Wednesday, November 6, 2024
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‘बापू ने देखा था कॉन्ग्रेस के विसर्जन का सपना, साकार करने निकले भाई-बहन’

उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर 11 अप्रैल को पहले चरण में ही मतदान होना है। सभी प्रमुख दलों ने यूपी की आठ सीटों पर होने वाले चुनाव पर अपना पूरा दम झोंक दिया है। इसी क्रम में सोमवार (अप्रैल 8, 2019) को बिजनौर में एक रैली को संबोधित करते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कॉन्ग्रेस पर जबरदस्त हमला बोला। सीएम योगी ने राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी पर तंज कसते हुए कहा कि बापू के कॉन्ग्रेस को विसर्जित करने के सपने को साकार करने के लिए भाई-बहन आ चुके हैं।

इस दौरान योगी ने कहा, “बापू ने 1947 में कहा था, कॉन्ग्रेस का काम समाप्त, अब कॉन्ग्रेस का विसर्जन कर दो। वो जानते थे कि कॉन्ग्रेस का मतलब अब एक परिवार होने जा रहा है। बापू के सपने को साकार करने के लिए भाई-बहन आ चुके हैं।” इस तरह योगी आदित्यनाथ ने बगैर नाम लिए ही भाई-बहन कहकर राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी पर निशाना साधा।

योगी आदित्यनाथ ने बिजनौर से कॉन्ग्रेस प्रत्याशी बनाए नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बहाने मायावती, राहुल और प्रियंका पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि उन्होंने जो प्रत्याशी दिया है वो तो उससे भी बड़ा बागी है। भाई-बहन का जो प्रत्याशी यहाँ पर है, उसने तो पिछली बार बहन जी (मायावती) को जीरो पर पहुँचा दिया था। इस बार भाई-बहन को भी जीरो पर पहुँचा देगा। इसमें कोई संदेह नहीं है।” बता दें कि, नसीमुद्दीन सिद्दीकी 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान सिद्दीकी बिजनौर से बसपा के उम्मीदवार थे, जो कि अब बसपा को छोड़कर कॉन्ग्रेस में शामिल हो गए हैं।

सीएम योगी ने कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी पर तंज कसते हुए कहा कि प्रियंका गाँधी अयोध्या में श्रीराम जन्मस्थान को विवादित कह रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने राहुल के वायनाड रैली पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वायनाड में राहुल गाँधी की रैली में कॉन्ग्रेस के झंडे या तिरंगे की बजाय हरा रंग लहरा रहा था। क्या चांद-सितारे वाले झंडे से देश चलेगा? उनका कहना था कि कॉन्ग्रेस देश में पाकिस्तानी तिरंगा लहराना चाहते हैं, इसीलिए उनकी रैली में कॉन्ग्रेसी झंडे या फिर तिरंगे की जगह हरा रंग लहरा रहा था।

वहीं गठबंधन पर निशना साधते हुए योगी ने कहा कि, 38 सीट पर चुनाव लड़ने वाले प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहें हैं। उनका ये सपना कभी पूरा नहीं होगा। इस लोकसभा चुनाव में बसपा फिर एक नया अंडा लेकर आने वाली है। इसके साथ ही उन्होंने सभी विपक्षी पार्टियों की हमला करते हुए कहा कि सपा, बसपा व कॉन्ग्रेस ने राजनीति का अपराधीकरण व अपराधियों का राजनीतिकरण किया है।

BJP का संकल्प पत्र: आर्टिकल 35A | राष्ट्रीय सुरक्षा | किसानों की आय | दोगुने डॉक्टर | 3rd आर्थिक महाशक्ति

कॉन्ग्रेस द्वारा अपना चुनावी घोषणापत्र ज़ारी करने के कुछ ही दिनों बाद आज सोमवार (अप्रैल 8, 2019) को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने भी अपना घोषणापत्र ज़ारी कर दिया। भाजपा के इस ‘संकल्प पत्र’ में देश की सुरक्षा, किसानों और सबरीमाला सहित कई मुद्दों पर पार्टी द्वारा आगे किए जाने वाले कार्यों को लेकर बातें स्पष्ट की गई हैं। जहाँ एक तरफ घुसपैठ पर रोक लगाने की बात कही गई है तो दूसरी तरफ किसानों की आमदनी दुगुनी करने का लक्ष्य भी रखा गया है। सीमा सुरक्षा को सुदृढ़ करने से लेकर ग्रामीण सड़कों के व्यापक निर्माण तक, भाजपा के घोषणापत्र में सब कुछ है। एक बात ध्यान देने लायक है कि भाजपा के घोषणापत्र में कुछ भी हवा-हवाई नहीं रखा गया है। पार्टी अपनी मूल विचारधारा पर अभी भी कायम है और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो भी कार्य किए गए या प्रगति पर हैं, उन्हें और अच्छे तरीके से आगे बढ़ाने संकल्प लिया गया है।

यहाँ भाजपा के घोषणापत्र में कही गई मुख्य बातों की चर्चा करने के साथ-साथ ये भी जानेंगे कि चुनाव बाद सरकार बनने की स्थिति में भाजपा का क्या एजेंडा होगा और किन चीजों पर पार्टी आगे बढ़ेगी?

