Thursday, April 25, 2024
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‘ब्लूटूथ लगा कर चीटिंग कर रही थीं लड़कियाँ, शिक्षक ने सिर्फ कान खुला रखने को कहा तो हिजाबी लड़कियों ने बना दिया मजहब का मुद्दा’: छात्रा ने बताया परीक्षा में क्या हुआ था

इस मामले में, कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. कनुप्रिया का कहना है कि छात्राओं की यह हरकत यहाँ का माहौल बिगाड़ने की एक साजिश है। इस कॉलेज का इतिहास काफी पुराना है।

बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित महंत दर्शन दास महिला कॉलेज में रविवार (16 अक्टूबर 2022) को हिजाब को लेकर बवाल हुआ था। यहाँ कुछ छात्राओं ने कॉलेज के शिक्षक पर हिजाब निकालने के लिए कहने और आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था। हालाँकि, अब इस मामले में, कॉलेज की ही एक छात्रा ने कहा है कि शिक्षक ने ऐसा कुछ नहीं कहा है इस मामले को जबरदस्ती मजहब से जोड़ा जा रहा है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में कॉलेज की एक छात्रा ने कहा है कि वह उसी क्लास रूम में थी जहाँ छात्राओं ने हिजाब को लेकर बवाल किया था। छात्रा ने कहा है कि लोग इयर पॉड्स (ब्लूटूथ) लगाकर चीटिंग करते हैं। इसलिए, कॉलेज के शिक्षक ने हिजाब लगाई हुई छात्राओं को सिर्फ कान खुले रखने के लिए कहा था। इसके बाद उन छात्राओं ने अपने मजहब का हवाला देते हुए बवाल करना शुरू कर दिया था।

इसके साथ ही, छात्रा ने हिजाब पर सवाल उठाते हुए कहा है कि परीक्षा के समय तो इन लोगों को अचानक से अपना मजहब याद जाता है। लेकिन, जब ये लोग किसी फंक्शन में जाती हैं तो उस वक्त उनका दुपट्टा (हिजाब) कहाँ जाता है? इस वजह से ही सवाल इन लोगों पर कम और इनके धर्म पर अधिक उठाया जाता है।

बता दें, मुजफ्फरनगर के महंत दर्शन दास महिला (MDDM) कॉलेज की छात्राओं की परीक्षा चल रही थी। इस दौरान, कुछ छात्राएँ हिजाब पहनकर बैठी हुईं थीं। एक शिक्षक को छात्राओं के ब्लूटूथ लगाए होने का शक हुआ और उन्होंने छात्राओं से कान दिखाने के लिए कहा। इस पर छात्राएँ भड़क गईं और कॉलेज में ही बवाल करने लगीं।

छात्राओं ने आरोप लगाया था कि परीक्षा के दौरान शिक्षक शशिभूषण ने छात्राओं से पहले तो हिजाब निकालने के लिए कहा। आरोप था कि इसके बाद उन्होंने आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए देशद्रोही कहा। छात्राओं ने आरोप लगाया है कि शिक्षक ने उनसे कहा है कि रहते यहाँ हो और गाते वहाँ की हो। पाकिस्तान ही चले जाओ।

इस मामले में, कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. कनुप्रिया का कहना है कि छात्राओं की यह हरकत यहाँ का माहौल बिगाड़ने की एक साजिश है। इस कॉलेज का इतिहास काफी पुराना है। ये छात्राएँ इंटर की हैं। सभी लोगों को मोबाइल हटाने और ब्लूटूथ हटाने को कहा गया था। लेकिन इन लोगों ने इसे एक अलग ही मामला बना लिया और इसे मजहब से जोड़कर बवाल करने लगीं।

उन्होंने यह भी कहा है कि यह बेहद ही शर्मनाक बात है। इन छात्राओं की अटेंडेंस भी 75% से कम है। अब तो शिक्षा मंत्री और यूनिवर्सिटी का भी निर्देश है कि कम अटेंडेंस पर्सेंट वाली छात्राओं को फाइनल एग्जाम में बैठने नहीं दिया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि ये लोग बेवजह का दबाव बना रहे हैं, ताकि कॉलेज प्रशासन इनके सामने झुक जाए। साथ ही कहा कि हिजाब की कोई बात नहीं थी, ये जिस शिक्षक पर आरोप लगा रही हैं, उन्होंने देशद्रोही और पाकिस्तान जाने जैसी कोई बात नहीं कही थी। ये लोग मनगढ़ंत बातें बनाकर बेवजह मामले को तूल दे रही हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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