Thursday, April 18, 2024
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लुलु मॉल में मुस्लिमों ने ही पढ़ी थी नमाज, गलत नाम और दिशा बता कॉन्ग्रेसी-लिबरल कर रहे थे हिंदुओं को बदनाम: UP पुलिस का खुलासा

"शहर के एक नए मॉल को राजनीति का अड्डा बना लिया गया है। मॉल के नाम पर प्रदर्शन हो रहे हैं और बेमतलब की बयानबाजी चल रही है। लखनऊ प्रशासन को इस पर मामले पर पूरी गंभीरता से लेकर ऐसे लोगों से सख्ती से निपटना चाहिए।"

लखनऊ के लुलु मॉल में नमाज पढ़ने और उसका वीडियो बनाने वाले 9 नमाजियों में से 4 को सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जिसकी जानकारी मंगलवार (19 जुलाई, 2022) को लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने दी। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन को ऐसे तत्वों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस कमिश्नर ध्रुवकांत ठाकुर ने नमाज अदा करने वाले आरोपितों के बारें में जानकारी देते हुए बताया, “चारों गिरफ्तार किए गए अभियुक्त साथ में ही लुलु मॉल के अंदर नमाज अदा की थी। CCTV से आरोपितों की पहचान की गई थी। रेहान, लुकमान, नोमान लखनऊ के इंदिरानगर थाने के खुर्रमनगर के अबरार में रहते हैं। अतिफ खान लखीमपुर के मोहम्मदी का रहने वाला है। लुकमान और नोमान दोनों सगे भाई हैं। जो कि सीतापुर के लहरपुर थानाक्षेत्र के मंगोलपुर के रहने वाले हैं। ये बाइक से मॉल में नमाज पढ़ने के लिए पहुँचे थे।”

पुलिस कमिश्नर ध्रुव कांत ठाकुर ने आगे बताया कि गिरफ्तार किए गए चारों अभियुक्तों के खिलाफ धारा 153 A (1) 341, 505 295 A के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अभी तक जो जानकारी सामने आई है उसमें बताया जा रहा है कि चारो आरोपितों ने पुलिस के सामने कबूल किया कि 12 जुलाई, 2022 को लुलु माल परिसर में बिना अनुमति के नमाज पढ़ी थी और उसका वीडियो भी बनाया था और सोशल मीडिया पर वायरल किया था। बता दें कि इन चारों आरोपितों के साथ वीडियो में कुल 9 लोग नमाज पढ़ने गए थे। जिनका वीडियो वायरल हुआ था। पुलिस पाँच अन्य नमाजियों की तलाश कर रही है।

वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी लुलु मॉल के आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद घटनाक्रम पर बोलते हुए कहा, “शहर के एक नए मॉल को राजनीति का अड्डा बना लिया गया है। मॉल के नाम पर प्रदर्शन हो रहे हैं और बेमतलब की बयानबाजी चल रही है। कुछ लोग जनता के आवागमन को रोकने के लिए अनावश्यक रूप से टिप्पणी और प्रदर्शन कर रहे हैं। लखनऊ प्रशासन को इस पर मामले पर पूरी गंभीरता से लेकर ऐसे लोगों से सख्ती से निपटना चाहिए।”

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह 12 जुलाई को, लुलु मॉल में नमाज पढ़ने का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसके बाद से शहर में नया खुला ये शॉपिंग मॉल विवादों आ गया। तब से वामपंथी-लिबरल गिरोह इसे रोज नया मोड़ देते हुए कई मनगढंत दावे कर रहा था। यहाँ तक कि नमाजियों को भी हिन्दू साबित करने की न सिर्फ कोशिश हुई बल्कि खूब प्रोपेगेंडा फैलाया गया।

हालाँकि, लुलु मॉल में नमाज की प्रतिक्रिया में कुछ हिंदूवादी संगठनों ने भी हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, गायत्री मन्त्र पढ़ने की घोषणा की थी। जिसको देखते हुए मॉल के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। साथ ही किसी भी तरह के उपद्रव से निपटने के लिए CM योगी ने सख्त आदेश दिए थे। जिसके बाद लुलु मॉल की सुरक्षा में पीएसी तैनात कर दी गई थी और अराजकतत्वों पर ड्रोन से निगरानी की जा रही है।

इन सब विवादों के बीच अयोध्या में तपस्वी छावनी के महंत परमहंसाचार्य भी मंगलवार की दोपहर को लुलु मॉल पहुँचे। हालाँकि, उनकी भी पुलिस से थोड़ी कहा-सुनी भी हुई लेकिन प्रशासन ने उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं दी और पुलिस उन्हें हिरासत में लेकर अपने साथ ले गई है।

वहीं इस मामले पर बोलते हुए महंत परमहंसाचार्य ने कहा, “मैं मॉल की शुद्धिकरण के लिए आया था। यहाँ नमाज पढ़ी गई, इसलिए मॉल अशुद्ध हो गया था। लुलु मॉल का नाम बदलकर भगवा भवन करना चाहिए। मुझे मॉल में जाने से रोका गया। मॉल में 80 फीसदी मुस्लिम कर्मचारी हैं।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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