राष्ट्रीय सुरक्षा पर सख़्त, घुसपैठ को टा-टा, बाय बाय

राष्ट्रीय सुरक्षा पर भारतीय जनता पार्टी ने कड़ा रुख अपनाया है। भाजपा ने कहा है कि वो आतंकवाद और उग्रवाद पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति का अनुसरण करती रहेगी और सुरक्षा बलों को ‘फ्री हैंड’ वाली पॉलिसी पर भी कायम रहेगी। पार्टी ने केंद्रीय सुरक्षा बलों के आधुनिकीकरण और उपकरण ख़रीद पर ‘मेक इन इंडिया’ के तहत आत्मनिर्भर होने की बात कही। सबसे बड़ी बात सेवानिवृत्त सैनिकों को लेकर कही गई है। पार्टी ने ऐसे सैनिकों के रिटायरमेंट से 3 वर्ष पहले ही उनके लिए पुनर्वास, कौशल प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता सहित कई अन्य सुविधाएँ देने की बात कही है। केंद्रीय बलों के साथ पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए भी वित्त उपलब्ध कराया जाएगा। पूर्वोत्तर में घुसपैठ रोकने के लिए सीमा सुरक्षा सुदृढ़ की जाएगी।

भाजपा ने वामपंथी उग्रवाद पर विकास की नीतियों के साथ-साथ कड़ी कार्रवाई से चोट करने के लिए अपनी सरकार की नीति की सराहना की है और कहा है कि इसी के साथ आगे बढ़ा जाएगा। अब राष्ट्रीय सुरक्षा के अंतर्गत कही गई सबसे प्रमुख बात पर आते हैं। जम्मू-कश्मीर में भाजपा ने आर्टिकल 35A हटाने की बात कही है। इसके लिए अपनी प्रतिबद्धता दर्शाते हुए पार्टी ने कहा कि ये आर्टिकल राज्य के विकास में बाधा है।

किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 से ही किसानों की आय बढ़ाने की बात करते आ रहे हैं। पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में किसानों के लिए किए गए अपने कार्यों का जिक्र करते हुए कहा है कि अब किसानों को बीज उचित दाम पर मुहैया कराए जाएँगे और उनके घर के पास ही इसकी जाँच की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार भण्डारण पर ख़ास ध्यान देगी और राजमार्गों के किनारे राष्ट्रीय वेयरहाउसिंग ग्रिड का निर्माण कराया जाएगा। इन सबके अलावा कृषि के अन्य सहयोगी सेक्टर्स को भी विकसित किया जाएगा।

मधुमक्खी उद्योग, कोऑपरेटिव सहित भूमि के डिजिटलाइजेशन की बात भी कही गई है। पार्टी ने कहा कि ये काम रिकॉर्ड समय में पूरा किया जाएगा। पशुपालन और मछलीपालन पर ध्यान देकर इन सबके लिए विभिन्न योजनाएँ बनाने की बात कही गई है।

भारत बनेगा विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

आर्थिक क्षेत्र में भाजपा ने अपनी मौजूदा नीतियों के साथ-साथ कई नई चीजों की भी घोषणा की है। 1991 के बाद सबसे अधिक जीडीपी वृद्धि दर के लिए अपनी पीठ थपथपाते हुए भाजपा ने कहा है कि वो कर की दर घटाने की अपनी नीति जारी रखेगी ताकि ईमानदार करदाताओं को फ़ायदा हो। जीएसटी की प्रक्रिया को और सरल करने के लिए सभी हितधारकों से बातचीत की जाएगी। 2024 तक बुनियादी क्षेत्र में 100 लाख करोड़ रुपए का निवेश करने का वादा किया गया है।

कारोबारी सुगमता को और बढ़ाते हुए भारत को विनिर्माण का हब बनाया जाएगा। एक नई औद्योदिक नीति की घोषणा की बात भी कही गई है। जीडीपी में योगदान ढाई प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा। 2024 तक 50,000 नए स्टार्टअप की स्थापना में मदद की जाएगी।

स्वास्थ्य क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ करने की बात कही गई है। 2024 तक एमबीबीएस और डॉक्टर्स की संख्या दोगुनी कर दी जाएगी। 2022 तक सभी गर्भवती महिलाओं व बच्चों के सम्पूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। भाजपा ने केंद्र एवं राज्यों में वित्त की बचत के लिए एक साथ चुनाव को समर्थन देने और उसके लिए प्रयास करने की अपनी नीति को दुहराया है। वैकल्पिक विवाद समाधान सिस्टम को मजबूत कर भारत को मध्यस्तथा का केंद्र बनाने की बात भी कही गई है।

अजब-गजब उम्मीदवार: ‘अर्थी बाबा’ ने गले में डाली सैनेटरी पैड की माला, श्मशान पर बनाएँगे कार्यालय

