Saturday, April 27, 2024
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Alt News वाले मोहम्मद जुबैर से दिल्ली पुलिस ने की पूछताछ, नाबालिग लड़की के ऑनलाइन उत्पीड़न से जुड़ा है मामला

7 अगस्त 2020 को मोहम्मद जुबैर का ट्विटर यूजर जगदीश सिंह के साथ ऑनलाइन विवाद हुआ था। इस दौरान जुबैर ने जगदीश सिंह की प्रोफाइल तस्वीर में दिखाई देने वाली एक नाबालिग लड़की को निशाना बनाया था।

प्रोपेगेंडा वेबसाइट ऑल्टन्यूज़ (AltNews) के सह-संस्थापक और कथित फैक्टचेकर मोहम्मद जुबैर से हाल ही में दिल्ली पुलिस ने पूछताछ की है। मामला एक नाबालिग बच्ची के ऑनलाइन उत्पीड़न से जुड़ा है। दिल्ली पुलिस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक कथित फैक्टचेकर जुबेर को बीते 13 मई को तलब किया गया था। उसके खिलाफ उत्पीड़न का मामला दर्ज है। इसी संबंध में उससे पूछताछ की गई। दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) से मिली शिकायत के आधार पर उससे पूछताछ की है।

7 अगस्त 2020 को मोहम्मद जुबैर का ट्विटर यूजर जगदीश सिंह के साथ ऑनलाइन विवाद हुआ था। इस दौरान जुबैर ने जगदीश सिंह की प्रोफाइल तस्वीर में दिखाई देने वाली एक नाबालिग लड़की को निशाना बनाया था। बताया गया था कि यह बच्ची जगदीश सिंह की पोती थी। जुबैर द्वारा इस लड़की की पहचान उजागर किए जाने के बाद उसे कट्टरपंथियों ने रेप की धमकी दी थी। इस ट्वीट को लेकर जुबैर की सोशल मीडिया यूजर्स ने तीखी आलोचना की थी।

एक ट्विटर यूजर ने जब इस ओर राष्ट्रीय महिला आयोग का ध्यान दिलाया तो AltNews के सह-संस्थापक ने बेशर्मी से उसकी चिंताओं को खारिज कर दिया। एनसीपीसीआर ने मामले का संज्ञान लिया और मोहम्मद जुबैर के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। इसके बाद मोहम्मद जुबैर के खिलाफ बच्ची के ऑनलाइन उत्पीड़न के लिए दो प्राथमिकी दर्ज की गई। दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई पहली प्राथमिकी में POCSO अधिनियम नहीं जोड़ा गया था। लेकिन छत्तीसगढ़ में जुबैर के खिलाफ दर्ज दूसरी प्राथमिकी में आईपीसी और आईटी अधिनियम की संबंधित धाराओं के साथ, पॉक्सो अधिनियम भी लगाया गया था।

प्रोपेगेंडा वेबसाइट ऑल्टन्यूज़ को बड़े पैमाने पर पूरे वामपंथी संगठन द्वारा फैक्ट चेकर कहा जाता है। हालाँकि, तथ्यों से ऑल्टन्यूज़ का कभी भी कोई वास्ता नहीं रहा है और उसका एकमात्र मकसद दक्षिणपंथी सरकार के विरोध के साथ हिन्दू-घृणा को फैलाते हुए इस्लामिक विचारधारा को बढ़ावा देना ही है।

चेक के नाम पर यह ऑल्टन्यूज़ हिन्दुओं के बारे में गलत, फर्जी, बेबुनियाद और झूठे आरोप विकसित करते हुए मुस्लिम अपराधों को क्लीन चिट देने का कारनामा कई बार कर चुका है। यहाँ तक ​​कि वे उन आतंकियों को बचाते हुए पकड़े गए, जिन्होंने श्रीलंका में बड़े आतंकी हमले को अंजाम दिया था। वास्तव में, ऐसे किसी मजहबी अपराध को ढूँढना मुश्किल होगा, जिसमें ऑल्टन्यूज़ ने अपना प्रोपेगेंडा नहीं इस्तेमाल किया है।

ऑल्टन्यूज़ को अरुंधति रॉय जैसे संरक्षकों का साथ प्राप्त है, जो नियमित रूप से एक ऐसी भाषा का इस्तेमाल करते हैं, जिसे कहा जा सकता है कि जो नक्सली आतंकियों की भाषा से मेल खाती है, और किसी भी तरह से भारत के टुकड़े करना चाहती है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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