राम जन्मभूमि पर अदालत ने पूरी बहस सुनने के बाद अंत में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, इससे पहले तक बड़े-बड़े हवाई दावे कर रहे मुस्लिम पक्ष के वकीलों की खिसियाहट सामने आ गई। जब राजीव धवन ने मंदिर का प्रस्तावित नक्शा फाड़ दिया तब एक चीज़ तो साफ़ हो गई कि समुदाय विशेष के मन में इस मामले के उचित हल के लिए काफी द्वेष पैदा हो चुका है। मतलब साफ़ है कि जिस क्षण का देश भर को लम्बे वक़्त से इंतजार था, उसकी प्रतीक्षा में अब ज्यादा समय नहीं बचा हैं मगर फिर भी कुछ लोग अदालत पर भरोसा सिर्फ अपना माइनॉरिटी स्टेटस पुख्ता रखने भर के लिए ही विश्वास रखते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के रुख ने स्पष्ट रूप से आइना दिखा दिया और इसको देखते हुए मस्जिद के पैरोकारों ने भी अब समझ लिया है कि वास्तविक स्थिति क्या है, उन्हें आभास हो गया है कि अब न्याय की गंगा किस ओर से बहेगी। यही वजह है कि बाबरी मस्जिद के पक्षकारों में से एक प्रमुख पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील नहीं करेंगे।
यूँ तो देश में न्याय का अंतिम और सबसे बड़ा मंदिर सर्वोच्च न्यायलय है लेकिन इसके बाद भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आपत्ति होने पर इसके खिलाफ पुनर्विचार याचिका डालने का पूरा अधिकार है। इसी अधिकार के तहत सुप्रीम कोर्ट के किसी भी फैसले पर अपनी असहमति ज़ाहिर करने के साथ अपील की जा सकती है।
बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद में मस्जिद के लिए जिरह करने वाले मुस्लिम पक्ष की ओर से प्रमुख चेहरा रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि वह खुश हैं कि मामले की सुनवाई अपने तार्किक अंजाम की ओर पहुँच गई है अब उन्हें बस फैसले का इंतजार है। हालाँकि, उन्होंने यह ही स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला करे, इकबाल उसका सम्मान करेंगे।
बता दें कि इकबाल अंसारी हाशिम अंसारी के बेटे हैं जो इस पूरे मामले से जुड़े सबसे बुज़ुर्ग वादी थे। हालाँकि, उन्होंने खुदको इस मामले से पूरी तरह अलग कर लिया था। उस वक़्त उन्होंने कहा था कि राम का मंदिर बनना चाहिए लेकिन इसमें कुछ लोग लगातार राजनीति कर रहे हैं। उसी वक़्त अंसारी ने यह भी कहा था कि यदि प्रधानमंत्री मोदी चाहेंगे तो ज़रूर इस मसले का हल निकल सकेगा।
उन्होंने कहा था कि “सत्तर सालों से अयोध्या विवाद की वजह से बस राजनीति हो रही है और मुझे उम्मीद है कि अब शहर में कुछ विकास होगा”। आज उनके बेटे इकबाल अंसारी ने कहा कि वह अपने पिता के सपने को साकार करने के लिए वचनबद्ध हैं।