Tuesday, November 26, 2024

राजनैतिक मुद्दे

लखीमपुर खीरी हिंसा में ‘संजीवनी’ तलाश रही कॉन्ग्रेस, यह राजनीतिक विरोध नहीं बल्कि अराजकता

लगता है 'किसानों' के अलावा जो लोग मारे गए वे भारतीय थे ही नहीं और उनके प्रति संवेदना प्रकट करने के लिए किसी और देश के राजनीतिक दल या नेता आएँगे।

लखीमपुर खीरी हिंसा में योगी सरकार के तुरंत एक्शन के बाद राकेश टिकैत पर भड़के कॉन्ग्रेसी, खालिस्तानी भी नाराज: ये है बड़ी वजह

लखीमपुर खीरी हिंसा में 8 लोगों की मृत्यु की खबरों ने प्रियंका गाँधी वाड्रा, राहुल गाँधी, अखिलेश यादव जैसे नेताओं की मिलीभगत को प्रदर्शित किया।

लखीमपुर खीरी की घटना CM योगी की छवि को बदनाम करने की गहरी साजिश: ‘किसान’ आंदोलन से उपजी हिंसा से पैदा हुए यक्ष प्रश्न

लखीमपुर-खीरी हिंसा का उद्देश्य योगी आदित्यनाथ की कुशल प्रशासक की छवि को नुकसान पहुँचाकर भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों में भ्रम पैदा करना है।

सपा सांसद जया बच्चन मैडम, आपकी बॉलीवुड वाली ‘थाली के छेद’ का क्या हाल है? शाहरुख खान के बेटे आर्यन पर कब बोलेंगी?

समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन आजकल गायब हैं। अब जब आर्यन खान ड्रग्स मामले में गिरफ्तार हुए हैं, उन्हें बताना चाहिए कि 'थाली के छेद' का क्या हाल है।

लाहौर में हिंदुओं और सिखों का हो रहा था कत्लेआम, गाँधी ने कहा था – ‘नहीं भागिए… आपकी मृत्यु की खबर मुझे बुरी नहीं...

हर बार, हर स्थान पर गाँधी जी ने उनके अंतर्मन में आए हुए सन्देश को ही प्रमाण माना और वैसे ही मनमाने निर्णय लेते रहे। उनकी जीवनी में कई अटपटे व्यवहार।

घर में फैले टमाटर.. टूटी गाड़ियाँ.. नारेबाजी और हिंसा… कॉन्ग्रेस नेताओ, अब तो मुँह खोल कर बता दो असहिष्णु कौन?

नरेंद्र मोदी जब से गुजरात के मुख्यमंत्री बने, तभी से उन्हें गालियाँ पड़ ही रही हैं। लेकिन, BJP कार्यकर्ताओं ने कॉन्ग्रेस नेताओं की गाड़ियाँ नहीं तोड़ीं। टमाटर नहीं फेंके।

साल भर सेक्युलरिज्म, दीवाली पर प्रदूषण: सरकारी आदेश जो ‘छठ’ पर निकलता है, ‘ईद’ पर फाइलों में बंद रहता है

हिंदू त्योहारों पर पर्यावरण विभाग के साथ नेता भी चौकन्ने हो जाते हैं और साल भर सेक्युलरिज्म को लेकर चिंतित नेताजी इन दिनों प्रदूषण को लेकर चिंतित रहते हैं।

जब नेहरू ने JRD टाटा से छीन लिया ‘एयर इंडिया’, नहीं सुनी उनकी बात: ₹70000 करोड़ के नुकसान की जिम्मेदार कॉन्ग्रेस?

JRD टाटा मानते थे कि नेहरू द्वारा विमान सेवा कंपनियों का राष्ट्रीयकरण एक अच्छा फैसला नहीं है और इससे एक सटीक एयर ट्रांसपोर्ट सिस्टम का निर्माण नहीं होगा।

बदल गया भारत पर कॉन्ग्रेस अभी 1990 के दशक में, सत्ता की छटपटाहट के बीच सिब्बल के सवाल कितने प्रासंगिक

प्रश्न यह है कि पार्टी जिस स्थिति में पहुँची है उसके लिए क्या इस ग्रुप में शामिल नेता जिम्मेदार नहीं हैं? इन नेताओं का अपना जनाधार कैसा है?

कॉन्ग्रेस के युवराज का फैलाया रायता समेटने में लगे ‘पत्रकार’, क्योंकि पंजाब जाए भाड़ में राहुल गाँधी का ‘इकबाल’ बना रहे

पंजाब में गहराए राजनीतिक संकट के बीच मीडिया गिरोह राहुल गाँधी की छवि बचाने के लिए सीमावर्ती राज्य को लेकर व्यक्त की जा रही हर चिंता को सिरे से नकार रहा है।

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