Wednesday, November 6, 2024
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घर से भाग कर रचाई थी शादी, 20 वर्ष बाद अनीस ने पत्नी को शक़ के आधार पर मार डाला

उत्तर-पूर्व दिल्ली के जाफराबाद से एक संगीन आपराधिक मामला सामने आया है। यहाँ एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को मार डाला और फिर उसके बीमार होने की बात कही। अनीस ने अपने इस अपराध को ढकने के लिए एक कुटिल योजना भी बनाई। उसने बच्चों को विश्वास दिलाने के लिए झूठ कहा कि आसमाँ की तबियत ख़राब थी और इसी कारण वो नीचे गिर गईं। उसने अपनी बीवी के पेट में जोर का दर्द होने का बहाना बनाया। मामले की सच्चाई तब सामने आई जब पुलिस ने कब्रगाह पहुँच कर मृत शरीर की पड़ताल की। 48 वर्षीय अनीस और उसकी पत्नी आसमाँ ने 20 वर्ष पहले अपने परिवारों की इच्छा के विरुद्ध घर से भागकर शादी रचाई थी।

डीसीपी अतुल कुमार ठाकुर ने कहा कि अनीस के ख़िलाफ़ हत्या और सबूतों से छेड़छाड़ करने का मामला दर्ज कर लिया गया है। असल में पुलिस को इस घटना की जानकारी एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा मिली जिसने अपने पड़ोस में एक महिला की मृत्यु होने की बात कही। बाद में पता चला कि उक्त महिला को कब्रगाह में दफ़ना दिया गया, जहाँ उसके पति व परिवार के अन्य लोगों ने अंतिम क्रिया पूरी की। जब पुलिस को अनीस के बयानों पर भरोसा नहीं हुआ तो उसने कब्रगाह पहुँच कर मृत शरीर को ज़ब्त कर लिया।

दरअसल, अनीस ने पहले तो कहा कि उसकी पत्नी के पीट में जोर का दर्द हुआ और वो नीचे गिर पड़ी लेकिन बाद में उसने कहा कि उसकी पत्नी को कई सालों से एक बीमारी थी, जिसके बढ़ने के कारण उसकी मौत हुई। पुलिस ने शव को अस्पताल पहुँचाने का बंदोबस्त किया, जहाँ पोस्टमॉर्टम सहित अन्य औपचारिकताएँ पूरी की गई ताकि मौत के कारणों से पर्दा उठाया जा सके। इस दौरान डॉक्टरों को मृत शरीर पर ऐसे कोई भी निशान नहीं मिले, जिससे महिला के गिरने की पुष्टि होती हो।

जब डॉक्टरों ने मृत शरीर के गर्दन पर गला दबाने का निशान पाया, तब मामले का ख़ुलासा हुआ। पुलिस की सख़्त पूछताछ के बाद अनीस ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए कहा कि उसने ही अपनी पत्नी का ख़ून किया है। उसे शक था कि उसकी पत्नी के विवाहेतर सम्बन्ध हैं और इसी कारण दोनों में अक्सर झगड़ा भी हुआ करता था। इस बार भी ऐसा ही झगड़ा हुआ। अनीस को शक हुआ कि उसकी पत्नी अपने प्रेमी को फोन से मैसेज कर रही है, जिसके बाद दोनों में फिर से झगड़ा हुआ।

ये झगड़ा तब हिंसक हो गया जब अनीस ने अपनी पत्नी का गला दबा कर मार डालने की कोशिश करने लगा। उसने अपनी पत्नी की ही चुन्नी का इस्तेमाल कर उसका गला दबा दिया। जब आसमाँ की मौत हो गई तो उसने उसे बीमारी से जोड़कर बचने की कोशिश की लेकिन अंततः पुलिस की सक्रियता के कारण धरा गया।

कॉन्ग्रेस को EC से झटका: कैंपेन सॉन्ग में नफरत और ‘समुदाय’ को भड़काने की बात, हटाई गईं लाइनें

