जेएनयू ने ईमानदार विचारक और बौद्धिक कम, बौद्धिकता और विचारधारा को हथियार बनाकर एक्टिविज़्म करने वाले एक्टिविस्ट, यानी नक्सली आतंकी, ज़्यादा तैयार किए हैं।
हिन्दुस्तान की संसद की तरफ से 370 का हटाया जाना जिहादी मानसिकता वाले 'अलगाववादी' स्वीकार नहीं करेंगे। इसे रोकने के लिए 35A के पक्ष में 'कश्मीरियत' के तीनों गुट हार्डकोर जिहादी (लश्कर, जमाते-इस्लामी), 'सॉफ़्ट' जिहादी (हुर्रियत, आसिया अंद्राबी) और जिहादियों के हिमायती नेता...
समस्या केवल नेताओं के बहके बोल ही नहीं है। बचाव में गढ़े जाने वाले तर्क बताते हैं कि इस पार्टी के लिए कामुक टिप्पणियॉं कितनी आम बात है। पार्टी आलाकमान के घर की पढ़ी-लिखी सांसद रह चुकी बहू महिला के अंडरवियर का रंग बताए जाने को ‘छोटी सी बात’ बताती हैं।
हर कुत्ते को भौंकने के लिए एक भागती हुई कार चाहिए। आरएसएस वही भागती हुई, चमचमाती कार है जिसे देख कर ये भौंकते हैं क्योंकि इनका एक भी संगठन इस तरह का नहीं बन पाया जो कि अपनी राष्ट्रवादी विचारधारा को सत्ता तक पहुँचा दे।
"मैं इस गाँव के लोगों के प्रति आभारी हूँ। मैं ऐलान करता हूँ कि गाँव चिंतमडाका के प्रत्येक परिवार को सरकार की तरफ से ₹10 लाख दिए जाएँगे। इस राशि से वो कुछ भी खरीद सकते हैं।"
हिटलर को 'मेरे मित्र हिटलर' तो गाँधी ने भी कहा था। उन्होंने तो हिटलर को 'वीर', 'अपनी पितृभूमि से प्रेम करने वाला' भी कहा था, और कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि हिटलर वह दैत्य है जो उसके दुश्मन उसे बताते हैं।
लिबरल गैंग के पास हिन्दुओं के खिलाफ बोलने के लिए और कोई आधार नहीं बचा है। बम धमाके न सही, 'ज़बरदस्ती जय श्री राम बुलवाया जा रहा है' ही सही! बंदूक लेकर कथित हिन्दू आतंकवादी सड़कों पर भले नहीं उतर रहे, लेकिन लोगों को बीफ़ करी खाने भी तो नहीं मिल रही!
बाढ़ सरकारी महकमे के अफसरों और नेताओं के लिए उत्सव है। ये वो समय है जब राहत पैकेज के रूप में भ्रष्टाचार का पैकेज आता है। आखिर लगभग पंद्रह साल से सत्ता में रही पार्टी इस समस्या का कोई हल ढूँढने में विफल क्यों रही है? अगर कोसी द्वारा अपने पुराने बहाव क्षेत्र में वापस आने वाले साल को छोड़ दिया जाए, तो बाकी के हर साल एक ही समस्या कैसे आ जाती है?
हज़ारों हिन्दुओं को ज़िंदा जला देने और शरीर छेद कर टाँग देने वाला पुर्तगालियों का Goa Inquisition शायद ईसाईयत के इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक है। गोम्स साहब का इसके खिलाफ एक भी लफ्ज़ दर्ज नहीं है इतिहास में... और RSS को इनसे सीखने की जरुरत है!!!