Friday, March 29, 2024
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ढाई साल की बच्ची का रेप-मर्डर, 29 दिन में फाँसी की सजा: UP पुलिस और कोर्ट की त्वरित कार्रवाई

न्यायाधीश ने कहा कि यदि अभियुक्त को फाँसी की सजा नहीं दी गई तो समाज में गलत संदेश जाएगा और लोग हैदराबाद मुठभेड़ जैसी घटनाओं को सही ठहराएँगे। इससे अदालतों की प्रासंगिकता पर सवाल उठेंगे।

एक विशेष अदालत ने बुधवार (जनवरी 20, 2021) को पिछले साल अक्टूबर माह में गाजियाबाद के कवि नगर इलाके में एक ढाई साल की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या के दोषी 30 वर्षीय व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई है। खास बात ये है कि कोर्ट ने मात्र 29 दिन में मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला सुना दिया।

कवि नगर थाना क्षेत्र में रहने वाली ढाई साल की बच्ची 18 अक्तूबर 2020 के दिन संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई थी। परिवार ने बहुत प्रयास किए लेकिन जब बच्ची का पता नहीं चला तो उन्होंने पुलिस से मदद माँगी। इसके बाद बच्ची का शव बरामद हुआ। बच्ची के परिजनों ने बताया था कि पड़ोस में ही रहने वाला एक युवक, जिसका उनके घर पर आना-जाना था, वही बच्ची को खिलाने के बहाने ले गया, इसके बाद से बच्ची वापस नहीं लौटी।

परिवार ने पड़ोस में रहने वाले चंदन पुत्र बृजकिशोर के खिलाफ रेप और हत्या का आरोप लगाते हुए तहरीर दी। जिसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए एसएसपी ने बताया कि तहरीर के आधार पर हत्या, बलात्कार और पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज करते आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपित ने ढाई साल की मासूम का बलात्कार कर उसका शव झाड़ियों में फेंक दिया था।

विशेष न्यायाधीश (POCSO अधिनियम) महेंद्र श्रीवास्तव, जिन्होंने फैसला सुनाया, ने कहा कि इस मामले में केवल मृत्युदंड के द्वारा ही न्याय किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “आरोपितों में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है। यह मामला दुर्लभतम श्रेणी का है। यह ध्यान देने योग्य है कि एक ढाई साल की लड़की को यह भी समझ नहीं आता है कि उसका लिंग क्या है। वह शायद समझ नहीं पा रही थी कि उसके साथ क्या हो रहा था और क्यों?”

फैसला सुनाते समय न्यायाधीश ने इस घटना को समाज को झकझोरने वाली बताया और कहा कि यदि अभियुक्त को फाँसी की सजा नहीं दी गई तो समाज में गलत संदेश जाएगा और लोग हैदराबाद मुठभेड़ (महिला चिकित्सक के बलात्कार और हत्या के मामले) जैसी घटनाओं को सही ठहराएँगे। इससे अदालतों की प्रासंगिकता पर सवाल उठेंगे।”

पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश महेंद्र श्रीवास्तव ने अभियुक्त पर 1.50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने 19 दिसंबर को ही अदालत में आरोप पत्र पेश किया। मामले में 10 गवाहों के बयान भी दर्ज किए गए। उन्होंने बताया कि आखिरी बार बच्ची को उन्होंने आरोपित के पास ही देखा था। यह घटना CCTV कैमरे में भी देखी गई थी। पूछताछ के बाद आरोपित ने कहा कि बच्ची की माँ ने उसे शराब पीने के लिए डाँट दिया था, जिसका बदला लेने के लिए उसने मासूम के साथ दुष्कर्म किया।

विशेष पॉक्सो एक्ट कोर्ट के न्यायाधीश महेंद्र श्रीवास्तव ने मामले की अंतिम सुनवाई करते हुए सुबूत और गवाहों के बयान के आधार पर चंदन को ढाई साल की मासूम का बलात्कार करने, उसकी हत्या करने और सबूत मिटाने का अपराधी पाया। बुधवार को अदालत ने आरोपित को फाँसी की सजा सुनाई।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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