आगामी चुनावों के मद्देनज़र इन दिनों सियासी पारा अपनी चरम पर पहुँच चुका है। हर पार्टी और उसका प्रत्याशी मतदाताओं को रिझाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे आजमा रहे हैं। जिसके कारण हमें ‘बिरयानी पर हुई लड़ाई‘ जैसी खबरें सुनने को मिल रही है। इसी कड़ी में निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे ‘अर्थी बाबा’ अपने अजीबोगरीब चुनाव प्रचार के कारण सुर्खियों में बने हुए हैं।

अर्थी बाबा के नाम से मशहूर हो चुके राजन यादव ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। यहाँ उनका मुकाबला अखिलेश के अलावा दिनेश लाल यादव (निरहुआ) से भी होगा। राजन ने अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत श्मशान घाट से की है। प्रचार के दौरान उन्होंने अपने गले में सैनेटरी पैड की माला लटकाई।

ख़बरों के अनुसार, राजन चुनाव प्रचार के दौरान गले में सैनेटरी पैड की माला पहनकर घर-घर जाकर महिलाओं को सैनेटरी पैड के बारे में जागरूक करेंगे। साथ ही उनका दावा है कि अगर वो चुनावों में जीत गए तो प्राप्त वेतन से वह मुफ्त में महिलाओं को सैनेटरी पैड बाँटेंगे।

अजीबोगरीब तरीके से प्रचार करके सुर्खियाँ बटोरने वाले राजन गोरखपुर के रहने वाले हैं। खबरों के मुताबिक वह अपना चुनाव कार्यालय हर बार की तरह श्मशान घाट में खोलेंगे। राजन इससे पहले विधानसभा और लोकसभा के भी चुनाव लड़ चुके हैं। 2009 में उन्होंने योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ा था। उनकी माने तो सपा और भाजपा दोनों के कार्यकाल में जनता के हित में कोई काम नहीं हुआ है।

बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान राजन अर्थी पर बैठकर निकलते हैं। चार लोग उन्हें उठाकर हर ओर घुमाते हैं। जिसके कारण लोग उन्हें ‘अर्थी बाबा’ बुलाने लगे हैं। 2019 का चुनाव जीतने के लिए वो चिता की पूजा करते हैं और अपनी जीत के लिए शवों की आत्माओं को जगाने का भी प्रयास कर रहे हैं ताकि वे उनकी मदद करें। जानकारी के अनुसार, वह आजमगढ़ सीट से पर्चा दाखिल करने से पहले वह अघोरी बाबाओं से मिलेंगे और उनसे जीत का आशीर्वाद माँगेंगे।

गाँधी फैमिली के अनकहे-अनसुने कीर्तिमानों का खुलासा: BJP वाले भी करेंगे शत-शत नमन!

कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने हाल ही में खुलासा किया था कि पीएम मोदी ने बिना हवाई जहाज उड़ाए या बन्दूक चलाए एयर स्ट्राइक का श्रेय ले लिया।

बात भी सही थी- क्योंकि राहुल गाँधी का खुद का परिवार जिन-जिन चीज़ों पर अपना नाम लिखवाता है, वह इस बात का ध्यान रखता है कि उनमें उसका सीधा योगदान हो। इसलिए राहुल गाँधी का मोदी से भी समान आचरण की उम्मीद करना लाज़मी है।

और जिन्हें यह बात झूठ लग रही है, उन बेशर्मों के लिए प्रस्तुत है पत्रकारिता के इतिहास में पहली बार गाँधी परिवार के कुछ ऐसे कामों के खुलासे, जो उन्होंने देश पर अहसान न लादने के लिए नहीं बताए।

महान जिमनास्ट राजीव गाँधी के नाम पर खेल रत्न दिया जाता है। महान कैंसर स्पेशलिस्ट राजीव गाँधी के नाम पर अस्पताल हैं। महान बँदूकची राहुल गाँधी ने विशेष शूटिंग कोटा में कॉलेज में प्रवेश पाया था।

No captions needed…

महान नाविक नोहा ने प्रलय काल मे सृष्टि की रक्षा की। बर्मन दा की धुन पर वे ‘ओ नोहा रे’ की धुन पर नाव खे रहे थे। ‘नोहा रे’ कालांतर में अपभ्रंश होकर ‘नेहरू’ कहलाया। मनुष्य जाति उनकी सदैव ऋणी रहेगी।

श्रीमती इंदिरा गाँधी ने बक-बक करने वाली अफ़सरशाही की शब्द-सीमा ‘जी’ और ‘यस’ तक निर्धारित की। इंदिरा जी द्वारा स्थापित परंपरा मे आगे ‘जी’ ‘यस’ की परंपरा मे धर्मात्मा जीजस हुए, और उनके उत्तराधिकारियों ने जनेऊ धारण कर के हिंदुत्व का उद्धार किया।

दोनों को आता था ज़माने को उंगलियों पे नचाना

राहुल जी के चाचाजी और इंदिरा जी के प्रतापी पुत्र सँजय गाँधी हुए जिन्हें वन्य जीवों से अगाध प्रेम था। अपने जीवन काल मे देश को चिड़ियाघर बनाने के लिए उन्होंने बहुत प्रयास किए, जिसके कारण कृतज्ञ राष्ट्र ने अनेकानेक प्राणी अभयारण्यों का नाम सँजय गाँधी प्राणी उद्यान रखा।

