उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एन्ड आर्डर) प्रशांत कुमार ने विकास दुबे प्रकरण को लेकर मंगलवार (जुलाई 14, 2020) की सुबह 10 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के यूपी पुलिस की अहम जानकारियाँ मीडिया से साझा की। उन्होंने बताया कि 2-3 जुलाई, 2020 की मध्यरात्रि में बिकरू गाँव में दबिश के दौरान पुलिस पार्टी पर विकास दुबे व उसके साथियों द्वारा हमला कर असलहों से फायर किया गया, जिसमें 8 पुलिसकर्मी वीरगति को प्राप्त हुए।
एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि इस दौरान विकास दुबे और उसके गुर्गों से पुलिस के हथियार भी लूट लिए थे। इस सम्बन्ध में चौबेपुर में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।
अभियुक्तों की गिरफ़्तारी और पुलिस से लुटे गए हथियारों की बरामदगी के लिए कानपुर एसएसपी ने कई टीमें गठित की थीं। एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर 50,000 रुपए के इनामी शशिकांत उर्फ़ सोनू को रात्रि 2.50 बजे गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ के दौरान उसने बिकरू में हुई घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की और कई अन्य आरोपितों के भी नाम लिए। उसने विकास दुबे गैंग के कई अहम सदस्यों के बारे में खुलासा किया और लुटे हुए हथियार कहाँ छिपे हुए हैं, इसकी भी जानकारी दी।
शशिकांत उर्फ़ सोनू की निशानदेही पर विकास दुबे के घर से पुलिस से लूटी गई एके-47 और 17 कारतूस बरामद किए गए। साथ ही शशिकांत के घर से राइफल और 20 कारतूस जब्त किए गए। यूपी पुलिस ने बताया कि अब इस मामले में जाँच के बाद आगे की कार्रवाई की जा रही है।
यूपी पुलिस ने बताया कि इस पूरे प्रकरण में 21 अभियुक्त थे, जिनमें से 4 गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें श्यामू वाजपेयी, जहान यादव, दयाशंकर अग्निहोत्री और शशिकांत के नाम शामिल हैं। साथ ही अब तक विभिन्न एनकउंटरों में 6 आरोपितों की मौत हुई है।
जो आरोपित मारे गए, वो हैं- विकास दुबे, राजाराम, अतुल दुबे, अमर दुबे, प्रभात मिश्रा और प्रवीण दुबे। अब 11 ऐसे आरोपित हैं, जिन्हें पुलिस ने वांछित की श्रेणी में डाला है और उनकी तलाश की जा रही है। साथ ही मुंबई में गुड्डन त्रिवेदी और उसके एक साथी को गिरफ्तार किया गया है, जिसे रिमांड पर लेने की कार्रवाई जारी है। पुलिस ने मीडिया के सामने बरामद हथियारों के जखीरे को भी पेश किया।
उधर कानपुर में विकास दुबे और उसके गुर्गों के साथ हुए एनकाउंटर में वीरगति को प्राप्त हुए 8 पुलिसकर्मियों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई है। इसमें पता चला है कि CO देवेंद्र मिश्रा समेत सभी पुलिसकर्मियों की हत्या करने के लिए धारधार हथियारों का भी इस्तेमाल किया गया था। उनकी इतनी बेरहमी से हत्या की गई थी कि इन गुंडों का सिर्फ मारना ही नहीं बल्कि बदला लेने का मकसद दिखाई पड़ता है।