सभी राजनीतिक पार्टियाँ जोर-शोर से लोकसभा चुनाव के प्रचार-प्रसार में जुटी हैं। चुनाव आयोग भी सभी पार्टियों पर अपनी गहरी नजर बनाए हुए है। इस बीच कॉन्ग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए नया नारा जारी कर दिया है। बता दें कि चुनाव आयोग की आपत्ति के बाद कॉन्ग्रेस का नया नारा जारी किया गया।

दिल्ली में चुनाव आयोग की मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति (MCMC) की टीम ने कॉन्ग्रेस के कैंपेन सॉन्ग की कुछ लाइनों को आपत्तिजनक बताते हुए उसमें बदलाव करने के लिए कहा था। इन लाइनों में मोदी सरकार द्वारा नफरत फैलाने और समुदायों को एक-दूसरे के खिलाफ भड़काने का आरोप लगाया गया था। चुनाव आयोग द्वारा जताई गई आपत्ति के बाद उसमें सुधार कर उसे दोबारा MCMC के पास भेजा गया। इसके बाद आयोग ने इस चुनाव अभियान प्रचार गीत को हरी झंडी दे दी है।

इसको कॉन्ग्रेस ने ‘अब होगा न्याय’ नाम दिया है। रविवार (अप्रैल 7, 2019) को कॉन्ग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा और रणदीप सुरजेवाला ने ‘अब होगा न्याय थीम’ पर चुनाव लड़ने की जानकारी दी है। आनंद शर्मा ने बताया कि कॉन्ग्रेस के थीम सॉन्ग को जावेद अख्तर ने लिखा है। इस गाने में कॉन्ग्रेस ने केन्द्र की मोदी सरकार पर सीधे सवाल उठाए हैं। गाने के बोल में रोजगार के बुरे हालातों, नोटबंदी, महिलाओं की सुरक्षा, जीएसटी और किसानों में बढ़ती आत्महत्या के प्रमुख मुद्दे उठाए गए हैं।

गौरतलब है कि कॉन्ग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव का घोषणापत्र जारी कर दिया है। जिसमें कॉन्ग्रेस ने सत्ता में आने पर गरीबों को न्यूनतम आय योजना के तहत हर साल ₹72 हजार दिए जाने का वादा किया है। इसी न्यूनतम आय योजना ‘न्याय’ को ही चुनावी नारा बनाते हुए कॉन्ग्रेस ने ये नारा जारी किया है।

नहीं टूटेगा मंदिर: फ्लाईओवर के लिए 25 फ़ीट खिसकाया जा रहा यह मंदिर, लगाए गए 350 जैक

तमिलनाडु के नारायणपुरम में मदुरै-नाथम एलिवेटेड राजमार्ग निर्माण का कार्य चल रहा है। इस दौरान एक फ्लाईओवर भी बनाया जाना है लेकिन ऐन वक्त पर एक समस्या खड़ी हो गई। दरअसल, फ्लाईओवर निर्माण के लिए जो नक्शा प्रस्तावित था, उसमें रास्ते में एक मंदिर था। अधिकारियों के मुताबिक़, 21 वर्ष पुराने इस मंदिर के कारण फ्लाईओवर का काम रुक रहा था। प्रशासन ने पहले तो इस मंदिर को तोड़ने तक की भी योजना बनाई लेकिन बाद में प्लान में बदलाव किया गया। 350 टन वजन वाले इस मंदिर को अब 25 फ़ीट अलग खिसकाने का निर्णय लिया गया है।

नेपाल, बिहार और हरियाणा से आई टीमों को इस मंदिर को खिसकाने की प्रक्रिया में लगाया गया है। अमर उजाला में प्रकाशित ख़बर के अनुसार, मंदिर के पुजारी ए दामोदरन ने बताया कि पहले मंदिर के 15 फ़ीट के हिस्से को तोड़ने की बात कही गई थी। बाद में कमिटी ने अनुमान लगाया कि इसे दुबारा बनवाने में सवा करोड़ के आसपास ख़र्च आएगा। इसीलिए कमिटी ने आर्थिक रूप से सस्ता तरीका निकाला। कमिटी के नए अनुमान के मुताबिक़, मंदिर को खिसकाने में 22 लाख रुपए का ख़र्च आएगा।