यह संजय गाँधी के पशु-प्रेम का ही प्रताप था कि उनकी अंखियों की गोली खाके आस-पास का हर इन्सान भीगी बिल्ली बन जाता था

विवाह के पंद्रह वर्ष बाद सोनिया जी के भारतीय नागरिकता लेने के निर्णय से चक्रवर्ती राजीव जी चौंक गए थे, इसीलिए उनके नाम पर दिल्ली मे राजीव चौक बनाया गया। सँघी लोग अफ़वाह फैलाते हैं कि राजीव जी कनॉट प्लेस पर ट्रैफ़िक हवलदार थे जो पूर्णतया असत्य है। नो इंडिया आफ्टर नेहरू पढ़ें।

राजीव गए थे चौंक, hence Rajiv Chow(n)k

पर्यावरण प्रेमी राजीव जी विशाल वृक्षों से बहुत प्रेम करते थे, और जब भी कोई बड़ा पेड गिरता था तो उनका हृदय आहत हो जाता था इसी कारण कर्नाटक मे उनके नाम पर वन संपदा का नाम रखा गया।

सोनिया जी ने जेंडर इक्वालिटी के लिए अभूतपूर्व कार्य किया और प्रथम बार एक महान नदी का लिंग निरपेक्ष नामकरण ‘नर-मादा’ के नाम पर किया जिसके लिए मध्य प्रदेश अनंत काल तक महिषि का आभारी रहेगा। नमन है।

माईने ठो नामखारन का श्रेया बी नाही लिया… एक बारात राटना टो बंटा आए (अर्थ जानने के लिए हम भी Mrs. Gandhi के ऑफिस के संपर्क में हैं। पता चलते ही यहाँ अपडेट करेंगे)

सोनिया जी की महानता थी कि एक कबाड़ी को भद्रलोक मे प्रतिष्ठित कर के राष्ट्रीय कृषक का स्थान दिया। उन्हीं भूमिपुत्र नरश्रेष्ठ राबर्ट भद्र का नाम आगे चल के राबर्ट वाड्रा पड़ा।

stalking में व्यस्त सॉल्ट न्यूज़ वाले इस फोटो को सत्यापित करने के लिए समय नहीं निकाल पाए हैं।

फ़ैक्ट चेक: TheNewsMinute ने मुस्लिम आरोपितों का लिखा हिन्दू नाम, बाद में माँगी माफ़ी

ऑनलाइन समाचार पोर्टल द न्यूज़ मिनट (TNM) की एक ऐसी चालबाजी पकड़ी गई जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है। दरअसल, द न्यूज़ मिनट ने अपनी एक ख़बर में बलात्कार के दो आरोपितों को पहले तो काल्पनिक हिंदू नाम दिया और फिर बाद में ख़ुद ही ख़ुलासा किया कि बलात्कार के वे आरोपी वास्तव में मुस्लिम समुदाय के थे।

कर्नाटक के बंटवाल क्षेत्र से बाल शोषण और बलात्कार की एक घटना सामने आई थी, जहाँ एक 42 वर्षीय व्यक्ति पर अपनी नाबालिग बेटी के साथ बार-बार बलात्कार करने का आरोप लगाया गया। द न्यूज मिनट ने बताया था कि नाबालिग लड़की का उसके पिता दिनेश और उसके चाचा प्रदीप द्वारा एक साल से अधिक समय से बलात्कार किया जा रहा था।

TNM की ख़बर में आरोपी व्यक्तियों का वास्तविक नाम शामिल नहीं है, और इसमें काल्पनिक नामों का उल्लेख किया गया था। लेकिन प्रदीप और दिनेश नामों का उल्लेख करके यह जताने का प्रयास किया गया कि अपराधी हिंदू थे।

TNM ने अपने पहले के लेख में बलात्कार के आरोपी के रूप में हिंदू प्रदीप और दिनेश का नाम लिखा था।

तस्वीर आभार: अंकुर सिंह

लेकिन जल्द ही इस घटना को अन्य मीडिया संगठनों द्वारा उजागर किया गया, और तब यह पता चला कि लड़की के पिता का नाम दाऊद है। कथित तौर पर, दाऊद की चार पत्नियाँ हैं, और जबकि उसकी पहली पत्नी उसे छोड़ चुकी है, बाक़ी तीन पत्नियाँ अलग-अलग जगहों पर रह रही हैं। पीड़िता उसकी दूसरी पत्नी की बेटी है।

इसके बाद, TNM को यह लगा कि वो फ़र्ज़ी ख़बरों को प्रचारित करते हुए कहीं पकड़े न जाएँ तो उसने पीड़िता के पिता का नाम बदलकर अली कर दिया और चाचा का नाम बदलकर अब्दुल कर दिया, ये नाम भी काल्पनिक तौर पर इस्तेमाल किए गए हैं। इससे दोनों व्यक्तियों की धार्मिक पहचान उजागर होती है।

