Friday, October 18, 2024

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सिर्फ MSME सेक्टर से 4 सालों में 6 करोड़ लोगों को मिली नौकरी: CII

CII के इस सर्वे में 1,05,347 MSME ने भाग लिया। सर्वे बताता है कि पिछले 4 सालों के दौरान छोटे उद्योग-धंधों ने सबसे ज्यादा रोजगार के मौके पैदा किए और इस दौरान किए गए आवश्यक सुधारों के कारण अगले 3 सालों में भी ऐसा ही होने की उम्मीद है।

दूध माँगोगे तो भी चीर देंगे: जब पाक की पूँछ के नीचे पेट्रोल डालकर भारत अपने काम करता रहा

इस बार भी पाकिस्तान ने अपने न्यूक्लिअर कमांड अथॉरिटी की मीटिंग बुलाकर ब्लफ खेलने की कोशिश की थी, लेकिन परिणाम में उसे भारत की चुप्पी की जगह, उसके अत्याधुनिक F16 को भारतीय मिग का शिकार होना पड़ा।

जब अदरक-लहसुन तहज़ीब का भार हिन्दुओं की रीढ़ तोड़ता है, तब मध्यस्थता होती है

पहले तो ऐसे मसलों पर बात ही नहीं होनी चाहिए, और अगर हो भी रही है तो खुदाई में निकले मंदिर और बक्सों में बंद सबूतों को बाहर लाकर, उस पर निर्णय हो, न कि दलाली से, जिसके लिए आपने मीडिएशन और मध्यस्थता जैसे सुनने में अच्छे लगने वाले शब्द बना दिए हैं।

रामजन्मभूमि मामले में मध्यस्थता से निकलेगा समाधान: SC का बड़ा फैसला

यह फैसला पाँच जजों पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने दिया है जिसमें चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस ए बोबडे शामिल थे।

लिप्सटिक नारीवाद: सिंदूर पोंछ दो, चूड़ियाँ तोड़ दो, साड़ियाँ खोल लो, ब्रा उतार दो

क्या पूरे नारीवाद का विमर्श अब इतने पर आकर गिर गया है कि कोई सिंदूर क्यों लगाती है, बिंदी क्यों चिपकाती है, ब्रा क्यों पहनती है?

‘सरहद का सुल्तान’ और कॉन्ग्रेसी रहनुमा गाज़ी फ़क़ीर, जिस पर हाथ डालते ट्रांसफर हो जाते हैं अधिकारी

आज हम गाज़ी फ़क़ीर की बात इसीलिए कर रहे हैं क्योंकि इससे जुड़ी एक बड़ी ख़बर आई है। उसके इतिहास और भूगोल को समझने से पहले हमें आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी के केस को समझना पड़ेगा, जिन्हें आज बर्ख़ास्त कर दिया गया।

अगर देश का अर्थ मोदी नहीं, तो लोकतंत्र का अर्थ भी गाँधी परिवार नहीं है

मीडिया गिरोह और देश के आदर्श लिबरल समूह की बौखलाहट साफ़ है। इसे पिछले 4 सालों में हर दूसरे दिन ये कहते हुए सुना गया है कि देश का मतलब नरेंद्र मोदी नहीं है। 

आतंकी यासीन मलिक के JKLF की कुंडली- मकबूल बट, मंदिर में नमाज, टिकालाल, जस्टिस नीलकंठ गंजू…

सन 1989-90 के दौरान कश्मीरी पंडितों को घाटी से पलायन करने पर मजबूर करने के लिए की गयी यह पहली हत्या थी। पंडितों के सर्वमान्य नेता पं० टपलू को मार कर अलगाववादियों ने स्पष्ट संकेत दे दिया था कि अब कश्मीर घाटी में ‘निज़ाम-ए-मुस्तफ़ा’ ही चलेगा।

कुछ ही घंटों में पकड़ा गया जम्मू में ग्रेनेड से हमला करने वाला आतंकी यासिर अरहान

पुलिस को शक है कि यह धमाका जैश ए मोहम्मद के आतंकियों ने करवाया है। रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने सुबह ही आश्वासन दिया था कि मामले की त्वरित जाँच के आदेश दे दिए गए हैं

आतंकी यासीन मलिक ने रुबैया का अपहरण किया, 4 IAF अफसरों की हत्या की और बच निकला, लेकिन 30 साल बाद CBI ने कसा...

दिसंबर 8, 1989 को रुबैया सईद के अपहरण के बाद पंद्रह दिनों तक ड्रामा चला था जिसके बाद वी पी सिंह सरकार द्वारा अब्दुल हमीद शेख़, शेर खान, नूर मोहम्मद कलवल, अल्ताफ अहमद और जावेद अहमद जरगर नामक आतंकियों को जेल से छोड़ा गया था।

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