इंजीनियर धर्मालिंगम ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि अगर शिखर को भी मिला दें तो 4225 वर्गफीट में बने इस मंदिर की ऊँचाई 25 फीट है। दूसरी जगह बगल में ही मंदिर को शिफ्ट करने के लिए स्थान तैयार कर लिया गया है। वहीं पर मंदिर को शिफ्ट किया जाएगा। इस कार्य के लिए 350 जैक लगाए गए हैं।

शुक्रवार (अप्रैल 5, 2019) को सुबह में मंदिर को खिसकाने की प्रक्रिया शुरू की गई। लेकिन, तीन घंटे में इसे महज तीन फ़ीट ही खिसकाया जा सका। हालाँकि, मंदिर को 15 फ़ीट ही खिसकाने की ज़रुरत थी लेकिन भविष्य में होने वाले निर्माण कार्यों को देखते हुए इसे 25 फ़ीट खिसकाने का निर्णय लिया गया है। मंदिर के मुख्य भाग के साथ इसके साथ बने तीन अन्य छोटे-बड़े मंदिरों को भी खिसकाया जाएगा।

बता दें कि मदुरै-नाथम राजमार्ग के लिए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हरी झंडी दी थी। नवम्बर 2017 में गडकरी ने बताया था कि भारत सरकार ने तमिलनाडु में सड़क परियोजनाओं के लिए एक लाख करोड़ से भी अधिक की राशि स्वीकृत की है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलनीसामी ने इस कार्य के लिए गडकरी को धन्यवाद दिया था।

बिरयानी को लेकर कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं में हुई जमकर जूतम-पैजार: चले लाठी-डंडे, कई घायल

बिजनौर सीट से कॉन्ग्रेस उम्मीदवार नसीमुद्दीन सिद्दीकी के समर्थकों के बीच बिरयानी खाने को लेकर हुई झड़प और जूतम-पैजार में कई लोग घायल हो गए। बता दें कि बिना मंजूरी के एक चुनावी सभा के दौरान बिरयानी परोसने और पहले खाने की होड़ में विवाद हो गया। इसके बाद जमकर लाठी-डंडे चले, जिसके कारण कई घायल हो गए।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, घटना के बाद मौके पर पुलिस पहुँची और कार्रवाई करते हुए इस मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया। पूरा मामला कुछ यूँ है। काकरौली थाना क्षेत्र के टडहेड़ा गाँव में शनिवार (अप्रैल 6, 2019) को हाल ही में कॉन्ग्रेस में शामिल हुए पूर्व विधायक मौलाना जमील के आवास पर चुनावी सभा आयोजित की गई थी। चुनावी सभा के बाद दोपहर के भोजन के लिए बिरयानी परोसी जानी थी लेकिन वहाँ मौजूद लोगों में पहले बिरयानी खाने की होड़ में भयंकर मल्ल-युद्ध छिड़ गया। नौबत यहाँ तक आ गई कि लोगों ने लाठी-डंडों का भी सहारा लिया। बिरयानी की भूख तब शांत हुई जब कई लोग लहूलुहान हो गए।

हालाँकि, बताया जा रहा है कि जल्द ही सूचना मिलने पर पहुँची पुलिस ने घटनास्थल पर हिंसक भीड़ को तितर-बितर न किया होता तो बिरयानी लूटने के लिए ये एक-दूसरे की जान ले लेते। क्षेत्राधिकारी राम मोहन शर्मा ने बताया कि आईपीसी की विभिन्न धाराओं और आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन में जमील और उनके बेटे नईम अहमद समेत 34 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। घटना के संबंध में अभी तक नौ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

