Tuesday, November 26, 2024
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मुंगेर में दुर्गा विसर्जन के समय मारा गया अनुराग याद है आपको, बिहार सरकार भूल गई; लिपि सिंह को फिर से कमान

देर रात बिहार सरकार ने बड़े पैमाने पर IAS-IPS अधिकरियों के तबादले किए। राज्‍य के 38 आइपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है। 13 जिलों के एसपी भी बदले गए हैं। लेकिन इसमें सबसे चौंकाने वाला नाम लिपि सिंह का ही है। कई जिलों के डीएम और कई विभागों के सचिव भी बदले गए हैं।

आप साल 2021 में प्रवेश कर चुके हैं। लेकिन 2020 का अक्टूबर याद है। इसी महीने बिहार के मुंगेर में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान लाठीचार्ज और फायरिंग में अनुराग पोद्दार की मौत हो गई थी। पुलिसिया क्रूरता की इस घटना ने एक अलग ही तस्वीर दिखाई थी। जब यह घटना हुई थी उस समय लिपि सिं​ह मुंगेर की एसपी हुआ करती थीं।

इस घटना के बाद उन्हें चुनाव आयोग ने हटा दिया था। उसके बाद से लिपि सिंह पर कार्रवाई को लेकर लगातार माँग भी उठती रही है। अब ताजा खबर यह है कि बिहार सरकार ने पोस्टिंग की प्रतीक्षा में रही लिपि सिंह को सहरसा का एसपी बनाया है।

देर रात बिहार सरकार ने बड़े पैमाने पर IAS-IPS अधिकरियों के तबादले किए। राज्‍य के 38 आइपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है। 13 जिलों के एसपी भी बदले गए हैं। लेकिन इसमें सबसे चौंकाने वाला नाम लिपि सिंह का ही है। कई जिलों के डीएम और कई विभागों के सचिव भी बदले गए हैं।

मुंगेर गोलीकांड के बाद लिपि सिंह को ‘जनरल डायर‘ का नया नाम मिला था। दुर्गा पूजा समिति से जुड़े लोगों ने उस समय दावा किया था कि लिपि सिंह के सामने ला-ला कर विसर्जन में शामिल लड़कों को पीटा गया था। रात में वीरान सड़क पर माँ की प्रतिमा पड़ी हुई थी। अनुराग पोद्दार के पिता के बयान को आधार बनाते हुए पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि पुलिस की चलाई गोली से उनके बेटे की हत्या हुई।

मुंगेर में फ़ायरिंग की घटना के बाद लिपि सिंह ने दावा किया था कि भीड़ द्वारा मचाए गए उपद्रव के बाद पुलिस ने गोली चलाई थी। पुलिस ने इस बात से भी इनकार किया था कि उसकी गोली से किसी की मृत्यु हुई थी, या फिर कोई घायल हुआ था। लेकिन सीआईएसएफ की रिपोर्ट से लिपि सिंह का दावा गलत साबित हुआ था। बाद में घटना के कई वीडियो भी सामने आए थे जिससे पुलिस की थ्योरी पर सवाल उठे थे।

वैसे अधिकारियों के तबादले या उन्हें जिले की कमान दिया जाना असामान्य बात नहीं है। लेकिन, इस मामले में जिस तरह पुलिसिया बर्बरता सामने आई थी वैसे में सरकार उन अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने से बच सकती थी जिनकी भूमिका पर सीधे सवाल हैं। दिलचस्प यह है कि लिपि सिंह जदयू सांसद आरसीपी सिंह की बेटी हैं। आरसीपी सिंह को नीतीश कुमार ने हाल ही में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है। गृह विभाग भी जदयू के पास ही है, जिसे राज्य की कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए पिछले दिनों विधान पार्षद संजय पासवान ने बीजेपी को सौंपने की माँग की थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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