तस्वीर आभार: द न्यूज़ मिनट

चाचा द्वारा 17 वर्षीय नाबालिग के बलात्कार की घटना सामने आई और जाँच के दौरान पता चला कि पीड़िता के साथ उसके पिता ने भी बलात्कार किया था। नाबालिग लड़की की माँ ने शिक़ायत दर्ज कराई थी कि उसकी 17 वर्षीय बेटी का बलात्कार उसके देवर द्वारा कई बार किया गया था। नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने के वाले चाचा को अगले दिन उल्लाल पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया।

चौंकाने वाली बात यह है कि लड़की के चाचा ने पुलिस को बताया कि नाबालिग लड़की का पिता पिछले एक साल से अपनी बेटी के साथ बलात्कार कर रहा था। पीड़िता और उसकी माँ बलात्कारी चाचा की माँ से मिलने के लिए बंटवाल से उल्लाल गई थी, जो बीमार थी और उल्लाल के ही अस्पताल में भर्ती थी। उसी रात, चाचा ने कथित तौर पर नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार किया और उसे धमकी दी कि अगर उसने इस बारे में किसी को भी कुछ बताया तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।

न्यूज़ मिनट ने पूरी घटना की सूचना तो दी, लेकिन काल्पनिक नाम इस्तेमाल करने के लिए प्रदीप और दिनेश जैसे हिन्दू नाम का उल्लेख किया जिससे समाज में यह संदेश गया कि बलात्कार करने वाले दोनों व्यक्ति हिंदू थे। न्यूज मिनट ने अपनी सेक्युलर साख को बढ़ाने के लिए कुछ काल्पनिक हिंदू नामों का इस्तेमाल किया।

अपडेट: न्यूज मिनट के एडिटर-इन-चीफ़ धन्या राजेंद्रन ने अब एक स्पष्टीकरण पेश किया है। उन्होंने कहा है कि एक काल्पनिक नाम का उपयोग किया गया था क्योंकि पिता का नाम के साथ पीड़िता की पहचान उजागर हो सकती थी। उन्होंने यह भी कहा है कि एक मुस्लिम अपराधी के लिए हिंदू काल्पनिक नाम का उपयोग करना ग़लत था इसमें संपादक द्वारा अनजाने में एक गलती हुई। हालाँकि यह स्पष्ट नहीं है कि आख़िर क्यों ‘दाऊद’ या ‘अब्दुल’ के नाम की जगह ‘प्रदीप’ का नाम लिख दिया गया।

‘डर’ पर किसका ज़ोर होता है चिदंबरम साहब, ‘ये तो वो पैमाना है जो छलक ही जाता है’

भारत जैसे विशाल देश में लोकसभा चुनाव एक राजनीतिक उत्सव की तरह होता है। इसे देश की राजनीतिक पार्टी अपने-अपने अंदाज़ से मनाती हैं। कोई किसी पर आरोप मढ़ता है, तो कोई किसी को विलेन घोषित करता है। कोई गरीबों का मसीहा बनने का दावा करता है, तो कोई अपने चुनावी घोषणापत्र के ज़रिए गरीबों को पैसा बांटने का भ्रम फैलाता है।

कहीं तो ये उत्सव एक डर के रूप में भी सामने आता है। हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के क़रीबियों के यहाँ आयकर विभाग द्वारा छापेमारी की गई। 50 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी के दौरान करोड़ों रुपए कैश के अलावे अहम दस्तावेज़ भी बरामद किए गए। आयकर विभाग की यह कार्रवाई टॉप सिक्रेट थी, इसकी जानकारी भोपाल पुलिस को भी नहीं थी। अब इस तरह की कार्रवाई का डर पी चिदंबरम को भी सता रहा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “मुझे जानकारी मिली है कि आईटी विभाग शिवगंगा और चेन्नई में मेरे आवास पर छापेमारी की योजना बना रही है, हम सर्च पार्टी का स्वागत करेंगे।”

भले ही पी चिदंबरम अपने इस ट्वीट के ज़रिए यह दिखाना चाहते हों कि उन्हें आयकर विभाग की छापेमारी से डर नहीं लगता, लेकिन सच्चाई तो यह है कि वो सीएम कमलनाथ के क़रीबियों के ठिकानों पर अचानक हुई छापेमारी से सहमे हुए हैं। वजह साफ़ है। उनके बेटे कार्ति चिदंबरम और उनकी पत्नी नलिनी चिदंबरम के कारनामे उन्हें कभी भी ले डूब सकते हैं। पी चिदंबरम को यह डर है कि कहीं एयरसेल-मैक्सिस डील में पिता-पुत्र के घोटाले उन्हें चुनावी दंगल में परास्त न कर दें।पिता-पुत्र ने यह घोटाला तब किया था जब यूपीए की सरकार में सीनियर चिदंबरम (पी चिदंबरम) वित्त मंत्री थे। उन्होंने पद पर रहते हुए ग़लत तरीक़े से विदेशी निवेश को मंज़ूरी दी थी।