संभावित तनाव को देखते हुए गाँव में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। बता दें कि जमील ने गत सप्ताह बसपा का साथ छोड़कर कॉन्ग्रेस का हाथ थाम लिया था। वह 2012 में मीरापुर विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे। बिजनौर में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 11 अप्रैल को मतदान होगा।

बकरियों, मुर्गियों व अण्डों से पाकिस्तान को महाशक्ति बनाएँगे इमरान ख़ान, जनता हैरत में

पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान ख़ान ने अपने देश की ग़रीबी, भूखमरी और आर्थिक बदहाली को दूर करने के लिए बकरियों, मुर्गियों व अण्डों का सहारा लेने की बात कही है। इससे पाकिस्तान की जनता तो हैरत में है ही, दुनियाभर में अन्य लोग भी इसके लिए इमरान ख़ान का मज़ाक बनाने में लगे हुए हैं। अब ज़रा आप भी पाकिस्तान के पीएम की इस दूरदर्शी योजना के बारे में जान लीजिए। बकौल इमरान, इस योजना से सभी संवेदनशील समुदायों, खासकर महिलाओं की ग़रीबी दूर होगी। इतना ही नहीं, इस योजना के लिए संविधान में भी संशोधन किया जाएगा। इससे ग़रीबों को आवास, भोजन, स्वास्थ्य और कपड़ा जैसी मूलभूत सुविधाएँ देना सरकार के लिए अनिवार्य हो जाएगा।

दरअसल, पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि वे ग़रीबो को बकरियाँ देंगे ताकि उन्हें दूध मिले और बच्चों को दूध मिले। साथ ही उन्होंने कहा कि देहात में औरतों को मुर्गियाँ दी जाएँगी। उन्होंने कहा कि मुर्गियों व बकरियों से देहात में बड़ा बदलाव आएगा। लोगों ने इमरान ख़ान का जम कर मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि अब पाकिस्तान बकरियों और मुर्गियों का उपयोग कर विश्व महाशक्ति बनेगा।

एक ट्विटर यूजर ने चुटकी लेते हुए कहा कि पाकिस्तान विश्व में ‘ऑमलेट का राजा’ और ‘ब्रेड का बादशाह’ के रूप में जाना जाएगा। नीचे हम कुछ ऐसे ट्वीट्स संलग्न कर रहे हैं, जिससे आप भी इस हास्यपूर्ण सिलसिले का गवाह बन सकें।

इसी तरह पाकिस्तान गदहों को भी बेचता रहा है। चीन में गदहों की बढ़ती माँग से परेशान अफ्रीकी देशों ने जब उसे गदहे बेचना बंद कर दिया तो उसने इन देशों में लोगों के गदहे चुराने शुरू कर दिए। इस मामले में हमने एक गंभीर विश्लेषण कर बताया था कि चीन में क्यों गदहों की माँग बढ़ रही है और कैसे पाकिस्तान में गदहों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए उन्हें चीन को बेच दिया जा रहा है?

महिला ‘मानवाधिकार’ वकील को एयर इंडिया क्रू मेंबर पर थूकने के लिए 6 महीने जेल

पिछले साल नवंबर में एयर इंडिया के विमान द्वारा मुंबई से लंदन जाते समय आयरलैंड की एक महिला वकील सिमोन बर्न्स ने क्रू मेंबर्स के साथ बदतमीज़ी और दुर्व्यवहार किया था। इस आचरण के लिए मानवाधिकार की हितैषी उस महिला को छह महीने के लिए जेल भेज दिया गया है। महिला द्वारा किया गया अभद्रतापूर्ण व्यवहार कैमरे में कैद था, जिसमें दिखाया गया कि उस महिला ने शराब न दिए जाने पर क्रू मेंबर्स से बदतमीजी की थी। यही नहीं क्रू द्वारा बात न मानने उसने क्रू मेंबर पर थूक दिया था और गालियाँ भी दी थीं। ध्यान दिला दें कि सिमोन बर्न्स मानवधिकार वकील हैं।

