Wednesday, November 27, 2024

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जबरन मतान्तरण व मॉब लिंचिंग के शिकार होते पाकिस्तानी ईसाई, जड़ में है ईशनिंदा कानून

ब्रिटिश राज के दौरान ग़रीब हिन्दुओं को ईसाई बनाया गया था। आज उन्हें पाकिस्तान के चर्चों, घरों व स्कूलों में मारा जा रहा है। उनके पक्ष में बोलने वाले मंत्री व गवर्नरों तक की हत्या कर दी जाती है। समझें ईशनिंदा क़ानून का व्यापक और कुटिल कुचक्र।

पौधों को सींचने कमर और सिर पर पानी लेकर 4 किमी तक जाती थीं राष्ट्रपति को ‘आशीर्वाद’ देने वाली ‘वृक्ष माता’

‘वृक्ष माता’ थिमक्का को अभी तक कई सारे अवॉर्ड मिल चुके हैं, लेकिन वहाँ के स्थानीय लोगों का कहना है कि थिमक्का के ऊपर इसका कोई प्रभाव नहीं दिख रहा है। वो आज भी उसी तरह से सादा जीवन जी रही हैं

रंगभरी एकादशी: काशी में दूल्हा बने महादेव कराएँगे माँ गौरा का गौना, शुरू होगा होली का हुड़दंग

यह जो रंगभरी एकादशी है, इसमें भी रंग क्या है? जिसके द्वारा जगत रंगों से सराबोर हो उठता है- 'उड़त गुलाल लाल भये अम्बर' अर्थात् गुलाल के उड़ने से आकाश लाल हो गया। आकाश इस सारे भौतिक प्रपंच का उपलक्षण है और काशी भौतिकता से आध्यात्म की यात्रा का महामार्ग।

खबरदार दक्षिणपंथियों! तुम HAHA का रिएक्शन मत देना, यह काम वामपंथियों पर छोड़ दो

आतंकवादी बुरहान वानी के प्रति उसके नाम की वजह से सहानुभूति रखकर उसे एक हेडमास्टर का बेटा बताने वाली बरखा दत्त कल से एक क्रांतिकारी अभियान पर हैं। बरखा दत्त किसी भी शर्त पर चाहती हैं कि आरोपित ब्रेनटेन टैरेंट को आतंकवादी घोषित किया जाए।

प्लेन से ‘विदेश’ जाना था, लेकिन जाना पड़ा पैदल: आर्मी स्पेशल फ़ोर्स ने म्यांमार में ऐसे की थी सर्जिकल स्ट्राइक

मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार फरवरी 17 से मार्च 2, 2019 के बीच भारतीय सेना की स्पेशल फ़ोर्स के जवानों ने म्यांमार में फिर से आतंकी ठिकानों पर हमला कर उन्हें ध्वस्त कर दिया। इस बार अराकान आर्मी को निशाना बनाया गया।

बिन बुर्क़े बाहर जाओगी तो हल्ला मच जाएगा: आईसिस ने यज़ीदी सेक्स स्लेव से यही कहा

ये कैसी मानसिकता है जिससे एक तरफ तो मज़हब का भी सम्मान हो रहा है और दूसरी तरफ अपनी ठरक का भी। जी, सही शब्द 'ठरक' ही है क्योंकि किसी महिला को उस तरह से घेरकर नचाना आपकी कुंठा की परिणति ही है, न कि आपके अंदर बैठा कला-प्रेमी जाग गया है।

तुम बदसूरत हो, मर्दों जैसी दिखती हो; कोई तुम्हारा बलात्कार क्यों करेगा – रेप पीड़िता से महिला जजों की बेंच

क्या बलात्कार सुंदरता के आधार पर होता है? फिर लड़के-बच्ची-बूढ़ी के साथ रेप की ख़बरें क्यों पढ़ने को मिल जाती हैं! बड़े-बड़े नाम घर में काम वाली बाई के साथ क्यों पकड़े जाते हैं? एक महिला दूसरी महिला के साथ रेप किस सुंदरता और सेक्स अपील के आधार पर करती है?

चैत्र संक्रांति के साथ उत्तराखंड मना रहा है प्रकृति देवी का पर्व – फूलदेई

बच्चे चैत्र मास के पहले दिन से बुराँस, फ्योंली, सरसों, कठफ्योंली, आड़ू, खुबानी, भिटौर, गुलाब आदि फूलों को तोड़कर घर लाते हैं, और घर-घर जाकर "फूलदेई-फूल देई छम्मा देई दैणी द्वार भर भकार यो देई सौं बारंबार नमस्कार" कहकर घरों और मंदिरों की देहरी पर फूल बिखरते हैं।

‘इस्लामोफोबिया’ और मल्टीकल्चरलिज़्म के मुखौटे के पीछे छिपी कड़वी सच्चाई है न्यूज़ीलैंड का नरसंहार

विकसित देशों में इमीग्रेशन आज एक बड़ी समस्या बन चुका है। किसी देश में बाहर से आकर बसने वाले अपने साथ अपनी संस्कृति, खानपान, भाषा, पहनावा, उपासना पद्धति और रहन सहन का हर वो तरीका लेकर आते हैं जो उस देश से भिन्न होता है जहाँ वे जाते हैं।

क्राइस्टचर्च में 50 लोगों की जान लेने वाला हेडमास्टर का बेटा नहीं, उसे कहिए आतंकी: वामपंथी मीडिया गिरोह

सत्य यही है कि बंदूक लेकर टहलने वाले किसी भी बाप, बेटे, दामाद या जीजा को सिर्फ इसलिए जस्टिफाय नहीं किया जा सकता क्योंकि उसकी बिटिया आठ साल की है जिसे सफ़ेद कबूतरों का उड़ना देखना अच्छा लगता है।

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