जूनियर चिदंबरम (कार्ति चिदंबरम) ने अपने पिता के ज़रिए INX मीडिया को विदेशी निवेश की मंज़ूरी दिलाई थी, जिससे कंपनी को ₹305 करोड़ का विदेशी निवेश प्राप्त हुआ था। बेटे के ख़िलाफ़ मनी लॉड्रिंग केस तो चल ही रहा है, वो जेल भी जा चुका है। ऐसे में सीनियर चिदंबरम का डर तो लाज़मी ही है कि पता नहीं कब उनके भ्रष्टाचारों के ख़ुलासे में इज़ाफ़ा हो जाए।

पी चिदंबरम के डर की एक और वजह है जिसने निश्चित तौर पर उनका सुख-चैन हराम किया ही होगा। वो वजह है ख़ुद उनकी पत्नी नलिनी चिदंबरम, जिनके तार शारदा चिटफंड घोटाले से जुड़े हुए हैं। नलिनी के ख़िलाफ़ CBI ने चार्जशीट दाखिल की थी जिसमें यह कहा गया था कि शारदा चिटफंड घोटाले में उन्होंने साल 2010 से 2012 के बीच ₹1.4 करोड़ लिए थे। इसके अलावा नलिनी चिदंबरम के ख़िलाफ शारदा कंपनियों के समूह के प्रॉपराइटर सुदीप्तो सेन के साथ मिलकर आपराधिक साज़िश रचने, ठगी और रुपयों के गबन के आरोप भी लगाए गए थे। इस ख़ुलासे के बाद सीनियर चिदंबरम का सकते में आना तो बनता ही है, क्योंकि शारदा चिटफंट घोटाले में उनकी पत्नी शामिल हैं, ये बात जगज़ाहिर हो चुकी है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि पी चिदंबरम पहले से ही अपने परिवार के कारनामों का दंश झेल रहे हैं और उस पर आयकर विभाग के छापे का डर उन्हें जीने नहीं दे रहा है।

पी चिदंबरम ट्विटर पर अपने असली दर्द को तो शेयर नहीं कर सकते क्योंकि वो उनके बस की बात नहीं, लेकिन ‘आईटी की छापेमारी का स्वागत’ करने वाली उनकी लाइन बहुत कुछ बयाँ करती है, जिसे पढ़ने वाले उनके असली दर्द को आसानी से समझ सकते हैं।

भले ही इस चुनावी मौसम में देश की जनता को अपने खेमे में लाने की क़वायद अपने चरम पर होती है, लेकिन, ये जो पब्लिक है, वो सब जानती है। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसे कई मौक़े आते हैं जब वो खुलकर बोलती भी है, जैसे हाल ही में तमिलनाडु के मदुरै में महिलाओं ने कार्ति चिदंबरम के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया था। इसकी वजह थी कथित तौर पर कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने कार्ति के आगमन पर ‘आरती की व्यवस्था’ की थी। इसके लिए 25 महिलाओं को बुलाया गया था और उन्हें ₹500 (प्रत्येक को) देने का वादा भी किया गया था। लेकिन महिलाओं को तय राशि देने की बजाए केवल ₹800 थमाए गए और कहा गया कि आपस में बाँट लो। इस पर एक महिला ने कार्ति द्वारा ₹6000 देने की बात पर कहा कि जो वादा किए हुए ₹500 नहीं दे सकते वो ₹6000 क्या देंगे।

डर के साए में जीते पी चिदंबरम इस समय हताशा और निराशा की कगार पर हैं, तभी वो अक्सर ऐसा कुछ कह देते हैं जिससे उनकी यह दशा खुलकर सामने आ जाती है। हाल ही में एक आर्टिकल में उन्होंने बीजेपी की ख़िलाफ़त करते हुए वर्तमान शासन व्यवस्था को सर्कस का नाम दिया था। अपने इस तरह के कारनामों से चिदंबरम अपना ख़ुद का दर्द हल्का करने का काम करते हैं, जिससे उनका ध्यान अपने बेटे और पत्नी के धोखााधड़ी मामलों से भटका रहे।

साले को PM बनाने के लिए ‘जीजाजी’ करेंगे चुनाव प्रचार, स्मृति ईरानी ने कहा अपनी जमीन बचाओ

प्रियंका गाँधी के सियासी मैदान में उतरने के बाद अब उनके पति रॉबर्ट वाड्रा कॉन्ग्रेस के लिए प्रचार अभियान में जोर लगाने वाले हैं। वाड्रा ने कहा है कि यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गाँधी और कॉन्ग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गाँधी के नामांकन पत्र भरने के बाद वह पूरे भारत में कॉन्ग्रेस पार्टी के लिए प्रचार करेंगे।

रॉबर्ट वाड्रा ने रविवार (अप्रैल 7, 2019) को कहा कि वह अमेठी और रायबरेली में राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी के नामांकन भरते समय उनके साथ मौजूद रहेंगे। वह इन दोनों नेताओं के लोकसभा क्षेत्रों में जाकर चुनाव प्रचार भी करेंगे। राहुल गाँधी 10 अप्रैल को अमेठी में तो सोनिया गाँधी 11 अप्रैल को रायबरेली लोकसभा सीट से नामांकन पत्र दाखिल करेंगी।

