Thursday, April 25, 2024
Homeदेश-समाजकन्हैया लाल की बर्बर हत्या सुप्रीम कोर्ट के जिस जज ने नूपुर शर्मा के...

कन्हैया लाल की बर्बर हत्या सुप्रीम कोर्ट के जिस जज ने नूपुर शर्मा के गले डाली, वे आरक्षण पर भी कर चुके हैं बेतुकी टिप्पणी

...जबकि उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल तेली का गला मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने काटा था और उसके बाद एक वीडियो बनाकर पूरी दुनिया के सामने इस जघन्य हत्या की जिम्मेदारी ली थी।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जज जेबी पारदीवाला ने शुक्रवार (1 जुलाई 2022) को भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा को कड़ी फटकार लगाई। जज ने उन्हें पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी की वजह से उदयपुर हत्याकांड के लिए दोषी ठहराया। दरअसल, मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, “नूपुर शर्मा के बयान भड़काने वाले थे। देश में जो कुछ हो रहा है, उसके लिए केवल यह महिला ही जिम्मेदार है। इसके लिए उन्हें देश से माफी माँगनी चाहिए।” वहीं जज का यह बयान चर्चा का विषय बन गया है।

जबकि यह लगभग सभी को मालूम है कि उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल तेली का गला मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने काटा था और उसके बाद एक वीडियो बनाकर पूरी दुनिया के सामने इस जघन्य हत्या की जिम्मेदारी ली थी।

इससे पहले जस्टिस जमशेद बुर्जोर पारदीवाला भी आरक्षण पर ‘अनावश्यक टिप्पणी’ करके चर्चा में आए थे। सुप्रीम कोर्ट के दो जजों में से एक जस्टिस जेबी पारदीवाला एक समय में गुजरात हाई कोर्ट के न्यायाधीश थे। उस वक्त ‘आरक्षण ने देश को बर्बाद किया’ कहने वाले गुजरात हाई कोर्ट के जज पारदीवाला को हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव लाने की माँग तक की गई थी। दिसंबर 2015 में, राज्यसभा में 58 सांसदों ने सभापति हामिद अंसारी को एक याचिका सौंपी थी, जिसमें उन्होंने जेबी पारदीवाला के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की माँग की थी। हालाँकि, याचिका के बाद, न्यायाधीश ने अपने फैसले से टिप्पणियों को यह कहते हुए हटा दिया था कि वे ‘प्रासंगिक और आवश्यक’ नहीं हैं।

दरअसल, उन्होंने हार्दिक पटेल के केस में कहा था, “अगर कोई मुझसे दो ऐसी चीजें बताने को कहे जिसने देश को बर्बाद कर दिया है या जिसने देश को सही दिशा में प्रगति नहीं करने दी है, तो मैं कहूँगा कि ये आरक्षण और भ्रष्टाचार हैं।” सभापति हामिद अंसारी के सामने पेश याचिका में सांसदों ने कहा था कि जज के मुताबिक, “जब संविधान बनाया जा रहा था, तब बताया गया था कि आरक्षण दस साल तक रहेगा। लेकिन आजादी के 65 साल बाद भी यह बना हुआ है।’ लेकिन हकीकत तो यह है कि 10 साल की सीमा केंद्र और राज्य विधायिका में अजा-अजजा के प्रतिनिधित्व पर थी, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में नहीं।”

बता दें कि न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला मई 2028 में न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा के सेवानिवृत्त होने पर भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने के लिए तैयार हैं। उनका कार्यकाल 11 अगस्त, 2030 तक रहेगा। उन्होंने वकालत के पेशे में 1989 में कदम रखा था। वह अपने परिवार की चौथी पीढ़ी हैं, जिन्होंने वकालत का पेशा अपनाया ‌है।

गौरतलब है कि राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल साहू की 28 जून 2022 को बर्बर तरीके से हत्या कर दी गई थी। मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने टेलर शॉप में घुसकर उन्हें काट डाला था। हत्यारों ने घटना का खौफनाक वीडियो भी बनाया था। इस मामले में कन्हैया लाल के 20 वर्षीय बेटे ने जो FIR दर्ज कराई है, उससे भी कई हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं।

इसके मुताबिक हमले से पहले उनसे इस्लामी हत्यारों ने कहा था कि तुमने हमारे नबी के खिलाफ लिखा इसलिए तुम्हें जीने का कोई अधिकार नहीं। तुम काफिर हिन्दुओं को हम अंजाम तक पहुँचाएँगे। न्यूज़ 18 के अनुसार दर्ज एफआईआर में कन्हैया लाल के बेटे के हवाले से कहा गया है, “ये 2 हत्यारे देश के लोगों में आतंक और तनाव फैलाने के साथ निर्मम हत्याएँ करने का एक गैंग चलाते हैं। इन्होने पूरी प्लानिंग के साथ मेरे पिता की हत्या कर दी। इसके बाद इन्होने बाकी लोगों को भी धमकी दी है।”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

इंदिरा गाँधी की 100% प्रॉपर्टी अपने बच्चों को दिलवाने के लिए राजीव गाँधी सरकार ने खत्म करवाया था ‘विरासत कर’… वरना सरकारी खजाने में...

विरासत कर देश में तीन दशकों तक था... मगर जब इंदिरा गाँधी की संपत्ति का हिस्सा बँटने की बारी आई तो इसे राजीव गाँधी सरकार में खत्म कर दिया गया।

जिस जज ने सुनाया ज्ञानवापी में सर्वे करने का फैसला, उन्हें फिर से धमकियाँ आनी शुरू: इस बार विदेशी नंबरों से आ रही कॉल,...

ज्ञानवापी पर फैसला देने वाले जज को कुछ समय से विदेशों से कॉलें आ रही हैं। उन्होंने इस संबंध में एसएसपी को पत्र लिखकर कंप्लेन की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe