मध्य प्रदेश के जबलपुर में कॉन्ग्रेस के 2 नेता जमीन फर्जीवाड़ा गैंग चला रहे थे। यह गिरोह खाली जमीनें देख कर उनके उत्तराधिकारी के कागज बनवाता था और उन्हें बेच देता था। इस फर्जीवाड़े का खुलासा जबलपुर विकास प्राधिकरण (JDA) ने किया है। अब पुलिस इसके मास्टरमाइंड दो कॉन्ग्रेस नेताओं को तलाश रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस ने मामले के उजागर होते ही कयाज उर्फ शुभम ठाकुर को गिरफ्तार किया था। कयाज जबलपुर विकास प्राधिकरण में एक जमीन के उत्तराधिकार के लिए पहुँचा था। लेकिन शक के बाद उसके खिलाफ जाँच हुई और इसमें गड़बड़ी पकड़ में आई। कयाज ने इसके बाद पूरा मामला बयान किया।
कयाज ने बताया कि मनोज नामदेव और जतिन राज नाम के दो कॉन्ग्रेस नेता इस पूरे गैंग को चला रहे हैं। कयाज को भी यह कागज इन्हीं दोनों ने बना कर दिए थे। इनमें से जतिन राज यूथ कॉन्ग्रेस का नगर अध्यक्ष रह चुका है। पुलिस ने इस मामले में शनिवार (19 अप्रैल 2025) को पुलिस ने दोनो कॉन्ग्रेस नेता के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है।
फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद पुलिस ने इन कॉन्ग्रेस नेताओं को पकड़ने के लिए प्रयास किए लेकिन यह फरार हो चुके हैं। उन्हें यह मामला खुलने का पता ही चल गया था। अब उनकी तलाश के लिए छापेमारी हो रही है। इस फर्जीवाड़े की भी और जानकारी जुटाई जा रही है।
रिहायशी इलाकों की जमीन होती थी निशाने पर
पुलिस पूछताछ में शुभम ने बताया कि दोनों कॉन्ग्रेस नेता जबलपुर शहर के रिहायशी इलाकों में खाली जमीनों की रेकी करते थे और पता करते थे कि इनकी स्थिति क्या है। जिन जमीनों का कोई उत्तराधिकारी नहीं होता था, उनके फर्जी कागज तैयार करवाते थे।
इन कागजों में यह खुद को उत्तराधिकारी बनवा लेते थे। इसके बाद यह JDA से उस जमीन का मालिकाना हक़ ले लेते थे। कुछ दिन बाद जमीन बेच दी जाती थी और इससे होने वाले मुनाफे को बाँट दिया जाता था। हालाँकि, इस बार यह खेल खुल गया।
फर्जीवाड़ा करते हुए ही हुआ खुलासा
यह मामला भी कयाज के फर्जीवाड़ा करते हुए ही खुला। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, कयाज ने JDA में बताया कि योजना क्रमांक 5-14 में पाँच हज़ार स्क्वायर फिट का प्लॉट है, जिसके स्वामी केपी लटोरिया हैं। उसने यहाँ जानकारी दी कि कुछ महीने पहले उनका और उनकी पत्नी का स्वर्गवास हो गया।
इसके बाद कयाज ने दावा किया कि वह केपी लटोरिया का बेटा है। उसने इसके बाद उत्तराधिकारी बनाए जाने की माँग की। उसने यहाँ आधार कार्ड और पैन कार्ड भी दिखा दिए। लेकिन अफसर को दस्तावेज़ कुछ संदिग्ध लगे। इसीलिए सभी दस्तावेजों की जाँच कराई गई और वे फर्जी निकले।
जाँच में सामने आया कि केपी लटोरिया को कई बार नोटिस जारी किया जा चुका है। परंतु जवाब नहीं मिलने पर पता लगा कि उनकी कोई संतान ही नहीं थी। इसके बाद JDA ने पुलिस को मामले की शिकायत की। पुलिस ने फर्जीवाड़े समेत कई धाराओं में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।