ख़बर के अनुसार, गुरुवार (4 अप्रैल) को लंदन में आईलवर्थ (Isleworth) क्राउन कोर्ट में सुनवाई के दौरान बर्न्स को ‘शराबी और उद्दंड’ बताया गया। उसने फ्लाइट अटेंडेंट को भी उकसाया। न्यायाधीश ने इसे नोट किया और इसे ‘अपमानजनक और परेशान करने वाला कृत्य’ कहा। न्यायाधीश निकोलस वुड ने एक विमान में नशे में धुत होने और हमले के लिए 50 वर्षीय बर्न्स को छह महीने की जेल की सज़ा सुनाई।

बर्न्स के अभद्र व्यवहार की निंदा करते हुए उन्होंने कहा, “आप शुरू से लेकर अंत तक लगभग नशे में थी। आपने निंदापूर्ण, तिरस्कारपूर्ण ​​और झगड़ालू किस्म की और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।” अदालत ने इस तथ्य का संज्ञान लिया कि मानवाधिकार वकील ने केबिन क्रू को “पैसे ऐंठने वाले भारतीय” कहने से पहले शराब की तीन बोतलें पी ली थी। इसके बाद महिला वकील के अधिक नशे में होने के कारण क्रू द्वारा और रेड वाइन देने से इनकार कर दिया गया।

रेड वाइन न दिए जाने पर महिला वकील ने अपनी प्रतिष्ठा का रौब भी दिखाया। इसके अलावा उन्हें धूम्रपान करते भी देखा गया जिस पर उन्हें कई बार चेतावनी भी दी गई। एयर इंडिया के केबिन क्रू के एक सदस्य ने कहा कि उन्होंने अपने 34 साल के एविएशन करियर के दौरान ऐसा कभी नहीं देखा था।

जानकारी के अनुसार, बर्न्स ने दुनिया भर के शरणार्थियों के साथ काम किया है, इस पर भी जज ने दृष्टि डाली, लेकिन महिला द्वारा किया गया इस तरह का आचरण पूरी तरह से निंदनीय था। इससे एयरलाइन के सभी कर्मचारियों को काफ़ी परेशानी हुई।

मुंबई: 5 साल की बच्ची के रेप पर हुई जेल, छूटने पर 9 साल की बच्ची का रेप कर हत्या की

मुंबई से इंसानियत को शर्मशार करने वाली एक घटना सामने आई है। विले पार्ले इलाके में 9 साल की बच्‍ची के साथ दुष्‍कर्म और उसके बाद उसकी बेरहमी से हत्‍या करने का एक मामला सामने आया है। बच्ची का शव एक सार्वजनिक शौचालय में पाया गया। पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार व्यक्ति का नाम वडिवेल देवेंद्र उर्फ गुंडप्प है। देवेंद्र को शनिवार (अप्रैल 6, 2019) को POCSO अदालत में पेश किया गया। जिसके बाद उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 201, 302, 363, 376 और POCSO अधिनियम की धाराओं 4, 8 और 12 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

बच्ची की गुमशुदगी की रिपोर्ट गुरूवार (अप्रैल 4, 2019) को जुहू पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई थी जिसके बाद से पुलिस छानबीन में जुटी हुई थी। पुलिस ने बताया कि 2 दिन पहले बच्ची की माँ ने बच्ची को चाय पत्ती लाने के लिए दुकान पर भेजा था, जिसके बाद बच्ची घर वापस नहीं लौटी। बच्ची की तलाशी में जुटी पुलिस ने जब उस जगह का सीसीटीवी कैमरा चेक किया तो उसमें उसने बच्ची को गुंडप्प के साथ देखा। जिसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लिया और पूछताछ करना शुरू किया। पहले तो उसने ये कहते हुए इनकार कर दिया कि उसने बच्ची को वहींं पर छोड़ दिया था, उसके बाद उस बच्ची का क्या हुआ, उसे नहीं पता, मगर फिर शनिवार (अप्रैल 6, 2019) को सुबह उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

गौरतलब है कि देवेंद्र 6 महीने पहले ही जेल से रिहा हुआ है। साल 2013 में गुंडप्प ने एक 5 साल की बच्ची का रेप किया था, जिसके लिए उसे सजा मिली थी। जेल में किए गए अच्छे व्यवहार की वजह से गुंडप्पा की सजा को कम करते हुए सजा की निश्चित अवधि से पहले ही रिहा कर दिया गया। मगर जेल से बाहर आने के 6 महीने बाद ही उसने जिस तरह की वारदात को अंजाम दिया है, उससे साफ जाहिर हो रहा है कि जेल के अंदर का उसका व्यवहार महज एक दिखावा था। उसके अंदर का वहशीपन और क्रूरता अभी भी जिंदा है तभी तो उसने 9 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद निर्ममता से उसकी हत्या कर दी।

बच्‍ची की लाश मिलने के बाद लोगों का गुस्‍सा भड़क गया। परिजनों और सैंकड़ों लोगों ने जुहू पुलिस स्टेशन के बाहर पहुंचकर जमकर हंगामा किया। जुहू पुलिस ने परिजन समेत हजारों की संख्या में प्रदर्शन कर रहे लोगों को आश्वासन दिया है कि पुलिस इस मामले में आरोपी पर सख्त कार्रवाई करेगी और कोर्ट से अपील करेगी कि उसे सख्त से सख्त सजा दी जाए।

कॉन्ग्रेस की मीटिंग में ‘खाली कुर्सियों’ की फोटो लेना मना है, पीट दिए जाओगे!

तमिलनाडु में कॉन्ग्रेस की चुनावी बैठक में खाली कुर्सियों की फोटो क्लिक करना एक फोटो जर्नलिस्ट को काफ़ी महँगा पड़ गया। इंडिया टुडे की ख़बर के अनुसार, एक तमिल साप्ताहिक पत्रिका के पत्रकार पर कॉन्ग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं का गुस्सा इस क़दर भड़का कि उसकी जमकर धुनाई ही कर डाली। नौबत तो यहाँ तक आन पड़ी कि बुरी तरह से घायल हुए पत्रकार को स्थानीय निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

दरअसल, यह घटना शनिवार (6 अप्रैल) की है जहाँ पत्रकार की पिटाई इसलिए हो गई क्योंकि वो तमिलनाडु के विरुधुनगर ज़िले में कॉन्ग्रेस पार्टी की चुनावी बैठक में खाली कुर्सियों की तस्वीरें ले रहे थे।

पत्रकार का नाम आरएम मुथुराज है जोकि तमिल की एक साप्ताहिक पत्रिका में बतौर फोटो जर्नलिस्ट हैं। पिटाई के दौरान घटनास्थल पर मौजूद अन्य पत्रकारों ने हस्तक्षेप किया जिसके बाद दोनों समूहों के बीच जमकर हंगामा हुआ।

इस बीच, भारतीय जनता पार्टी के नेता एसजी सूर्या ने कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं के इस अभद्र कृत्य के लिए कॉन्ग्रेस पार्टी का मज़ाक उड़ाया। फ़िलहाल फोटो जर्नलिस्ट आरएम मुथुराज ने पुलिस में शिक़ायत कर मामला दर्ज करा दिया है। उधर, पुलिस ने मामले का संज्ञान में लिया और विरुधुनगर के सरकारी अस्पताल में दौरा भी किया।

NIA के हाथ लगा 2017 में CRPF कैंप पर हमला करने वाला JeM का आतंकी

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने शनिवार (अप्रैल 6, 2019) को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी सैयद हिलाल अंद्राबी (35 वर्षीय) को गिरफ़्तार कर लिया है। अंद्राबी ने 2017 में CRPF पर हुए आतंकी हमले को अंजाम दिया था। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा ज़िले से संबंध रखने वाले सैयद हिलाल को गिरफ्तारी के बाद अदालत में पेश किया गया जिसके बाद उसे पाँच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

