Friday, November 29, 2024

राजनैतिक मुद्दे

59 ऐप बैन करने से तिलमिलाया चीन: भारत के चीनी राष्ट्रवादियों को अजीत भारती का जवाब | Ajeet Bharti on India’s war on China

इसका इतना बड़ा फर्क पड़ा कि अपनी सेना का गुणगान करने वाले चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स को बयान जारी करना पड़ गया कि यह गंभीर चिंता का विषय है। इसके लिए........

सोनिया का चीन से रिश्ता क्या: अजीत भारती का सवाल | Ajeet Bharti on Rajiv Gandhi Foundation scam

कॉन्ग्रेस ने 2008 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के साथ गुपचुप समझौता किया। इसमें करार किया गया था कि वो हाई लेवल/महत्वपूर्ण...

आत्मनिर्भर प्रदेश से हासिल होगा आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य, टूटेगी चीन की कमर: वॉलेट से साजिशों को जवाब देने का अभियान

आत्मनिर्भर उत्तरप्रदेश रोजगार अभियान अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय उदाहरण बन सकता है। चीन के षड्यंत्र को दिया जा सकता है समुचित प्रत्युत्तर।

‘राष्ट्रपति जी ने आपातकाल की घोषणा की है, लोगों को डरने की जरूरत नहीं’ – यूँ शुरू हुआ था दमन का दौर

"गरीबी हटाने" वाली इंदिरा ने लोकतंत्र हटा दिया। आपातकाल इंदिरा गाँधी ने अपनी गद्दी बचाने को सत्ता मोह में लगाया l 'इंदिरा इज इंडिया' को...

हिंदू विरोधी और अर्बन नक्सलियों का संरक्षक DU का शिक्षक संघ: वामपंथी दुकान को दक्षिणपंथ की चुनौती

DUTA की संरचना ऐसी है कि यह वामपंथियों के लिए लाभदायक सिद्ध हुई है। इसका फायदा उठाकर वह अंधविरोध की राजनीति पर चलती है।

उद्दंड चीन और कॉन्ग्रेस के बेतुके बोल: वक्त सवाल पूछने का नहीं, सेना और सरकार के पीछे खड़े होने का है

जब चीन का पूरा प्रोपेगेंडा तंत्र भारत के खिलाफ प्रचार में लगा हुआ है, उस समय देश की पार्टियाँ खासकर कॉन्ग्रेस ऐसा करने लगे तो बड़ी हैरत होती है।

जब चीनी मीडिया नेहरू को ‘साम्राज्यवाद का दौड़ता कुत्ता’ कहती थी, तब नेहरू लोकसभा में अक्साई चीन को लेकर झूठ बोल रहे थे

'चाऊ-माओ' के बीच अपने लिए वैश्विक छवि तलाश रहे नेहरू ने कभी सीमा पर हो रही सैनिकों की मौत को लेकर जुबान नहीं खोली। उन्हें यह स्वीकार करते दशक बीत गए कि सीमा पर कुछ चिंताजनक हो रहा है।

‘घायल जवानों के लिए रक्तदान करना पार्टी विरोधी’ – भारत में चीन के एजेंडे को बढ़ाने वाली कम्युनिस्ट पार्टियाँ

ये चीन, क्यूबा और उत्तर कोरिया को अपना देश मानते हैं, जहाँ लोकतंत्र नाम की कोई चीज है ही नहीं। ये अपने देश की सेना का सम्मान नहीं करते।

भूलों का मसीहा नेहरू: अक्साई चीन, कोको द्वीप, काबू वैली… ‘दूरदर्शिता’ के नायाब नमूने

नेहरू ने तो मानो अपने आदर्श पश्चिमी देशों से भी कुछ नहीं सीखा। द्वितीय विश्वयुद्ध के समय जब सोवियत संघ मित्र राष्ट्रों के साथ खड़ा हुआ, तब उसने विचारधारा की परवाह नहीं की थी और वह पूँजीवादियों के साथ नजर आया।

चीन के लिए भारत में बल्लेबाजी करने वाले कौन: अजीत भारती का सवाल | Ajeet Bharti on China backers in India

चीन ने कितनी जमीन पर, कॉन्ग्रेस के किस और यूपीए के किस प्रधानमंत्री के काल में कब्जा किया है, इसका राहुल गाँधी को तनिक भी ज्ञान नहीं है।

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