Tuesday, May 21, 2024
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चाइल्‍ड पोर्नोग्राफी के 100 देशों से जुड़े तार, 3 साल में 24 लाख केस: जानिए 76 शहरों में CBI छापे के बाद क्यों मची हलचल

इंटरपोल की रिपोर्ट अनुसार साल 2017 से 2020 के मध्य 3 वर्षों में भारत में यौन उत्पीड़न के शिकार बच्चों के 24 लाख से अधिक केस आए हैं। इसमें 80 प्रतिशत बच्चियाँ हैं, जिनकी उम्र 14 साल से कम है।

चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर CBI ने बड़ी कार्रवाई की है। देश के 14 प्रदेशों-केंद्रशासित प्रदेशों के के 76 शहरों में जाँच एजेंसी ने छापे मारे हैं। अब तक कुल 20 लोगों को हिरासत में लिया है। सीबीआई ने 23 अलग-अलग मामलों में 83 आरोपितों के विरुद्ध केस भी दर्ज किया है। छापेमारी की की कार्रवाई मंगलवार (16 नवम्बर 2021) को की गई है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सीबीआई की यह छापेमारी आंध्र प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार, ओडिशा, तमिलनाडु, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में हुई। छापेमारी के दौरान ओडिशा के ढेनकनाल जिले में CBI टीम पर हमला भी किया गया। स्थानीय पुलिस ने इस हमले से CBI टीम को किसी तरह बचाया।

CBI के रडार पर कई विदेशी नागरिक भी हैं। शुरुआती जाँच में 50 से अधिक ग्रुप और रैकेट से जुड़े 5 हजार से अधिक लोगों की जानकारी मिली है। इस रैकेट के तार 100 देशों में जुड़े पाए गए हैं। इस छापेमारी में खुलासा हुआ है कि तमाम लोग चाइल्ड पोर्नोग्राफिक कंटेंट का धंधा कर रहे हैं। वो इसे बना कर विभिन्न प्लेटफॉर्म पर इसको बेचते हैं। मुगलसराय निवासी आरोपित सूरज के मोबाइल से सीबीआई को इस रैकेट से जुड़े पुख्ता सबूत मिले। सीबीआई की टीम सूरज के घर लगभग 4 घंटे तक रही थी।

सीबीआई के अनुसार सभी आरोपी आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट और शेयर करने के लिए वेबपेज का सहारा लेते हैं। इस अपराध को रोकने के लिए सीबीआई अब मीडिया वेबसाइट्स और होस्टिंग प्लेटफॉर्म के साथ इस मुद्दे को उठाने पर विचार कर रही है। अब तक की जाँच के अनुसार इस रैकेट में पाकिस्तान के 36, कनाडा के 35, अमेरिका के 35, बांग्लादेश के 31, श्रीलंका के 30, नाइजीरिया क 28, अजेरबैजान के 27, यमन के 24 और मलेशिया के 22 संदिग्ध शामिल मिले हैं।

इस अपराध में शामिल आरोपितों के बैंक अकाउंट चाइल्ड पोर्नोग्राफी दिखाने वाली साइटों पर उपलब्ध हैं। यहाँ भुगतान के बदले ये अश्लीलता परोसते हैं। जाँच एजेंसी इस मामले में यह भी पता लगाने का प्रयास कर रही है कि अश्लील इमेज आती कहाँ से है। इसके लिए वो इंटरनेशनल चाइल्ड सेक्सुअल एक्सपोलइटेशन डाटाबेस के साथ भी समन्वय बना रही है।

इंटरपोल की रिपोर्ट अनुसार साल 2017 से 2020 के मध्य 3 वर्षों में भारत में यौन उत्पीड़न के शिकार बच्चों के 24 लाख से अधिक केस आए हैं। इसमें 80 प्रतिशत बच्चियाँ हैं, जिनकी उम्र 14 साल से कम है। इसी के साथ बाल यौन शोषण से जुड़े वीडियो देखने वालों की भी संख्या इंटरनेट पर तेजी से बढ़ी है। एक अनुमान के अनुसार सर्च इंजन पर हर रोज 1 लाख 16 हजार से ज्यादा सवाल चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े होते हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार साल 2020 में इंटरनेट पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित लगभग 18.4 मिलियन रिपोर्ट मिली है। इनमे से बच्चों को सेक्सुअली अब्यूज करते हुए लगभग 45 मिलियन फोटो और विडियो शामिल हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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