Saturday, July 27, 2024
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बालाघाट में यति नरसिंहानंद के पोस्टर लगाए, अपशब्दों का इस्तेमाल: 4 की गिरफ्तारी पर भड़की ओवैसी की AIMIM

AIMIM के जिला प्रभारी नाजिम खान ने कहा, "पूरे मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, हमारे समुदाय के चार सदस्यों को उनका पोस्टर लगाने के लिए गिरफ्तार किया गया है।"

मध्य प्रदेश की बालाघाट पुलिस ने 9 अप्रैल को गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ पोस्टर लगाने के आरोपित मतीन अजहरी, कासिम खान, सोहेब खान और रजा खान को गिरफ्तार किया। इन चारों ने पैगंबर मुहम्मद पर कथित टिप्पणी करने के मामले में डासना देवी मंदिर के महंत के विरोध में बालाघाट के जामा मस्जिद रोड पर पोस्टर चिपकाए थे।

महंत का पोस्टर लगाने के मामले में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इसी के आधार पर चारों के खिलाफ आईपीसी की धारा 153-ए, 295-ए और 34 के आधार पर केस दर्ज किया गया है। बता दें कि इससे पहले यूपी के बरेली स्थित इस्लामिया ग्राउंड में जुमे की नमाज के बाद बड़ी संख्या में कट्टरपंथी इकट्ठा हुए थे और सभी ने यति नरसिंहानंद के खिलाफ कार्रवाई और उनका सिर कलम करने की माँग की थी।

मामले को लेकर बालाघाट बजरंग दल के जिला प्रभारी रामेश्वर राणा ने कहा कि वे अपने दोस्तों के साथ सब्जियाँ खरीदने के लिए बाजार जा रहे थे। उन्होंने जामा मस्जिद के पास सड़क पर चार लोगों को देखा, जो डासना मंदिर के महंत के पोस्टर दीवार पर चिपकाकर उस पर जूते मार रहे थे। इसके अलावा वह गंदी गालियाँ भी दे रहे थे।

वीएचपी के दुर्गेश शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बालाघाट एक शांतिपूर्ण जिला रहा है। हालाँकि, कुछ लोग शांति को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “कुछ असामाजिक तत्वों ने सड़क पर यति नरसिंहानंद सरस्वती के पोस्टर चिपकाए थे। उन्होंने पुजारी के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया। इससे हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँची है।” दुर्गेश ने आगे कहा कि अगर वे किसी चीज के लिए अपना विरोध दर्ज कराना चाहते हैं, तो वे ज्ञापन के माध्यम से कर सकते थे। इस तरह के कृत्य स्वीकार्य नहीं हैं। यही कारण है कि हमने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।

कोतवाली पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर मंशाराम रोमडे ने आरोपितों के खिलाफ एफआईआर की पुष्टि करते हुए बताया कि चारों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने इसके बारे अधिक जानकारी देने से इनकार करते हुए इसे सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील मुद्दा करार दिया। एआईएमआईएम के 5 सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस को पत्र लिखकर 1 अप्रैल को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में अपनी टिप्पणी के लिए डासना पुजारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह किया। AIMIM के जिला प्रभारी नाजिम खान ने कहा, “पूरे मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, हमारे समुदाय के चार सदस्यों को उनका पोस्टर लगाने के लिए गिरफ्तार किया गया है।”

बीते 1 अप्रैल को गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के मुख्य पुजारी यति नरसिंहानंद सरस्वती ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक कार्यक्रम में बात की थी। उन्होंने पैगंबर मुहम्मद की विशेषताओं को उजागर करने में हिंदुओं से निडर होने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था, “अगर इस्लाम की वास्तविकता, जिसके लिए मौलाना कहते हैं कि यदि आप मुहम्मद के बारे में बोलते हैं, तो हम आपका सिर कलम कर देंगे, हिंदुओं को इस डर से छुटकारा मिलना चाहिए। हम हिंदू हैं। अगर हम भगवान राम, और अन्य हिंदू देवताओं की विशेषताओं के बारे में कह सकते हैं, तो मुहम्मद हमारे लिए कुछ भी नहीं है। हम मुहम्मद के बारे में और सच क्यों नहीं बोल सकते थे?”

AAP विधायक अमानतुल्ला खान ने पैगंबर मुहम्मद की आलोचना के लिए यति नरसिंहानंद सरस्वती का सिर कलम करने का आह्वान किया था। उसकी शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की थी। बाद में महंत का सिर काटने की धमकी के मामले में AAP विधायक के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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