Saturday, April 20, 2024
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‘उनके भी अधिकार हैं’: वड़ोदरा स्टेशन पर भगदड़ मचने से गई थी 1 की जान, अब सुप्रीम कोर्ट ने शाहरुख खान पर चल रहा मामला रद्द किया

शाहरुख खान द्वारा फेंकी गई इन चीजों को लेने के लिए लोग दौड़ पड़े, जिससे रेलेव स्टेशन में भगदड़ मच गई थी। इस भगदड़ में एक स्थानीय नेता फरहीद खान पठान की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।

अपनी आगामी फिल्म ‘जवान’ के प्रमोशन में जुटे शाहरुख (Shah Rukh Khan) खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार (26 सितंबर, 2022) को हुई सुनवाई में शाहरुख के खिलाफ बड़ोदरा रेलवे स्टेशन में मची भगदड़ को लेकर दर्ज किए गए आपराधिक मामले को रद्द कर दिया है। इससे पहले, हाई कोर्ट ने भी आपराधिक मामला रद्द करने का फैसला सुनाया था।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने शाहरुख खान के खिलाफ इस मामले की सुनवाई की है। इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया है कि मशहूर हस्तियों के पास भी अन्य सभी नागरिकों की तरह अधिकार हैं और उन्हें वैकल्पिक रूप से दोषी नहीं बनाया जा सकता है।

अदालत ने अपने फैसले में कहा है, “अगर कोई ट्रेन से यात्रा करता है, तो कोई व्यक्तिगत गारंटी नहीं है। एक सेलेब्रिटी को भी देश के हर नागरिक की तरह समान अधिकार हैं। वह (शाहरुख खान) एक सेलिब्रिटी हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह हर किसी को नियंत्रित कर सकते हैं। आइए, हम अधिक महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केंद्रित करें, जो इस अदालत के ध्यान और समय के लायक हैं।”

वरोदड़ा स्टेशन पर मची थी भगदड़, गई थी एक की जान

शाहरुख खान के खिलाफ दर्ज किए गए जिस केस में सुनवाई हो रही थी, वह करीब 5 साल पुराना यानी 23 जनवरी, 2017 का है। दरअसल, शाहरुख खान अगस्त क्रांति एक्सप्रेस से अपनी फिल्म ‘रईस’ का प्रमोशन कर रहे थे। यह ट्रेन जब वडोदरा रेलवे स्टेशन पर रुकी तो हजारों लोग शाहरुख की एक झलक पाने को बेताब थे। इस दौरान, कथित तौर पर शाहरुख खान ने लोगों के बीच अपनी टी-शर्ट और स्माइली बॉल फेंकी थी।

शाहरुख खान द्वारा फेंकी गई इन चीजों को लेने के लिए लोग दौड़ पड़े, जिससे रेलेव स्टेशन में भगदड़ मच गई थी। इस भगदड़ में एक स्थानीय नेता फरहीद खान पठान की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी, जबकि कुछ अन्य घायल हुए थे।

इस घटना के बाद स्थानीय कॉन्ग्रेस नेता जितेंद्र सोलंकी ने शाहरुख खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके बाद वडोदरा की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने इस शिकायत के आधार शाहरुख खान को समन जारी किया था। स्थानीय अदालत ने यह देखते हुए शाहरुख को समन जारी किया कि उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 336, 337 और 338 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसलिए, इस मामले में कार्यवाही के लिए पर्याप्त आधार हैं।

हालाँकि, इसके बाद तमाम सबूतों और गवाहों को देखते हुए हाई कोर्ट ने इस अप्रैल में शाहरुख खान के खिलाफ आपराधिक मामले को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि शाहरुख खान को आपराधिक लापरवाही का दोषी नहीं ठहराया जा सकता है और न ही यह कहा जा सकता है कि उनके द्वारा किया गया कार्य ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना का कारण था। हाई कोर्ट के आदेश की तरह ही सुप्रीम कोर्ट ने भी शाहरुख के खिलाफ आपराधिक मामले को रद्द कर दिया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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