Tuesday, February 25, 2025
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अब त्रिपुरा के अस्पतालों में भी नहीं मिलेगा बांग्लादेशियों को इलाज… तिरंगे का अपमान देख हॉस्पिटलों ने किया ऐलान, कहा- देश की गरिमा सबसे पहले

आईएलएस अस्पताल, जो कि बांग्लादेशी मरीजों के लिए एक लोकप्रिय स्वास्थ्य केंद्र रहा है, ने इस निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्होंने अपने हेल्प डेस्क भी बंद कर दिए हैं। इसी प्रकार से जेएन रे अस्पताल के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि उनका यह निर्णय बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे हमलों और भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के प्रति अपमान को लेकर उठाया गया है।

बांग्लादेश में तिरंगा का अपमान होता देखने के बाद अब भारत में इस्लामी कट्टरपंथियों का विरोध शुरू हो गया है। पहले कोलकाता के डॉक्टरों ने मना किया कि वो बांग्लादेशियों का इलाज नहीं करेंगे और अब यही फैसला त्रिपुरा के अस्पतालों ने लिया है।c

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अगरतला स्थित आईएलएस अस्पताल और कोलकाता के जेएन रे अस्पताल ने यह घोषणा की कि वे अब बांग्लादेशी मरीजों का इलाज नहीं करेंगे।

आईएलएस अस्पताल, जो कि बांग्लादेशी मरीजों के लिए एक लोकप्रिय स्वास्थ्य केंद्र रहा है, ने इस निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्होंने अपने हेल्प डेस्क भी बंद कर दिए हैं। अस्पताल के मुख्य परिचालन अधिकारी गौतम हजारिका ने बताया कि बांग्लादेशी में हो रही घटनाओं के बाद कुछ प्रदर्शनकारी समूह दबाव बना रहे थे कि बांग्लादेशी नागरिकों को चिकित्सा सेवाएँ प्रदान न की जाएँ। इसी के बाद अस्पताल द्वारा यह फैसला लिया गया।

इसी प्रकार से जेएन रे अस्पताल के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि उनका यह निर्णय बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे हमलों और भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के प्रति अपमान को लेकर उठाया गया है। अस्पताल के निदेशक शुभ्रांशु भक्त ने कहा कि देश की गरिमा सर्वोपरि है और चिकित्सा सेवा एक महान पेशा होते हुए भी, देश की सुरक्षा और सम्मान सबसे पहले आता है।

बता दें कि बांग्लादेश में तख्तापलट होने के बाद से हिंदुओं पर हमलों की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है और पिछले कुछ दिनों से इस्लामी कट्टरपंथी भारतीय तिरंगे को अपमानित करने पर उतर आए हैं। ऐसे में भारत के लोग भी इन कृत्यों का विरोध कर रहे हैं और अपने ढंग से उनका बहिष्कार कर रहे हैं। त्रिपुरा के अस्पतालों से पहले कोलकाता के टॉप डॉक्टर्स ने साफ कहा था कि वो बांग्लादेशियों का इलाज नहीं करेंगे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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