Friday, March 29, 2024
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‘मुझे जेल में न नींद आती है न चैन… मुझ पर एहसान कर दो’ : ‘हिंदू माँ-बेटी’ को मारकर घर में दफनाने वाला शमशाद जेल में बैचेन, गवाह से बोला- ‘मैं चाहता तो तुम्हारे साथ कुछ कर सकता था’

चंचल ने बताया, "15 जुलाई को कुछ लड़के गली में हमारे घर का पता पूछते-पूछते आए थे और 8 पन्नों का पत्र देकर गए थे। इस पत्र में लिखा था कि मैं उसे 2007 से जानती हूँ जबकि सच ये है कि 2012-13 के आसपास तो मेरी मुलाकात प्रिया से हुई थी। फिर मैं उसे कैसे जान लूँगी।"

साल 2020 में घर के भीतर प्रिया और उसकी बेटी कशिश को बेरहमी से मारकर दफनाने वाला शमशाद अब जेल में है। वो और उसके परिजन लगातार कोशिश कर रहे हैं कि किसी तरह उसे छुड़ा लें। इसी क्रम में उन्होंने प्रिया की सहेली चंचल चौधरी पर दबाव बनाना शुरू किया है। शमशाद ने 15 जुलाई को चंचल को पत्र भेजा था। इस पत्र में उसने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर चंचल को उलझाने की कोशिश की और उनसे केस वापस लेने को कहा।

प्रिया की सहेली चंचल पर बनाया जा रहा दबाव

जब ऑपइंडिया ने इस मामले पर चंचल से बात की तो उन्होंने बताया, “15 जुलाई को कुछ लड़के गली में हमारे घर का पता पूछते-पूछते आए थे और 8 पन्नों का पत्र देकर गए थे। इस पत्र में लिखा था कि मैं उसे 2007 से जानती हूँ जबकि सच ये है कि 2012-13 के आसपास तो मेरी मुलाकात प्रिया से हुई थी। फिर मैं उसे कैसे जान लूँगी।”

चंचल ने बताया कि उनके साथ-साथ उनका साथ देने वाले धर्म जागणर के प्रचारक मनीष लोइया पर भी दबाव बनाया जा रहा है। उन लोगों को धमकियाँ मिल रही है। अब इन्हीं कारणों से उन लोगों ने इस मामले में शिकायत देने की सोची है। जल्द ही वह इस पत्र के बारे में और पिछले कुछ समय में घटी घटनाओं को लेकर शिकायत देंगे।

जानकारी के मुताबिक प्रिया-कशिश मर्डर केस में इस समय शमशाद, उसी बीवी और उसका साला दिलावर तीनों जेल में हैं। वहीं कुछ अन्य लोग हैं जिनका नाम पड़ताल में सामने आने के बाद उनसे पूछताछ चलती है। ये सारे लोग इस केस से अपना नाम हटवाने के लिए चंचल की गवाही पर आस लगाए बैठे हैं। यही कारण है कि शमशाद ने इतना लंबा पत्र उन्हें भिजवाया और  तमाम तरह की इमोशनल बातें करके चंचल से केस वापस लेने को कहा।

क्या है शमशाद के पत्र में?

इस पत्र में शमशाद ने खुद के अपराध पर सफाई देते हुए कहा है कि वह प्रिया-कशिश को जान से ज्यादा चाहता था, लेकिन उसे शक था कि उसकी गैरमौजूदगी में प्रिया किसी को बुलाती है। वो डरता था कि कहीं प्रिया उससे दूर न चली जाए।

इतना ही नहीं शमशाद ये भी लिखता है, “जितना प्यार मैं प्रिया को करता था उतना गाँव वाली बीवी को भी नहीं करता था।” उसने पूरे पत्र में अपनी सफाई दी है और ये बताया है कि खून उसने नहीं किया। उसे तो जेल में रहने के दौरान पता चला था कि उसके घर से कंकाल मिले हैं। उसने पत्र में हत्याकांड का सारा ठीकरा किसी ‘सुधीर’ पर फोड़ा और खुद को और अपने परिवार को निर्दोष बताता रहा।

अपने पत्र में खुद को बेगुनाह दिखाने के लिए उसने चंचल को कहा, “तुम तो मेरी अच्छी दोस्त थी। मेरे साथ अकेले भी आई-गई हो। मैं चाहता तो तुम्हारे साथ कुछ भी कर सकता था। पर मैंने कुछ किया क्या… मैं ऐसा होता तो मैं तुम्हें भी क्यों छोड़ता, मुझे पता था प्रिया की हमदर्द तुम्ही हो।” आगे वह चंचल को समझाते हुए ये भी कहता है कि ये सब बजरंग दल वाले इन बातों का मुद्दा बनाते हैं। इनमें किसी की जान चली जाए इनका कुछ नहीं होता।

पत्र में वह चंचल के सामने गिड़गिड़ाते हुए कहता है, “जेल में न मुझे रात में नींद आती है और न ही दिन में चैन आता है… हम कभी न कभी तो बाहर आएँगे। जिसने मुझे मेरे परिवार से अलग किया है उसे मैं कभी भी माफ नहीं करूँगा। चंचल तुम्हें भड़काने वाले बहुत लोग मिलेंगे लेकिन जो तुम्हारा मन कहे तुम वही करना। प्रिया की तरह नहीं, जैसे वो किसी की बातों में आ जाती थी, तुम भी मत आ जाना।… तुम्हें किसी बात का लालच है तो मुझे बता दो… तुम चाहोगी तो हम जल्दी बाहर आ जाएँगे। मुझ पर एहसान कर दो। मेरे पीछे बहुत परिवार पल रहे हैं। सबकी दुआ लगेगी तुम्हें।”

2020 में हुए प्रिया-कशिश हत्याकांड में खुलासे

बता दें कि शमशाद के इस पत्र में कही गई हर बात उस तथ्य से उलट हैं जो साल 2020 में प्रिया-कशिश हत्याकांड का खुलासा होने के बाद सामने आई थीं। ऑपइंडिया ने चंचल चौधरी से बात करके इस केस पर विस्तृत रिपोर्ट की थी। चंचल ने बताया था कि कैसे शमशाद उन्हें पूरे लॉकडाउन झूठ बोलता रहा और जब सच्चाई खुली तो सारे इल्जाम प्रिया पर लगा दिए।

चंचल ने ये भी बताया था कि पहले उनकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही थी लेकिन धर्म जागरण के प्रचारक मनीष लोइया की मदद लेने के बाद उनकी शिकायत पर एक्शन लिए गए और शमशाद ने खुद इस बात को बताया कि उसने प्रिया-कशिश को मारकर बेड के नीचे दफना दिया था और उनके शरीर को गलाने के लिए 20 पैकेट नमक भी डाले थे।

इसके अलावा जैसा कि शमशाद ने पत्र में दावा किया है कि उसका नाम हमेशा से शमशाद था, इसके एकदम उलट चंचल ने शुरू से यही दावा है कि जब प्रिया शमशाद से मिली थीं तो उसकी आईडी अमित गुर्जर के नाम से थी और उसने इसी नाम के सहारे प्रिया को प्रेम जाल में फँसाया था। चंचल के अनुसार शमशाद ने झूठ बोलकर प्रिया से शादी की थी और माँ-बेटी के साथ रहने लगा था। इसके बाद सच्चाई खुलने पर उसने प्रिया के पूजा-पाठ आदि पर रोक लगवा दी थी। धीरे-धीरे प्रिया को पता चला था कि शमशाद को पहले से ही शादीशुदा था।

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