Monday, November 25, 2024

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2014 में मसूद अज़हर की वापसी और आतंक की स्क्रिप्ट का पुनर्लेखन

आतंकियों को पाकिस्तानी सत्ता के संरक्षण का जीता-जागता उदाहरण। 5 साल पीछे। मसूद अज़हर की वो रैली जहाँ से पठानकोट और पुलवामा हमले की पटकथा का लिखा जाना शुरू हो गया था।

नाम टाइम्स ऑफ ‘इंडिया’ लेकिन काम ‘पाकिस्तान’ वाला; लानत है!

भारत में रह कर पाकिस्तान की भाषा बोलने वालों को यह बताने का समय आ गया है कि आप ऐसी घटिया हरक़त कर के देश की जनता को और उस जनता की मदद से चला रहे अपने व्यापार को ग्रांटेड नहीं ले सकते। अब समय आ गया है।

घर के इन दीमकों का क्या करें? ‘हा-हा’ रिएक्शन देने वालों का भी मज़हब नहीं होता?

सेना और हमारे सुरक्षा बलों के जवान बाहरी ख़तरों से तो निपट लेंगे लेकिन ये 'हा-हा' करने वालों से कौन निपटेगा? इन्हें क्यों बर्दाश्त किया जा रहा है इस देश के 'अच्छे मुस्लिमों' द्वारा?

PM ने सेना को दी पूर्ण स्वतंत्रता, ‘आतंकी बहुत बड़ी गलती कर गए हैं, बहुत बड़ी क़ीमत चुकाएँगे’

"पड़ोसी देश अगर ये समझता है कि जिस तरह के कृत्य वो कर रहा है, जिस तरह की साजिशें रच रहा है, उससे भारत में अस्थिरता पैदा करने में सफल हो जाएगा, तो वो बहुत बड़ी भूल कर रहा है।"

कश्मीर में सबसे बड़ा आतंकी हमला, CRPF के 40 जवान शहीद

इस आतंकी घटना को अंजाम देने के पीछे आदिल अहमद डार नाम के आतंकी का हाथ है। सुरक्षाबलों का कहना है कि आदिल को पहले भी एक ऑपरेशन के दौरान घेर भी लिया गया था। लेकिन वह किसी तरह बच कर निकल गया था।

‘मैं अब जन्नत में हूँ’, पुलवामा आतंकी का वीडियो; ट्विटर पर कॉन्ग्रेस की शर्मनाक बयानबाजी चालू

वीडियो में आतंकी डार कह रहा है कि जब तक यह वीडियो लोगों तक पहुँचेगा वो जन्नत पहुँच चुका होगा। उसने कहा है कि दक्षिण कश्मीर के लोग कश्मीर के लिए भारत से लड़ रहे हैं, अब मध्य कश्मीर और जम्मू को भी इस लड़ाई में उतर जाना चाहिए।

राष्ट्र-निर्माण नहीं, राष्ट्र-विरोध की पाठशाला बनता जा रहा है AMU

AMU शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा बाक़ी सभी कारणों से सुर्ख़ियों में रहता है। यहाँ बात-बात में साम्प्रदायिक हिंसा भड़क जाती है। देश-विरोधी नारे और राष्ट्र विरोधी गतिविधियाँ तो जैसे यहाँ एक सामान्य बात हो चुकी है।

सैनिकों की शहादत पर कॉन्ग्रेस का घटिया बयान

जब पूरा देश सेना के जवानों के शहीद होने पर दु:ख महसूस कर रहा है, तब देश की दूसरी सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी के प्रवक्ता द्वारा राजनीतिक बयान देना बिल्कुल शर्मनाक है।

पुलवामा जैसे आतंकी हमलों से निपटने के लिए क्या कर रही है भारत सरकार? एक नज़र

पिछले 4 सालों में रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना को अधिक आत्मनिर्भर और देश की सुरक्षा व्यवस्था के बुनियादी ढाँचे को आधुनिक बनाने के प्रयास किए हैं।

CRPF के एक दर्जन से अधिक जवान आतंकी हमले में शहीद, 45 से अधिक घायल

हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। बताया जा रहा है कि इस आतंकी घटना को अंजाम देने के पीछे आदिल अहमद डार नाम के आतंकी का हाथ है।

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