Thursday, April 25, 2024
Homeदेश-समाजसैकड़ों 'किसान प्रदर्शनकारी' बीमार, लेकिन कोरोना टेस्ट से कर रहे इनकार, 20 अस्पतालों में...

सैकड़ों ‘किसान प्रदर्शनकारी’ बीमार, लेकिन कोरोना टेस्ट से कर रहे इनकार, 20 अस्पतालों में भर्ती: रिपोर्ट्स

संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए अधिकारी चिंतित हैं। उनके अनुसार प्रदर्शनकारियों के बीच बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रिमतों के होने की आशंका ज्यादा है। किसान बीमार हैं और रोगग्रस्त हैं, उनकी सही संख्या का पता नहीं है, लेकिन अनौपचारिक सूत्रों ने उनकी संख्या लगभग 300 बताई है।

नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से सटे सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन पर कोरोना संक्रमण का साया मँडरा रहा है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, विरोध-प्रदर्शन में भाग लेने वाले सैकड़ों प्रदर्शनकारी कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। किसान न तो मास्क पहन रहे हैं और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे। किसान प्रदर्शनकारी अपना कोविड टेस्ट भी कराने से इनकार कर रहे हैं।

संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए अधिकारी चिंतित हैं। उनके अनुसार प्रदर्शनकारियों के बीच बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रिमतों के होने की आशंका ज्यादा है। किसान बीमार हैं और रोगग्रस्त हैं, उनकी सही संख्या का पता नहीं है, लेकिन अनौपचारिक सूत्रों ने उनकी संख्या लगभग 300 बताई है।

सोनीपत के उपायुक्त श्याम लाल पूनिया ने कहा, “हमने सिंघु बॉर्डर पर दो COVID19 काउंटर बनाए हैं। नियमित रूप से प्रदर्शनकारियों की स्क्रीनिंग कर रहे हैं। डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की दस टीमों को तैनात किया गया है। औसतन 70 से 90 लोग हर रोज हमारे पास आ रहे हैं, जिन्हें बुखार, मांसपेशियों में दर्द जैसी शिकायत है।”

पूनिया ने आगे कहा, “हम नियमित रूप से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। मरीज COVID19 परीक्षणों के लिए तैयार नहीं हैं। हमने 50,000 मास्क वितरित किए हैं, लेकिन वे न तो सामाजिक दूरी का पालन कर रहे हैं और न ही मास्क पहन रहे हैं। वरिष्ठ नागरिकों का कहना है कि COVID-19 जैसा कुछ भी नहीं है।”

वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (सोनीपत) अन्विता कौशिक ने पहले कहा था, “हमारे जिले की मेडिकल वैन और टीमों को सिंघु सीमा पर तैनात किया गया है। वे (प्रदर्शनकारी) खाँसी, बुखार और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए हमसे दवाएँ ले रहे हैं, लेकिन COVID-19 का टेस्ट कराने को तैयार नहीं हैं।”

गौरतलब है कि भारतीय किसान यूनियन-एकता उरगान पंजाब के महासचिव सुखदेव सिंह ने कहा था कि किसान वहाँ (विरोध स्थल) प्रदर्शन करने के लिए इकट्ठा हुए हैं, न कि कोरोना वायरस टेस्ट के लिए। बता दें बीकेयू-एकता उरगान वही समूह है जो एल्गार परिषद मामले में गिरफ्तार किए गए ‘अर्बन नक्सलियों’ की रिहाई और दिल्ली दंगों के मामले में आरोपित इस्लामवादियों की रिहाई की माँग कर रहा था।

रिपोर्ट के अनुसार, आंदोलन में शामिल 20 गंभीर रूप से बीमार प्रदर्शनकारियों को अस्पतालों में भेजा गया है। वहीं बहादुरगढ़ में पाँच और सिंघु बॉर्डर पर एक प्रदर्शनकारी की मौत भी हो गई है। अभी तक उनकी मृत्यु के कारण का पता नहीं लग पाया है। सोशल डिस्टेंसिंग नॉर्म्स के खराब होने और मास्क न पहनने के कारण अधिकारी प्रदर्शन को लेकर चिंतित हैं। इसके अलावा, कुछ वालंटियर्स द्वारा अवैध काउंटर भी खोले गए है, जो सिंघु और टिकारी सीमा पर बिना प्रेस्क्रिप्शन की दवाइयाँ बाँट रहे हैं।

बता दें कि विरोध-प्रदर्शन में ज्यादातर 60 से 80 वर्ष की आयु के बीच के प्रदर्शनकारी शामिल हैं, जो पहले से हाई ब्लड शुगर, दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर और अस्थमा से पीड़ित हैं। इन सभी में कोरोना से संक्रमित होने की आशंका ज्यादा है। सरकार लगातार उनसे अपने घरों में वापस जाने की अपील कर रही है, लेकिन वे इनकार कर रहे। इससे पहले सिंघु बॉर्डर के पास प्रदर्शन स्थल पर तैनात दो पुलिस अधिकारियों का कोविड टेस्ट पॉजिटिव आ चुका है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024: दूसरे चरण की 89 सीटों पर मतदान, 1198 उम्मीदवारों का फैसला करेंगे मतदाता, मैदान में 5 केंद्रीय मंत्री और 3 राजघरानों...

दूसरे चरण में 5 केंद्रीय मंत्री चुनाव मैदान में हैं, जिसमें वी. मुरलीधरन, राजीव चंद्रशेखर, गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी और शोभा करंदलाजे चुनाव मैदान में हैं।

कॉन्ग्रेस ही लेकर आई थी कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण, BJP ने खत्म किया तो दोबारा ले आए: जानिए वो इतिहास, जिसे देवगौड़ा सरकार की...

कॉन्ग्रेस का प्रचार तंत्र फैला रहा है कि मुस्लिम आरक्षण देवगौड़ा सरकार लाई थी लेकिन सच यह है कि कॉन्ग्रेस ही इसे 30 साल पहले लेकर आई थी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe