Saturday, May 11, 2024

बड़ी ख़बर

वैरागी जीवन जीते हुए वीतरागी हो जाना है नागा संन्यासी होना

कई मुस्लिम, ईसाई और बाकी धर्मों के लोग भी स्वीकार किए गए हैं। इनमें वो लोग भी शामिल हैं जो पहले डॉक्टर और इंजीनियर रह चुके हैं।

बाप बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपैया… और IAF है दुधारू गैया

कहानी इसलिए क्योंकि कभी स्क्वाड्रन लीडर समीर अबरोल मर जाता है, तो कभी स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी को भुला दिया जाएगा। उदाहरण इसलिए क्योंकि आपको मतलब हो या न हो, पार्टी आलाकमानों के बड्डे याद कराना नहीं भूलते नेता'जी' लोग।

CBI की गिरती साख: कब तक होती रहेगी केंद्रीय एजेंसियों की फ़ज़ीहत

आज आवश्यकता है एक ऐसी एजेंसी की जो आंतरिक सुरक्षा, भ्रष्टाचार की जाँच, इंटेलिजेंस एकत्र करना और आतंकवाद इन सभी ज़िम्मेदारियों को पूर्ण स्वायत्ता के साथ संभाल सके।

‘फिरौती के लिए अपहरण’ का बाज़ार ध्वस्त करने के लिए शुक्रिया नीतीश जी, लेकिन दंगे और रेप का क्या?

बलात्कार के मामलों में जहाँ 23% की वृद्धि देखी गयी है, वहीं दंगों की घटनाओं में 29% की वृद्धि सरकार के लिए चिंता का सबब बन सकती है।

BJP के संकटमोचक: बड़ी से बड़ी समस्याओं को यूँ काबू में कर लेते हैं मृदुभाषी फडणवीस

भाजपा में एक ऐसे नए संकटमोचक का उदय हुआ है, जो ढोल पीटना नहीं जानता, अपने गुणगानों का बखान करना नहीं जानता, तेज़ आवाज में नहीं बोलता, लेकिन फिर भी जनता उसकी भाषा समझती है और वो जनता की।

ज़मीनी स्तर पर किसानों के लिए मोदी काल में हुए बदलावों की गहन पड़ताल (भाग 1)

"हमें तो जो भी मिले वो चलेगा, क्योंकि जहाँ आज हम एक-एक पाई को मोहताज़ हैं, वहाँ एक-आध हज़ार का भी बहुत महत्व है।"- पीएम-किसान योजना पर निर्धन किसान जटहू सहनी की राय।

गोहत्या मामले में MP में कॉन्ग्रेस सरकार आने के बाद नदीम, शकील और आजम पर रासुका

खंडवा के एसपी ने कहा कि खंडवा साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाका है, इसलिए आरोपितों पर रासुका लगाना जरूरी था।

एक का विश्वास, दूसरे का अंधविश्वास: 5 जज, 6 वकील – SC में सबरीमाला पर दमदार दलील

कोई भी व्यक्ति जो अनुच्छेद 25 (2) (बी) के तहत पूजा करने का अधिकार रखता है, उसे देवता की प्रकृति के अनुरूप करना होगा।

गाँधी के पुतले पर गोली चलाने वाले पति-पत्नी गिरफ़्तार: जानिए वो 6 धाराएँ, जिनमें हुआ मुकदमा

पूजा ने महात्मा गाँधी के पुतले पर खिलौने वाली पिस्टल (एयर पिस्टल) से तीन गोलियाँ चलाई थीं। इस दौरान वहाँ खड़े लोगों ने 'गोडसे जिंदाबाद' के नारे भी लगाए और गाँधीजी के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल भी किया था।

मक़बूल शेरवानी: कश्मीर के रखवाले मुस्लिमों की कहानी (भाग 2)

मक़बूल शेरवानी के इस कृत्य को आज भी याद किया जाता है और बारामुला में भारतीय सेना ने उसका स्मारक भी बनवाया है। प्रसिद्ध उपन्यासकार मुल्कराज आनंद मक़बूल शेरवानी से इतने प्रभावित हुए थे कि उन्होंने उसके ऊपर एक उपन्यास लिखा जिसका शीर्षक था: Death of a Hero.

ताज़ा ख़बरें

प्रचलित ख़बरें