Sunday, May 18, 2025
Homeराजनीतिकालाधन सफ़ेद करने और फर्जी कंपनियों का गढ़ बना बंगाल, ED खँगाल रही अर्पिता-पार्थ...

कालाधन सफ़ेद करने और फर्जी कंपनियों का गढ़ बना बंगाल, ED खँगाल रही अर्पिता-पार्थ से जुड़े 50 बैंक खाते: 14 शेल कंपनियों से जुड़े तार

काले धन को सफेद करने के लिए शेल कंपनियों का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है। ऐसी कंपनियाँ केवल कागज पर मौजूद हैं और उनका ना कोई कार्यालय नहीं है और ना कोई कर्मचारी।

पश्चिम बंगाल में टीचर भर्ती घोटाले से जुड़े रोज नए तथ्य सामने आ रहे हैं। जाँच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) को इस मामले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) से जुड़े 50 बैंक खातों का पता चला है। इसके साथ ही 14 शेल कंपनियों का जानकारी सामने आई है।

ईडी ने जिन 50 बैंक खातों का पता लगाया है, वे दोनों के व्यक्तिगत और संयुक्त खाते हैं। इन खातों के विवरण मँगाने के लिए बैंक के अधिकारियों से संपर्क किया गया है। इसके बाद इन्हें फोरेंसिक ऑडिट के लिए भेजा जाएगा।

इसके साथ ही ED को हाल ही में एक और शेल कंपनी का पता चला है, जिसका नाम है अनंत टेक्सफैब प्राइवेट लिमिटेड। इसका कंपनी पंजीकृत कार्यालय अर्पिता मुखर्जी का फ्लैट है। मार्च 2012 में शुरू करने के बाद इस कंपनी में कई बार डायरेक्ट बदले गए।

जब यह कंपनी बनी थी तब इसमें पार्थ चटर्जी, उनकी मृतक पत्नी और बेटी और दामाद को निदेशक बनाया गया था। 2016 में निदेशक मंडल से बेटी और दामाद का नाम हटा दिया गया और अर्पिता मुखर्जी का नाम जोड़ दिया गया। ईडी को शक है कि इसका इस्तेमाल धन को डायवर्ट करने के लिए किया जाता होगा।

ED ने ऐसी 14 शेल कंपनियों का पता लगाया है, जिसमें अर्पिता मुखर्जी की भूमिका पाई गई है। अधिकारियों को यह भी पता चला है कि इनमें से कई कंपनियाँ अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट से संचालित होती थीं।

काले धन को सफेद करने के लिए शेल कंपनियों का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है। ऐसी कंपनियाँ केवल कागज पर मौजूद हैं और उनका ना कोई कार्यालय नहीं है और ना कोई कर्मचारी।

ईडी के अधिकारियों को आशंका है कि इन कंपनियों के बैंक खाता भी हो सकते हैं या किसी तरह का निष्क्रिय निवेश हो सकता है। इसके अलावा, ये किसी तरह के बौद्धिक संपदा या जहाजों जैसी संपत्ति के पंजीकृत मालिक हो सकते हैं।

शेल कंपनियों हब और ब्लैक को ह्वाइट करने का गढ़ है कोलकाता

एक समय में कोलकाता शेल कंपनियाँ का हब हुआ करता था और इनके माध्यम से अरबों रुपए को सफेद करने का काम किया जाता था। कहा जाता है कि साल 2011 तक कोलकाता में 20 लाख से अधिक शेल कंपनियाँ थीं।

न्यूज 18 ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि इनकम टैक्स विभाग और सरकार द्वारा कानून को कड़ा करने के बाद इनकी संख्या में कमी आई है, लेकिन इनकी संख्या अभी भी करीब 5 लाख के आसपास हो सकती है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के हाथ लगा ‘खजाना’, दुनिया की बड़ी ताकतें हमारे सामने फैला रही हाथ: रिवर्स इंजीनियरिंग के कमाल से चीन-पाक...

रिवर्स इंजीनियरिंग से भारत न केवल पाकिस्तान, बल्कि चीन के खिलाफ भी अपनी रक्षा तैयारियों को मजबूत कर सकता है।

कैराना का नोमान इलाही निकला ISI का जासूस, 4 बार जा चुका पाकिस्तान: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुश्मन मुल्क को दे रहा था अहम...

नोमान चार बार पाकिस्तान जा चुका है, जहाँ उसने ISI हैंडलरों से मुलाकात की। बुआ और मौसी के पाकिस्तान में होने का बहाना बनाकर वह वहाँ जाता रहा।
- विज्ञापन -