठ बोल रहा है, फिर पाक के रक्षा मंत्री परवेज खट्टक से जब मीडिया ने सवाल किए तो उनका जवाब तो और भी ज़्यादा हास्यास्पद था, “ये जो अटैक हुआ है सुबह, ये तकरीबन 4-5 किलोमीटर अंदर आए और उन्होंने बम फेंक दिया। और हमारी एयर फ़ोर्स तैयार थी। चूँकि रात का वक़्त था तो पता नहीं चला कि कितना नुकसान हुआ है। इसलिए उन्होंने इंतज़ार किया और अब उन्हें सही निर्देश मिल चुके हैं।” मतलब कुछ तो हुआ है, यहाँ स्वीकारा ज़रूर, हालाँकि एयर स्पेस बंद कर पाक सबूत पहले ही दे चुका था।
पाकिस्तान के जलवायु परिवर्तन मंत्री मलिक अमीन असलम ने थोड़ा और लीपापोती करते हुए कहा, “भारतीय जेट विमानों ने ‘फॉरेस्ट रिजर्व’ पर बमबारी की और सरकार पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन कर रही है, जो संयुक्त राष्ट्र और अन्य मंचों पर एक शिकायत होगी। पाकिस्तान का कहना है कि घटनास्थल पर पर जो हुआ वह पर्यावरणीय आतंकवाद है क्योंकि दर्जनों देवदार के पेड़ गिर गए और गंभीर पर्यावरणीय क्षति हुई है।”
पाकिस्तान का यह दावा लगातार कई दिनों तक चलता रहा कि उनका कोई नुकसान नहीं हुआ है, सिर्फ कुछ पेड़ ही गिरे हैं। यहाँ भी पाक अपने ही जाल में फँस गया था, जब पेड़ ही गिरे हैं तो पाकिस्तान में भारतीय सेना को लेकर इतनी दहशत क्यों है, इसका जवाब पाकिस्तान ने तब नहीं दे पाया था। जबकि उनके यहाँ तौबा-तौबा वाला माहौल था।
बाद में जब भारतीय कूटनीतिक हस्तक्षेप के कारण अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकवाद पर पूरी तरह लगाम लगाने के लिए सख्त हिदायत देते हुए स्पष्ट कहा है कि वह आतंक के सरगनाओं के खिलाफ ठोस, सटीक एवं निर्णायक कार्रवाई करे और अब अगर भारत पर कोई और आतंकी हमला हुआ तो फिर इस्लामाबाद के लिए ‘बहुत मुश्किल’ हो जाएगी। तब भी यह एयर स्ट्राइक अर्थात भारतीय कार्रवाई की पुष्टि ही थी।
खैर, पाक ने बाकी देशों के लिए तो कुछ दिन बाद ही धीरे-धीरे अपना एयर स्पेस खोल दिया लेकिन भारत का डर आज तक भी पाकिस्तान को डरा रहा है। इसलिए भारत के लिए पाक का एयर स्पेस अभी भी बंद है और अब पाकिस्तान चाहता है कि अगर भारत यह वादा करे कि फिर से वह बालाकोट जैसा एयर स्ट्राइक नहीं करेगा तो वह अपना एयर स्पेस खोलने के लिए तैयार है। हालाँकि, पाक ने अपने आधिकारिक दस्तावेजों में एयर स्पेस बंद करने का कारण ‘सुरक्षा और डिप्लोमेसी’ बताया है। फिलहाल, प्रतिबन्ध 28 जून तक पिछले आदेश में बढ़ा दिया गया था।
आज पाकिस्तान का एयर स्पेस का न खुलना भारत से ज़्यादा पाकिस्तान के लिए ही आर्थिक नुकसान का बड़ा कारण है और भी ऐसे समय में जब पाकिस्तान FATF द्वारा ब्लैक लिस्ट में डाले जाने के कगार पर है। लेकिन पाक अब भी डरा है क्योंकि वह आतंक पर लगाम लगाने में पूरी तरह विफल रहा है और जो कुछ वैश्विक दबाव में उसने आतंक और आतंकी सरगनाओं को रोकने के लिए दिखावा करना चाहा, कुछ आतंकी ठिकानों को खाली कराया, कुछ आतंकियों को गिरफ्तार भी किया लेकिन आतंकरोधी कानून के तहत नहीं बल्कि सामान्य धाराओं में ताकि मामला ठंडा होते ही आतंकी महीने-दो-महीने में रिहा होकर काम पर लग जाए।
और अब जब पाकिस्तान का ये छल पता चल चुका है FATF भी उस पर एक्शन लेने के मूड में है। और ऐसे समय पाक फिर से कोई नया एयर स्ट्राइक या सर्जिकल स्ट्राइक झेलने की स्थिति में नहीं है और न ही आतंक पर रोकथाम की ही स्थिति में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान हैं क्योंकि जो विषबेल पाक ने अपने यहाँ बोया था वह अब बेकाबू हो भस्मासुर हो चुका है। जो अब खुद को ही तबाह करने की मुद्रा में आ चुका है।
कुछ भी हो पाक का इस तरह से भारत से विनती करना कि ‘वादा करो फिर एयर स्ट्राइक या सर्जिकल स्ट्राइक नहीं करोगे‘ इस बात पर मुहर है कि हुआ तो है, चोट जिगर को छलनी कर गई है। जो आने वाले समय में पाकिस्तान को दर्द देती रहेगी। अब ये पाक के ऊपर है कि उसके साथ कैसा व्यवहार हो, अगर वाकई वह चाहता है कि भारत आतंकरोधी अभियान के तहत उसे कठोर कदमों का सामना न करना पड़े तो, कसमों-वादों के चक्कर में न पड़के आतंक की कमर तोड़ने में लग जाए। नहीं तो क्या पता अगली बार भारतीय जवान जिस गति और मजबूती से कश्मीर सहित देश के हर उस हिस्से से जहाँ से आतंक की बू आ रही है, साफ कर रहे हैं, बेमुरव्वत आतंकियों को ठिकाने लगा रहे हैं। कल को पाक की सिर्फ कमर तोड़ने के लिए छोटे-मोटे सर्जिकल स्ट्राइक नहीं बल्कि जड़ से आतंक के नासूर को उखाड़ फेंकने के लिए कोई और तरीका ही ईजाद कर लें!
फिलहाल, पाक की यह विनती पाक के कॉमेडियन सहित भारत के उन सबूत माँगने वाले जोकरों के लिए सॉलिड प्रमाण है, फिर भी यकीन न हो तो भारतीय सेना के आतंक विरोधी मुहीम पर यूँ ही चील गोजरी करते रहें, क्योंकि ऐसे लोगों के लिए देश नहीं बल्कि राजनीतिक स्वार्थ महत्पूर्ण होता है। बाकि सेना और मोदी सरकार पाकिस्तान को अपने-अपने तरीके से किनारे लगा कर ठिकाने तो लगा ही रहे हैं।