वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट सत्र के पहले दिन (31 जनवरी, 2025) को संसद में वित्त वर्ष 2024-25 का आर्थिक सर्वे देश के सामने रखा। इस आर्थिक सर्वे में आने वाले समय में देश की तरक्की की रफ्तार, कृषि में विकास समेत अन्य कई सेक्टर की बात रखी गई है।
2028 तक 5 ट्रिलियन पहुँच सकता है भारत
आर्थिक सर्वे में बताया गया है कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 में GDP वृद्धि दर 6.4% रहने वाली है, जो कि इस दशक के औसत के बराबर है। जबकि 2025-26 में देश की GDP में वृद्धि दर 6.3%-6.8% तक रह सकती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान है कि भारत 2028 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है।
इस आर्थिक सर्वे में बीते कुछ वर्षों में हासिल की गई आर्थिक उपब्धियों पर भी बात की गई है। आर्थिक सर्वे के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 के शुरूआती आठ महीनों में ही 55 बिलियन डॉलर (लगभग ₹4.5 लाख करोड़) से ज्यादा की FDI देश में आ चुकी है।
महँगाई घटी, इन्फ्रा भी बढ़ा
यह भी बताया गया है कि अप्रैल-दिसम्बर के बीच खुदरा महँगाई भी 5% से नीचे आ गई है। वर्तमान में यह RBI के टार्गेट 4%(+/-2%) की रेंज में है। यह 4.9% के रेज में रहा है। सरकार ने बताया है कि उसने 2024 में 2 हजार किलोमीटर से ज्यादा रेल ट्रैक, 17 नई वन्दे भारत और 2700 किलोमीटर से अधिक फ्रेट कॉरिडोर बनाने में सफलता पाई है।
वहीं 5 हजार किलोमीटर से अधिक राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण भी 2024 में हुआ है। इन सबके साथ ही देश के पॉवर सेक्टर में भी तेज बदलाव हुआ है। आर्थिक सर्वे के अनुसार, अब भारत की बिजली पैदा करने की क्षमता में 47% हिस्सा अक्षय ऊर्जा स्रोतों का है।
सबसे बड़ा बदलावों बीते कुछ वर्षों में गाँवों में बिजली की आपूर्ति में आया है। आर्थिक सर्वे बताता है कि जहाँ 2014 में देश के गाँवों में औसतन 12 घंटे बिजली मिल रही थी, वहीं अब यह बढ़ कर 21 घंटे से अधिक हो चुकी है। शहरी क्षेत्रों में यह संख्या लगभग 24 घंटे पहुँच गई है।
कृषि और निर्माण, दोनों बढ़े
इसके अलावा देश का इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर भी बढ़ा है। आर्थिक सर्वे ने बताया है कि वित्त वर्ष 2022-23 में ₹88 हजार करोड़ से अधिक के मोबाइल का निर्यात हुआ है। वर्तमान में देश में बिकने वाले 99% मोबाइल यहीं बने हैं। कई और क्षेत्रों में भी PLI स्कीम काम कर रही है।
आर्थिक सर्वे में बताया गया है कि देश के कृषि क्षेत्र में भी तेजी बरकरार है। वर्तमान में KCC खातों की संख्या 7 करोड़ से ऊपर पहुँच गई है। इनके माध्यम से किसानों ने ₹9 लाख करोड़ से अधिक का कर्ज ले रखा है। अन्न की पैदावार भी इस बार बढ़ी है।
देश के कामगारों के हित की बात भी कही
आर्थिक सर्वे में देश के पेशेवर और कामगारों के हितों को लेकर भी बात की गई है। सर्वे में कहा गया है कि यदि कामगार सप्ताह में 60 घंटे से अधिक काम करते है, तो यह उनके स्वास्थ्य खतरों को बढ़ाता है। गौरतलब है कि हाल ही में कामगारों काम के घंटे पर बहस छिड़ी थी।
इसके अलावा उनकी तनख्वाह और उन पर होने वाले खर्च को लेकर भी इसमें बात की गई है। आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि जहाँ कंपनियों का मुनाफा पिछले 15 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच चुका है, वहीं कामगारों की तनख्वाह और उन होने वाली खचे इस अनुपात में नहीं बढे।
सर्वे के अनुसार, 2024 में कॉर्पोरेट का मुनाफ़ा जहाँ 22% से अधिक बढ़ा तो जबकि रोजगार मात्र 1.5% ही बढ़ा। इस दौरान कामगारों पर होने वाले खर्च भी मात्र 13% बढे। आर्थिक सर्वे में में कामगारों के हितों को भी सुरक्षित करने की बात कही गई है।