ख़बर के अनुसार, 30 दिसंबर 2017 को दक्षिण कश्मीर के लेथपोरा में CRPF कैंप पर किए गए हमले के आरोप में आतंकी सैयद को NIA ने जम्मू से गिरफ़्तार किया। CRPF कैंप पर हुए इस आतंकी हमले में पाँच सुरक्षाकर्मी वीरगति को प्राप्त हुए थे। इसके अलावा 36 घंटे तक चली गोलीबारी में तीन आतंकियों को मार गिराया गया था।

NIA के अनुसार, CRPF हमले का मुख्य साज़िशकर्ता सैयद हिलाल ही है जिसने इसे अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा NIA ने यह भी बताया कि आतंकी सैयद ने अन्य आतंकवादियों की न सिर्फ़ मदद की बल्कि उन्हें शरण भी दी। जानकारी के अनुसार, CRPF कैंप पर हमला करने से पहले उस जगह की पूरी तरह से जाँच-पड़ताल भी की गई थी जिससे अधिक से अधिक क्षति पहुँचाई जा सके। सैयद हिलाल की गिरफ़्तारी के बाद इस हमले में गिरफ़्तार किए गए आतंकवादियों की संख्या बढ़कर चार हो गई है।

सैयद हिलाल अंद्राबी की गिरफ़्तारी निसार अहमद तांत्रे के बाद हुई, जिसके भाई नूर त्राली ने जम्मू-कश्मीर में जैश को पुनर्जीवित करने में मदद की थी, NIA ने उसी मामले में UAE से निकाले जाने के बाद गिरफ़्तार किया था।

पिछले महीने NIA ने 2017 के हमले के कथित साज़िशकर्ता के रूप में पुलवामा से फ़ैयाज़ अहमद मगरे को गिरफ़्तार किया था और उस पर हमले से पहले लेथपोरा में CRPF ग्रुप सेंटर की टोह लेने और आतंकवादियों को पनाह देने का आरोप लगाया था।

BJP में शामिल हुए पूर्व आर्मी जनरल, पार्टी को बताया किसी फौजी की पहली पसंद

राजनीतिक दल भाजपा इस बार लोकसभा चुनाव में कई नए चेहरों के साथ चुनावी मैदान में उतरने वाली है। बीते कुछ दिनों में कई बड़े नेताओं ने बीजेपी का दामन थामा। अब इस लिस्ट में एक और बड़ी शख्सियत का नाम जुड़ चुका है। पूर्व उप सेना प्रमुख लेफ्ट‍िनेंट जनरल शरत चंद्र विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज की मौजूदगी में शनिवार (अप्रैल 6, 2019) को भाजपा में शामिल हो गए

जनरल शरत चंद्र को जून 1979 में गढ़वाल राइफल्स में नियुक्त हुए थे और पिछले ही साल यानी 1 जून 2018 को भारतीय थलसेना के उप प्रमुख पद से रिटायर हुए हैं। बीजेपी में शामिल होने के मौके पर उन्‍होंने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि राजनीति में आएँगे, मगर वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता और उनकी विचारधारा से काफी प्रेरित हुए। इसी वजह से उन्होंने राजनीति में आने का मन बनाया। उन्होंने कहा कि वो देश की सेवा में अपना योगदान देना चाहते हैं और मौजूदा समय में देश को एक मजबूत नेतृत्व की जरूरत है।

सेना में अपने 39 साल के करियर में सक्रिय कॉम्‍बैट लीडर के तौर पर कई भूमिकाएँ निभाने वाले जनरल चंद ने मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि जितना भाजपा की सरकार ने सेना के लिए काम किया है उतना किसी और सरकार ने नहीं किया। एक पार्टी के रुप में भाजपा किसी भी फौजी की पहली पसंद है। गौरतलब है कि श्रीलंका में ‘ऑपरेशन पवन’ के दौरान भी सेना की कमान शरत चंद्र ने ही संभाली थी। पूर्व उप सेना प्रमुख को भारतीय सेना में शानदार करियर के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है।