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जज साहब डर गए क्या? आख़िर उंगली उठते ही भागकर किसका भला कर रहे हैं आप?
CBI डायरेक्टर, सेना प्रमुख, CJI- नेताओं ने अपनी घटिया राजनीतिक बयानबाज़ी में संवैधानिक पदों पर बैठे उच्चाधिकारियों को भी घसीट लिया है। उन पर बिना सबूत घटिया लांछन लगाए जाते हैं- अपनी राजनीति चमकाने के लिए।
मरणोपरांत जिसे मिला ‘सर्वोच्च’ सैन्य वीरता पुरस्कार, वो पहले था एक आतंकवादी
जिस कश्मीर घाटी में नौजवान पत्थरबाजी करके अपनी जिंदगी को बर्बाद कर रहे हैं, उसी कश्मीर घाटी के युवाओं के लिए देशभक्त अशोक चक्र विजेता शहीद नज़ीर एक उदाहरण बन सकते हैं।
कभी हिज़्बुल का था गढ़, अब आतंक मुक्त घोषित हुआ बारामूला
कभी हिज़्बुल का गढ़ रहा यह ज़िला अब घाटी का पहला आतंक-मुक्त ज़िला बन गया है। बुधवार को आख़िरी 3 आतंकियों को मार गिराने के साथ ही इसकी घोषणा कर दी गई।
24 जनवरी: ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ बस एक दिन नहीं, हमारी सामाजिक सच्चाई का आईना है
इनमें 77% महिलाओं ने वर्बल सेक्शुअल हैरस्मेंट (भद्दी गली, छींटाकशी, सीटी मारना, अश्लील कमेंट करना) का सामना किया। 51% महिलाओं का कहना रहा कि उन्हें बिना उनकी मर्ज़ी के हाथ लगाया गया। 41% ने बताया कि वो ऑनलाइन यौन शोषण का शिकार हुई हैं।
वेतन मौलवियों को और PM ‘किसी’ को… हद कर दी ‘सड़’ने!
"मोदी-शाह को रोकने के लिए मैं किसी भी हद तक जाने को तैयार हूँ। इसके अलावा, जो भी बन रहा होगा उसको समर्थन दे देंगे। कांग्रेस अगर जीतती है तो उसको भी समर्थन देने को तैयार हैं।"
मध्य प्रदेश में अब RSS कार्यकर्ता की हत्या, 9 दिनों में 6 मर्डर से संघ-BJP में रोष
मध्य प्रदेश में राजनीतिक हत्याओं का यह दौर 16 जनवरी से शुरू हुआ था। भाजपा नेताओं व उनके रिश्तेदारों के साथ-साथ अब RSS के कार्यकर्ता भी निशाने पर!
1500 से अधिक मस्ज़िदों के मौलवियों और मुअज़्ज़िनों को वेतन देगी AAP सरकार
अरविन्द केजरीवाल ने वक़्फ़ बोर्ड के अंतर्गत आने वाले मस्ज़िदों के मौलवियों के वेतन में भारी इजाफ़ा किया है। इसके अलावा 1500 अन्य मस्जिदों के कर्मचारियों को भी वेतन दिया जाएगा।
आज ही के दिन नेहरू के कड़े विरोध के बावजूद डॉ राजेंद्र प्रसाद देश के पहले राष्ट्रपति चुन लिए गए थे
अपने पत्र में डॉ प्रसाद ने नेहरू को अलोकतांत्रिक व्यक्ति बताया। नेहरू के पास पत्र भेजने से पहले राजेंद्र प्रसाद ने यह पत्र सरदार पटेल को दिखाया। पटेल ने डॉ प्रसाद को गुस्सा करने के बजाय पार्टी में अपनी बात रखने के लिए कहा।
जब सूट-बूट वाली सरकार ने आम आदमी को वो दिया जो उन्हें 50 साल पहले मिलना था
लड़कियाँ स्कूल सिर्फ इस कारण नहीं जाना चाहती हैं क्योंकि वहाँ उनके पास शौचालय जाने जैसे सुविधाएँ ही नहीं मिल पाती हैं। उन्हें उन तमाम मनोवैज्ञानिक असुविधाओं से गुजरना होता है, जिनके बारे में हम कल्पना तक नहीं कर सकते हैं।
जनवरी से जून 2019 के बीच नौकरियों में 20% बढ़ोतरी की संभावना: Naukri.Com
यदि किसी व्यक्ति के पास आवश्यक प्रतिभा है, तो उसे काम पर रखने की संभावना पहले की तुलना में बहुत अधिक है।