कॉन्ग्रेस के लिए रॉबर्ट वाड्रा के चुनाव प्रचार में शामिल होने की खबर पर केंद्रीय वित्त मंत्री और वरिष्‍ठ भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा, “मुझे नहीं पता यह कॉन्ग्रेस के चुनाव प्रचार के लिए फायदेमंद होगा या फिर भाजपा के चुनाव प्रचार के लिए।”

वहीं, अरुण जेटली के अलावा केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने भी रॉबर्ट वाड्रा के इस ऐलान पर चुटकी ली है। स्मृति ईरानी ने वाड्रा के इस बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा, “मैं इतना ही कहना चाहूँगी कि जहाँ-जहाँ रॉबर्ट वाड्रा प्रचार करने जाना चाहते हैं, वहाँ की जनता आगाह हो जाए और अपनी जमीनें बचा ले।”

गौरतलब है कि, मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फंसे रॉबर्ट वाड्रा को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 1 अप्रैल, 2019 को ₹5 लाख के निजी मुचलके पर अग्रिम जमानत दे दी थी। वाड्रा के खिलाफ विदेश में आय से अधिक संपत्ति को लेकर जाँच चल रही है। रॉबर्ट वाड्रा ने कुछ दिनों पहले संकेत दिए थे कि अगर उनके ऊपर लगे आरोप खत्‍म हो जाएँगे तो वह राजनीति में आ सकते हैं।

पुणे: बच्चों ने कहा बच्चों जैसी बातें करते हैं राहुल गाँधी, पहले से तैयार होती है स्क्रिप्ट

हाल ही में राहुल गाँधी ने पुणे पहुँचकर भारतीय विद्यापीठ के छात्रों से मुलाकात की थी। जिसे कॉन्ग्रेस पार्टी के करीबी कदम परिवार द्वारा संचालित किया जाता है। इस मुलाकात के बाद इंडिया टुडे की टीम वहाँ पर बच्चों की राय जानने पहुँची तो सत्र की हकीकत का खुलासा हुआ।

यहाँ छात्रों से बातचीत के दौरान एक लड़के ने अपनी बुलंद आवाज़ में पूरे सत्र की हकीकत को बयान किया। छात्र ने बताया कि राहुल गाँधी की बातचीत में सब कुछ पहले से लिखी हुई स्क्रिप्ट की तरह था। बच्चों को वहाँ अपने अनुसार सवाल पूछने तक के लिए मना किया गया था। साथ ही राहुल को पहले से पता था कि उनसे क्या पूछा जाने वाला है।

वहीं दूसरे लड़के ने बताया कि राहुल से पूछे गए सवालों में और उनके द्वारा दिए जा रहे जवाबों में कोई तालमेल नहीं बैठ रहा था। छात्र का कहना था कि राहुल जिस मंच पर थे वो कोई ऐसा मंच नहीं था जहाँ पर भावुक होकर किसी की बचपन की यादें गिनाई जाएँ। छात्र ने कहा, “हम यहाँ पर अपने सवालों का सही जवाब लेने आए थे। हमें उनसे परिपक्व और सटीक जवाबों की उम्मीद थी।”

राहुल के जवाबों से निराश हो चुके बच्चों ने प्रधानमंत्री की ‘परीक्षा पे चर्चा’ पर भी जिक्र किया। दोनों राजनेताओं की तुलना करते हुए वहाँ मौजूद एक लड़के ने बताया कि मोदी की छात्रों से हुई बातचीत प्रासंगिक/ उचित और करियर आधारित थी। जबकि राहुल की बातचीत सिर्फ़ चुनाव संबंधित थी। बच्चों ने राहुल के साथ हुए इस सत्र को जरूरी बताया। उनका कहना था कि सबकी बातें सुनकर वो अब तय कर सकते हैं कि उन्हें किसके लिए वोट करना है। इसके अलावा एक बच्चे ने इस सत्र के बारे में बताया कि यहाँ सिर्फ़ 5-6 बच्चों को राहुल से सवाल पूछने का मौक़ा मिला।

बता दें कि कुछ दिन पहले पुणे में हुई बच्चों से इस बातचीत का एक वीडियो इंटरनेट पर खूब वायरल हुआ था। जिसमें राहुल गाँधी बच्चों को बताने की कोशिश कर रहे थे कि वो नरेंद्र मोदी से बहुत प्यार करते हैं लेकिन मोदी उनसे नफरत करते हैं। यहाँ ऐसी बात कहने के बाद राहुल उम्मीद लगाए बैठे थे कि उनके समर्थन में बच्चे नारे लगाएँगे या तालियों की गड़गड़ाहट से सभाकार गूँज उठेगा। लेकिन वहाँ राहुल का फेंका पासा उन्हीं पर महंगा पड़ गया। राहुल की बात खत्म होते ही कुछ बच्चे मोदी-मोदी के नारे लगाने लगे।

वरुण गाँधी: ‘मेरे परिवार से भी कई PM हुए, लेकिन मोदी जैसा कोई नहीं हुआ, वो जिएगा तो देश के लिए, मरेगा तो देश के लिए’

