Tuesday, May 20, 2025
Homeदेश-समाजUP से ले जाकर नेपाल में भारतीयों को बना रहे थे ईसाई, हिंदू संगठनों...

UP से ले जाकर नेपाल में भारतीयों को बना रहे थे ईसाई, हिंदू संगठनों ने पोत दी कालिख: पादरी की पिटाई, बसों में भरकर ले जाए जा रहे थे चर्च

इस इलाके में धर्मांतरण का यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले 31 अगस्त, 2024 को भी ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया था। तब नेपाल के सीमावर्ती इलाके में केरल के दो पादरी पकड़े गए थे। यह यहीं के एक स्थानीय चर्च में धर्मांतरण करवाने की फिराक में थे। इनको पकड़ कर यूपी पुलिस को सौंप दिया गया था।

उत्तर प्रदेश के महाराजगंज से लगने वाले नेपाल के सीमाई इलाके में ईसाई धर्मांतरण को लेकर जम कर बवाल हुआ। भारत से ईसाई बनाने के लिए नेपाल ले जाए गए लोगों का विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल नेपाल के कार्यकर्ताओं ने जम कर विरोध किया। इस दौरान नेपाल के स्थानीय लोगों ने धर्मांतरण करवाने वालों के मुंह पर कालिख भी पोत दी और भारत वापस भेज दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शनिवार (14 सितम्बर, 2024) को महाराजगंज के ठूठीबारी कस्बे से लगभग 100 लोगों का एक जत्था नेपाल की तरफ निकला। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएँ और बच्चे शामिल थे। नेपाल जाने वाले लोगों में इस इलाके के दलित-पिछड़े वर्ग के लोग भी शामिल थे।

बताया गया कि इन्हें अमोस नाम के एक पादरी अमोस ने नेपाल के खैरहनी स्थित चर्च में बुलाया था। यहाँ उनका धर्मांतरण किया जाना था। इनके लिए नेपाल नंबर की दो विशेष बसें भी नेपाल में खड़ी की गईं थी। यह बसें नेपाल के महेशपुर बस स्टैंड पर खड़ी थीं। यहीं सभी लोग इकट्ठा हुए थे।

यह सभी बसों में बैठते इससे पहले इनके धर्मांतरण की सूचना नेपाल के विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ ही स्थानीय लोगों को लग गई। वह तुरंत ही इस बस स्टैंड के पास पहुँच गए और धर्मांतरण के विरोध में प्रदर्शन करने लगे।

बताया गया है कि यहाँ मौजूद स्थानीय लोगों ने भारत से धर्मांतरण के लिए जाने वालों के साथ बदसलूकी की और उनके मुँह पर कालिख पोत दी। स्थानीय लोगों ने यहाँ के पादरी अमोस की भी पिटाई की। इसके बाद भारत से गए सभी लोगों को स्थानीय लोगों ने यहाँ से भगा दिया और भारत की सीमा पर छोड़ गए।

नेपाल के लोगों ने इस दौरान पुलिस भी बुला ली। पुलिस ने इन सभी लोगों के नाम-पते नोट किए और चेतावनी भी दी। नेपाल पुलिस के अलावा यहाँ स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी भी पहुँच गए। भारतीयों को वापस भेजने के बाद यह मामला शांत हुआ।

महाराजगंज पुलिस ने इस मामले को ट्विटर पर स्पष्टीकरण दिया है। महाराजगंज पुलिस ने बताया है कि घटना उसके अधिकार क्षेत्र में ना होकर नेपाल में हुई है और इसके संबंध में नेपाल पुलिस से बातचीत चल रही है। पुलिस ने अपील की है कि इस घटना को महाराजगंज का बता कर प्रसारित ना किया जाए।

इस इलाके में धर्मांतरण का यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले 31 अगस्त, 2024 को भी ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया था। तब नेपाल के सीमावर्ती इलाके में केरल के दो पादरी पकड़े गए थे। यह यहीं के एक स्थानीय चर्च में धर्मांतरण करवाने की फिराक में थे। इनको पकड़ कर यूपी पुलिस को सौंप दिया गया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

क्या गाँधी परिवार का ‘गुरूर’ बचाने को शशि थरूर की कुर्बानी देगी कॉन्ग्रेस?

सांसद शशि थरूर से कॉन्ग्रेसी नाराज हैं, क्योंकि उन्होंने आलाकमान के आदेशों का पालन नहीं किया। गाँधी परिवार को खुश करने के लिए कई वरिष्ठ नेताओं ने थरूर की आलोचना की। मोदी सरकार ने विदेश जाने वाले डेलिगेशन में थरूर को जगह दी है।

225 मदरसा, 30 मस्जिद, 25 मजार, 06 ईदगाह… नेपाल से सटे 7 जिलों में योगी सरकार का चला बुलडोजर, 286 अवैध ढाँचे समतल: डेमोग्राफी-लैंड...

नेपाल बॉर्डर से सटे उत्तर प्रदेश के जिलों में योगी सरकार ने एक बड़ा अभियान छेड़ा हुआ है। इसके तहत अवैध मस्जिदों और मदरसों पर कार्रवाई की जा रही है।
- विज्ञापन -