उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार (21 मार्च 2025) को प्राचीन हनुमान मंदिर के बाहर अज्ञात लोगों ने गोवंश (बछड़े) का कटा हुआ सिर फेंक दिया। ये घटना मदेयगंज थाना क्षेत्र में दोपहर करीब 3 बजे हुई, जिसके बाद लोग भड़क गए। मंदिर परिसर में बोरी में गोवंश का कटा सिर देखते ही आसपास के लोग जमा हो गए और जमकर नारेबाजी शुरू कर दी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुस्साए लोगों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ भी नारे लगाए, क्योंकि उनका कहना था कि ये कोई पहली घटना नहीं है। पिछले दो साल में ये तीसरी बार हुआ, जब मंदिर के आसपास ऐसी हरकत हुई। लोगों का कहना था कि अप्रैल 2024 में गाय पर चाकू से हमला हुआ था और डेढ़ साल पहले मीट फेंका गया था, लेकिन पुलिस ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया।
हंगामा बढ़ता देख लखनऊ (उत्तर) के विधायक नीरज बोरा मौके पर पहुँचे। उन्होंने लोगों को शांत कराया और पुलिस को सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया। पुलिस के बड़े अधिकारी जैसे एडीसीपी सेंट्रल मनीषा सिंह और एसीपी महानगर, भारी फोर्स के साथ वहाँ तैनात हुए। आरएसएस के नगर संघचालक अशोक दीक्षित भी कार्यकर्ताओं के साथ पहुँचे और दोषियों को कड़ी सजा देने की माँग की। इस घटना से लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचा। एक शख्स ने कहा, “ये हद हो गई, पुलिस अगर पहले कार्रवाई करती तो आज ये नौबत न आती।”
थाना मदेयगंज प्रकरण के सम्बन्ध में #ADCP_CENTRAL द्वारा दी गयी बाईट-@Uppolice pic.twitter.com/e85Xe9pqE4
— LUCKNOW POLICE (@lkopolice) March 21, 2025
लखनऊ पुलिस ने बयान जारी कर बताया कि 21 मार्च को सूचना मिलते ही फोर्स ने मौके पर पहुँचकर हालात सँभाले। धार्मिक भावनाओं को देखते हुए सिर को तुरंत हटाया गया। पुलिस का कहना है कि शांति व्यवस्था कायम है और सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है। खास टीमें बनाई गई हैं, जो वैज्ञानिक और तकनीकी सबूत जुटा रही हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की कि अफवाहों पर ध्यान न दें और सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट न करें।
विधायक नीरज बोरा ने इसे सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश बताया और कहा, “दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” एडीसीपी मनीषा सिंह ने भी कहा कि पोस्टमॉर्टम के लिए वेटरनरी डॉक्टर की मदद ली जा रही है और पीएसी फोर्स तैनात की गई है।