Tuesday, October 8, 2024
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अल्लाहू अकबर के नारे, रास्ता रोकने के लिए सड़क पर बड़े-बड़े पत्थर: मेवात में पुलिस पर इस्लामी भीड़ ने कैसे किया हमला, 7 FIR में दर्ज है डिटेल

FIR में कहा गया है कि दंगाइयों ने सड़क जाम करने के लिए बड़े-बड़े पत्थर रख दिए थे। पुलिसकर्मियों को मारने के लिए पत्थरबाजी और गोलीबारी की। लाठी, डंडों, रॉड और पत्थरों से पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। उन्होंने पुलिसकर्मियों से मोबाइल फोन और पर्स छीन लिए।

हरियाणा के मेवात के नूहं में 31 जुलाई 2023 को मुस्लिम भीड़ ने जलाभिषेक यात्रा में शामिल हजारों हिंदुओं पर हमला किया था। इस मामले में दर्ज कई एफआईआर ऑपइंडिया को मिली हैं। इनमें से 7 FIR पुलिस पर हुए हमलों के बारे में बताती है। इनसे पता चलता है कि इस्लामी भीड़ ने पुलिसकर्मियों को भी भीषण तरीके से निशाना बनाया था।

होमगार्ड गुरसेव और नीरज की मौत

इंस्पेक्टर अजय कुमार की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 147, 148, 149, 186, 342, 332, 353, 307, 302, 379 बी, 120 बी, 427 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत FIR दर्ज की गई। अपनी शिकायत में इंस्पेक्टर अजय ने कहा है कि जलाभिषेक यात्रा के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के उनकी तैनाती नूहं में की गई थी। मानेसर के डीसीपी मनवीर सिंह के नेतृत्व में एसआई देवेंद्र, पीएसआई अरुण, हेड कांस्टेबल शेरा, कांस्टेबल पवन कुमार, एचजीएच नीरज और एचएसएच गुरसेव भी ड्यूटी पर उनके साथ थे। आईएमटी थाना, मानेसर प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र, बिलासपुर थाना प्रभारी निरीक्षक राहुल देव और मानेसर क्यूआरटी टीम भी उनके साथ थी।

नूहं दंगे की एफआईआर का एक हिस्सा

FIR में आगे कहा गया है कि यह टीम साइबर पुलिस स्टेशन नूहं पहुँची तो वहाँ बड़ी संख्या में दंगाइयों ने उन पर हमला कर दिया। उनके हाथों में घातक हथियार थे। दंगाइयों ने सड़क जाम करने के लिए बड़े-बड़े पत्थर रख दिए थे। दंगाइयों ने पुलिसकर्मियों को मारने के लिए पत्थरबाजी और गोलीबारी की। इसी दौरान सड़क पर पत्थर लगने से एसआई अजय की गाड़ी पलट गई।

दंगाइयों ने लाठी, डंडों, रॉड और पत्थरों से पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। उन्होंने पुलिसकर्मियों से मोबाइल फोन और पर्स छीन लिए। पुलिसकर्मियों को खुद को बचाने के लिए हवाई फायर करना पड़ा। इसी बीच दंगाइयों के हमले में होमगार्ड नीरज और होमगार्ड गुरसेव बलिदान हो गए। कांस्टेबल पवन, हेड कांस्टेबल शेरसिंह, एसआई देवेंद्र और पीएसआई अरुण गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें उपचार के लिए सोहाना हॉस्पिटल ले जाया गया।

दंगाइयों ने लगाए ‘अल्लाह-हू-अकबर’ का नारे फिर पुलिस पर बोला हमला

इंस्पेक्टर पंकज कुमार की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 148, 149, 332, 353, 186, 307 और 295 ए और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। अपनी शिकायत में इंस्पेक्टर कुमार ने कहा कि वह अपने सीनियर अधिकारी के निर्देश पर नूहं में ड्यूटी पर थे। कांस्टेबल पोकर राम, संदीप, संजय, विक्रम और गौरीशंकर भी उनके साथ थे। वे नूहं के अडबर चौक पर तैनात थे। गुरुग्राम के सेक्टर 40 क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर अनिल कुमार भी अपने सहयोगियों के साथ उनके साथ ड्यूटी में थे।

