बहराइच में हाल ही में दो बड़ी खबरें सामने आई हैं। एक तरफ 500 किलो विस्फोटक पकड़ा गया है, तो दूसरी तरफ 700 साल पुरानी मजार पर बुलडोजर चला है। ये ऐसे समय विस्फोटक मिला है, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 10 जून 2025 को बहराइच के दौरे पर है।
सर्वे के नाम पर बिछाया विस्फोटक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहराइच जाने वाले हैं, लेकिन उनके दौरे से ठीक पहले ही जिले में एक बड़ा मामला सामने आया है। पुलिस ने करीब 500 किलो विस्फोटक पकड़ा है और इस मामले में पश्चिम बंगाल के 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
यह सब तब शुरू हुआ जब हरदी इलाके के सिकंदरपुर गाँव के पास करीब 200 लोग तीन गाड़ियों में आए। पकड़े गए लोगों ने खुद को एक तेल कंपनी का सर्वे करने वाला बताया। जब गाँव वालों ने उनसे पूछा कि वे क्या कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि वे भेड़िए ढूँढने आए हैं।
इसके बाद उन्होंने करीब 20 किलोमीटर के इलाके में जमीन में छेद करके अमोनियम नाइट्रेट विस्फोटक बिछाना शुरू कर दिया। ये विस्फोटक बालासराय, लखनापुर, सधुवापुर, सिकंदरपुर और औराही जैसे कई गाँवों में बिछाए गए थे।
ग्रामीणों की शिकायत से मचा हड़कंप
रविवार (8 जून 2025) को जब गाँव वालों को इस बारे में पता चला तो उन्होंने तुरंत महसी के विधायक सुरेश्वर सिंह को बताया। विधायक तुरंत मौके पर पहुँचे और अधिकारियों को सूचना दी, लेकिन शुरुआत में कोई नहीं आया।
जब इसकी जानकारी बड़े अधिकारियों तक पहुँची, तो हड़कंप मच गया। तुरंत एसडीएम, एसपी और अन्य बड़े अधिकारी मौके पर पहुँचे। वहाँ गाड़ियों में भारी मात्रा में विस्फोटक लदा हुआ मिला। विधायक सुरेश्वर सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि इतना विस्फोटक मिलने के बाद भी स्थानीय पुलिस अधिकारी गाँव वालों पर गाड़ियों को छोड़ने का दबाव डाल रहे थे।
सीएम के दौरे से पहले विस्फोटक मिलना एक साजिश?
विधायक सुरेश्वर सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री के दौरे से ठीक एक दिन पहले इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक का मिलना किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है। वहीं, बहराइच के ग्रामीण एएसपी डीपी तिवारी ने बताया कि अब तक 70 लोगों को पकड़ा गया है और इनमें से ज़्यादातर पश्चिम बंगाल के हैं।
वहीं सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने पहले ही सुरक्षा एजेंसियों को चेतावनी दी थी कि 37 लोग नेपाल की सीमा से होते हुए बहराइच में घुसपैठ कर सकते हैं। इनमें बांग्लादेशी और रोहिंग्या भी हो सकते थे।
700 साल पुरानी मजार पर चला बुलडोजर
बहराइच में सिर्फ विस्फोटक ही नहीं, बल्कि 700 साल पुरानी लक्कड़ शाह बाबा की मजार पर भी बुलडोजर चला है। इसके अलावा चमन शाह, भंवर शाह और शहंशाह बाबा की मजारें भी हटा दी गई हैं। यह दावा किया जा रहा है कि मजार 700 साल पुरानी है।
वन विभाग ने मजार कमेटी को पहले ही बता दिया था कि उन्हें ये मजारें हटानी होंगी, क्योंकि उनके पास जमीन के कोई कानूनी कागज़ात नहीं थे। यह कार्रवाई कतर्नियाघाट जंगल में हुई है। मजार को चलाने वाले लोग कह रहे थे कि यह जमीन वक्फ की है (जो धार्मिक कामों के लिए दी जाती है), लेकिन वे इसका कोई सबूत नहीं दिखा पाए।
लक्कड़ शाह मजार चलाने वाली कमेटी के अध्यक्ष रईस अहमद ने इस फैसले का विरोध किया है। उनका कहना है कि यह दरगाह हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक थी और यहाँ ज़्यादातर हिंदू लोग आते थे।
सरकार का क्या कहना है?
प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई सरकारी ज़मीन से कब्ज़ा हटाने के अभियान का हिस्सा है। वे बता रहे हैं कि यह बिना किसी भेदभाव के किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार पूरे उत्तर प्रदेश में सरकारी ज़मीनों से अवैध कब्ज़े हटाने पर ज़ोर दे रही है।