लोकसभा चुनाव को लेकर गरमाई सियासत के बीच भारतीय जनता पार्टी के युवा सांसद वरुण गाँधी ने कल रात (अप्रैल 7, 2019) प्रचार अभियान के दौरान एक बड़ी बात कह दी। वरुण गाँधी ने 10 जनपथ वाले गाँधी परिवार पर हमला करते हुए कहा कि उनके परिवार से भी कई प्रधानमंत्री हुए हैं, लेकिन देश को वास्तविक सम्मान पीएम नरेंद्र मोदी ने दिलाया है। जो सम्मान नरेंद्र मोदी ने देश को दिलाया है, वो बहुत लंबे समय तक किसी ने नहीं दिलाया।

सुल्तानपुर से सांसद और पीलीभीत से भाजपा के उम्मीदवार वरुण गाँधी ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि वो आदमी केवल देश के लिए जी रहा है और वो मरेगा भी देश के लिए, उसको केवल देश की चिंता है। भाजपा सांसद ने कहा कि जो काम पीएम मोदी ने 5 साल में किया है, वह अगले पायदान पर जाकर देश के मान सम्मान को और बढ़ाएँ। देश को पूरी दुनिया में आगे ले जाएँ। लंबे अरसे बाद देश को एक ऐसा प्रधानमंत्री मिला है, जिसके बारे में छाती चौड़ी करके बोल सकते हैं कि हमारे पास ऐसा प्रधानमंत्री है। केंद्र सरकार ने किसानों के लिए काफी काम किया है, राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी काम किया है। विपक्षी पार्टियों के द्वारा राजनीति के स्तर को गिराया जा रहा है।

इस दौरान वरुण गाँधी ने जनता से नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने के लिए भाजपा को जिताने का संकल्प लेने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने मुस्लिम और एससी-एसटी मतदाताओं से भी भाजपा को वोट देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जनता के प्यार से ही वह पीलीभीत से 2009 में पहली बार सांसद बन कर दिल्ली पहुँचे थे और अब वो फिर से उनके बीच उनका प्यार पाने के लिए आए हैं।

गौरतलब है कि वरुण गाँधी अभी सुल्तानपुर से सांसद हैं। इस बार पार्टी ने उन्हें पीलीभीत से उम्मीदवार बनाया है और पीलीभीत की सांसद और वरुण की माँ मेनका गाँधी को इस बार सुल्तानपुर से टिकट दिया गया है।

J&K: मीरवाइज़ की निकली हेकड़ी, NIA की पूछताछ के लिए पहुँचेंगे दिल्ली

बीते दिनों NIA के नोटिस की अवहेलना करने के बाद कश्मीर के अलगाववादी नेता मीरवाइज़ उमर फारूक़ ने टेरर फंडिंग मामले में पूछताछ में जवाब देने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के समक्ष दिल्ली में पेश होने के लिए निकल पड़े हैं। इसकी जानकारी हुर्रियत गुट के एक प्रवक्ता ने दी है।

गौरतलब है एजेंसी ने हाल ही में मीरवाइज को तीसरा नोटिस भेजकर 8 अप्रैल को दिल्ली में NIA के समक्ष पेश होने को कहा था। जिसपर मीरवाइज के नेतृत्व वाले हुर्रियत गुट के एक प्रवक्ता ने बतया कि मीरवाइज पूछताछ के लिए दिल्ली आने को तैयार हो गए हैं। इस दौरान उनके साथ अब्दुल गनी भट, मसरूर अंसारी, बिलाल गनी लोन समेत हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के सदस्य उनके साथ होंगे। एएनआई ने भी ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी है कि मीरवाइज़ श्रीनगर से दिल्ली आने के लिए रवाना हो चुके है।

यहाँ बता दें कि इस नोटिस से पूर्व भी एजेंसी उन्हें दो नोटिस जारी कर चुकी थी लेकिन मीरवाइज ने दिल्ली का दौरा करने में अपनी सुरक्षा संबंधी चिंता को जाहिर किया था। साथ ही श्रीनगर में पूछताछ करने की बात कही थी। अनेक प्रयासों के बाद भी एजेंसी ने वहाँ पूछताछ करने की माँग को खारिज़ कर दिया। एजेंसी ने मीरवाइज की चिंता का ख्याल रखते हुए उन्हें आश्वासन भी दिया कि वह (एजेंसी) उनकी सुरक्षा का ध्यान रखेगी।

इससे पहले एनआईए द्वारा अलगावादी नेताओं को समन करने के बाद से श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। अलगाववादियों ने सड़क पर जमकर उत्पात मचाया था।

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने मीरवाइज़ को नोटिस देने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। महबूबा ने कहा था कि मीरवाइज़ एक साधारण अलगाववादी नेता नहीं हैं बल्कि वे ‘काश’ मुस्लिमों के मज़हबी मुखिया भी हैं। महबूबा ने एक ट्वीट में लिखा था कि एनआईए का समन हमारी धार्मिक पहचान पर भारत सरकार द्वारा बार-बार किए जा रहे चोट का प्रमाण है। उन्होंने कहा था कि सरकार वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए मीरवाइज़ को बलि का बकरा बना रही है।