नूहं दंगे की एफआईआर का एक हिस्सा

600-700 दंगाई भीड़ ने तावडू से अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाते हुए उन पर हमला कर दिया। उन्होंने पुलिसकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया और अवैध हथियारों का इस्तेमाल करते हुए गोलियाँ चलानी शुरू कर दीं। इंस्पेक्टर कुमार और इंस्पेक्टर अनिल ने उनसे शांति बनाए रखने का अनुरोध किया। लेकिन दंगाई पुलिसकर्मियों पर पथराव और गोली चलाते थे। दंगाइयों के हाथों में पत्थर, लाठी-डंडे, ईंट समेत अवैध हथियार थे।

एक गोली इंस्पेक्टर अनिल कुमार के पेट में लगी, इससे वह वहीं गिर गए। उनके सहयोगी एएसआई जगबीर सिंह को भी पथराव से चोटें आई। एसआई संजय और अन्य पुलिसकर्मियों ने उन्हें हॉस्पिटल पहुँचाया। इस बीच, इंस्पेक्टर कुमार और उनके सहयोगियों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायर किया। इंस्पेक्टर पंकज कुमार ने शिकायत में कहा है कि वह दंगाइयों को पहचान सकते हैं।

पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतारना चाहती थी इस्लामी भीड़

कांस्टेबल रविंदर की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 148, 149, 332, 353, 186, 307 और 435 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत FIR दर्ज की गई। अपनी शिकायत में रविंदर ने कहा है कि मेवात में आयोजित धार्मिक जलाभिषेक यात्रा के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए वह नूहं शहर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर ओमबीर सिंह के साथ झंडा पार्क में तैनात थे।

नूहं दंगे की एफआईआर का एक हिस्सा

जलाभिषेक यात्रा जैसे ही झंडा पार्क पहुँची वहाँ करीब 600-700 दंगाइयों ने श्रद्धालुओं और पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। दंगाइयों के हाथों में पत्थर, लाठी, डंडे और अवैध हथियार थे। दंगाई अलवर-सोहना रोड पर नूहं बस स्टैंड की ओर से यात्रा पर हमला कर रहे थे। कांस्टेबल रविंदर, इंस्पेक्टर ओमबीर और अन्य पुलिसकर्मी गौशाला रोड, नूहं पहुँचे और पुलिस वैन को सड़क के किनारे खड़ा कर दिया।

भीड़ के हमले को कंट्रोल करने के लिए बाकी पुलिसकर्मी वैन से चले गए। लेकिन रविंदर और एक अन्य एसआई वैन में ही रहे। अचानक ही भीड़ ने वैन पर पथराव के साथ ही लाठी-डंडों से हमला कर दिया। भीड़ पुलिकर्मियों को मारने के इरादे से अवैध हथियार से गोली चला रही थी। इसी दौरान, एसआई ने खुद को बचाने के लिए दंगाइयों पर अपनी सरकारी पिस्टल से गोली चला दी। इसके बाद दंगाइयों ने रविंदर को मारने के इरादे से वैन में आग लगा दी। कुछ दंगाइयों की पहचान रिजवान, नईम, शौकीन, सरफराज, तौफीक, इरशाद के रूप में हुई।

करीब 600 मुस्लिमों ने किया पुलिस पर हमला

एसआई अनिल कुमार की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 148, 149, 435, 295 ए, और 307 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत एफआईआर दर्ज की गई। एसआई अनिल कुमार ने अपनी शिकायत में कहा है कि वह नूहं में धार्मिक जलाभिषेक यात्रा में ड्यूटी के लिए पुलिस अधिकारी दिनेश यादव और रीडर बाबू लाल के साथ गए थे। जब यात्रा झंडा चौक से गुजरी, तभी 500-600 मेव मुस्लिमों की दंगाई भीड़ ने श्रद्धालुओं और पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। दंगाई लाठी-डंडे, पत्थर और अवैध हथियारों से हमला कर रहे थे।

