Thursday, May 22, 2025
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शेहला रशीद के अब्बू और मीडिया को उनके खिलाफ ‘मानहानि की सामग्री’ प्रकाशित करने पर श्रीनगर कोर्ट ने लगाई रोक

अदालत ने मीडिया को शेहला के माता-पिता के वैवाहिक संबंध या फिर किसी भी ऐसी सामग्री को प्रकाशित करने से मना किया है जिससे उनकी माँ या बहन की बदनामी हो सकती है।

श्रीनगर की अदालत ने 21 दिसंबर को एक आदेश पारित किया। इस आदेश में जेएनयू एक्टिविस्ट शेहला रशीद के पिता को उनके जीवन में हस्तक्षेप करने से रोक लगाया गया है। इसके साथ ही मीडिया या अन्य माध्यमों को भी ऐसी सामग्री प्रकाशित करने पर रोक लगा दी गई है, जो मानहानिकारक हो, निजता के अधिकार का हनन करता हो या फिर उनके सम्मान और सम्मान के साथ जीने के अधिकार में दखल देता हो।

इसके अलावा अदालत ने मीडिया को शेहला के माता-पिता के वैवाहिक संबंध या फिर किसी भी ऐसी सामग्री को प्रकाशित करने से मना किया है जिससे उनकी माँ या बहन की बदनामी हो सकती है।

अदालत के न्यायाधीश फैयाज अहमद कुरैशी ने यह आदेश शेहला, उनकी माँ जुबेदा अख्तर और बहन आसमा रशीद द्वारा दायर एक मुकदमे में दिया। शेहला, उनकी माँ और बहन ने अपने अब्बू (पिता) अब्दुल रशीद शोरा और मीडिया के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा की माँग की थी। अदालत ने मीडिया आउटलेट्स से कहा कि वे उन संबंधित ऑनलाइन लिंक को निलंबित करें जो कि मानहानि से जुड़ा है या वादी की निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है। आदेश में कहा गया, “मीडिया भी सच्चाई का पता लगाने के लिए कानूनी कर्तव्य के तहत है और एक ऐसे मामले पर रिपोर्टिंग करने से परहेज करता है जिसमें निजता या वादी के अन्य अधिकारों के उल्लंघन की संभावना है।”

शेहला, उनकी माँ और बहन ने अदालत के सामने तर्क दिया था कि अब्दुल रशीद शोरा ने उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाकर उनकी प्रतिष्ठा को बदनाम करने का प्रयास किया था, जिसमें उन्हें ‘राष्ट्र-विरोधी तत्व’ कहना भी शामिल था। अदालत ने कहा कि शेहला के पिता का आचरण अनुचित था और उनके पास किसी भी तरह का कोई ठोस कानूनी अधिकार नहीं था। अदालत ने कहा कि शोरा ने निजी वैवाहिक मुद्दों के बारे में प्रचार करने के इरादे से मीडिया से संपर्क किया था। अदालत ने कहा कि शोरा ने घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत पारित निचली अदालत के पिछले आदेश का उल्लंघन किया।

मामले की अगली सुनवाई 30 दिसंबर, 2020 को निर्धारित की गई है। अदालत ने अगली सुनवाई तक प्रतिवादियों को संशोधन, परिवर्तन या प्रतिबंध के आदेश को रद्द करने के लिए संपर्क करने की अनुमति दी है।

गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में कश्मीरी व्यवसायी और राजनेता फिरोज पीरजादा ने शेहला के पिता के खिलाफ 10 करोड़ रुपए का मानहानि का मुकदमा दायर किया था। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के डीजीपी को लिखे पत्र में शेहला रशीद के पिता अब्दुल रशीद शोरा ने दावा किया था कि शेहला ने कश्मीर केंद्रित राजनीति में शामिल होने के लिए ‘कुख्यात लोगों’ से 3 करोड़ रुपए नकद लिए हैं। उन्होंने माँग की थी कि फिरोज पीरजादा, जहूर वटाली (एनआईए द्वारा गिरफ्तार) और रशीद इंजीनियर के बीच के ‘रहस्यमय वित्तीय डील’ की जाँच की जाए।

पीरजादा की ओर से भेजे गए चार पेज के नोटिस में कहा गया था कि अब्दुल रशीद शोरा के आरोपों से उनके मुवक्किल (फिरोज पीरजादा) की प्रतिष्ठा को व्यापक नुकसान पहुँचा है। नोटिस में कहा गया है कि उन पर जो भी आरोप लगाए गए वह पूरी तरह आधारहीन हैं।

शोरा ने आरोप लगाया कि उन्हें शेहला ने जान से मारने की धमकी दी

इससे पहले शेहला रशीद के खिलाफ उनके पिता अब्दुल रशीद शोरा ने शिकायत दर्ज कराई थी। उनका कहना था कि बेटी शेहला उन्हें मौत की धमकी दे रही है। अब्दुल ने शेहला के खिलाफ जाँच की माँग की थी। अब्दुल शोरा के अनुसार शेहला ‘कुख्यात गतिविधियों’ में शामिल है। उन्होंने कहा था, “मेरे घर में राष्ट्र विरोधी गतिविधियाँ चल रही हैं।” अब्दुल रशीद शोरा ने जम्मू-कश्मीर के डीजीपी को अपनी शिकायत दी थी। उन्होंने शेहला की ‘कुख्यात गतिविधियों’ को उजागर करते हुए उसके बैंक अकाउंट की जाँच की माँग की थी। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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