नूहं दंगे की एफआईआर का एक हिस्सा

दंगाइयों को कंट्रोल करने के लिए पुलिस अधिकारी दिनेश यादव पुलिस वैन से नीचे उतरे और एसआई अनिल कार के अंदर बैठे रहे। तभी भीड़ ने पत्थर और लाठी-डंडों से वैन पर हमला कर दिया। एसआई अनिल ने किसी तरह वैन से निकलकर खुद को बचाया।

दंगाइयों ने पुलिस वैन में लगाई आग

कांस्टेबल बिजेंद्र कुमार की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 148, 149, 435, 295 ए, 307 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत एफआईआर दर्ज की गई। इस यात्रा में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उनकी तैनाती नूहं में थी। वह नूहं में दिल्ली-अलवर रोड पर इंस्पेक्टर विश्वजीत के साथ बस स्टैंड की ओर जा रहे थे, तभी 500-600 दंगाइयों ने वाहनों पर हमला करना शुरू कर दिया और उन्हें जला दिया।

नूहं दंगे की एफआईआर का एक हिस्सा

हालात कंट्रोल करने के लिए इंस्पेक्टर विश्वजीत वैन से उतरकर दंगाइयों को समझा रहे थे। तभी दंगाइयों ने वैन पर लाठी, डंडों और पत्थरों से हमला कर उसमें आग लगा दी। इस दौरान इंस्पेक्टर विश्वजीत ने किसी तरह अपनी जान बचाई।

दंगाइयों ने महिला पुलिसकर्मियों पर भी किया हमला

कांस्टेबल रामेंद्र सिंह की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 148, 149, 332, 353, 186, 307 और 435 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत FIR दर्ज की गई। वह नूहं में महिला ईआरवी दुर्गा शक्ति में ड्राइवर के पद पर तैनात हैं। रामेंद्र सिंह की शिकायत पर दर्ज एफआईआर में खालिद, सकीर, अबरार, समीरी, बदरुद्दीन, आरिफ, मोएन, जिशान, अशफाक, शाहरुख, सरफुद्दीन को आरोपित बनाया गया है। अपनी शिकायत में कांस्टेबल रामेंद्र ने कहा है कि वह मलाब पॉलीटेक्निक कॉलेज में महिला कांस्टेबल पिंकी और स्टाफ प्रभारी अंजुमन के साथ रूटीन पेट्रोलिंग पर थे।

नूहं दंगे की एफआईआर का एक हिस्सा

इसी दौरान मालब गाँव के पास दंगाइयों ने पुलिस वैन पर हमला कर दिया। हालाँकि वह बचते हुए नूहं शहर की ओर जाने लगे। तभी पुराने बस स्टैंड पर करीब 700-800 दंगाइयों ने उन्हें मारने के उद्देश्य से घेर लिया। दंगाइयों ने उन पर पथराव और गोलीबारी शुरू कर दी। वे किसी तरह वैन को छोड़कर सुरक्षित स्थान पर पहुँचने में कामयाब हुए। हमले के दौरान कांस्टेबल रामेंद्र घायल हो गए। दंगाइयों ने उनकी वैन को जला दिया। आग में जलकर खाक हुई पुलिस वैन में महत्वपूर्ण फाइलें और उपकरण थे।

पुलिसकर्मियों को जान से मारने की कोशिश

कांस्टेबल नीरज की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 148, 149, 332, 353, 186, 307 और 435 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत FIR दर्ज की गई थी। कांस्टेबल नीरज सीएस स्टाफ, टौरू के पद पर तैनात हैं। यात्रा के दौरान सब-इंस्पेक्टर कंवरपाल, हेड कांस्टेबल हरि प्रेम और होमगार्ड हासम खान के साथ नूहं में उन्हें तैनात किया गया था।

नूहं दंगे की एफआईआर का एक हिस्सा

अपनी शिकायत में कांस्टेबल नीरज ने कहा कि जब वह पुराने बस स्टैंड पर पहुँचे, तो एक समुदाय के करीब 500-600 दंगाइयों ने श्रद्धालुओं और पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। भीड़ पत्थर, डंडे और अवैध हथियार से हमला कर रही थी। जब एसआई कंवरपाल ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो दंगाइयों ने उनकी गाड़ी पर पथराव शुरू कर दिया। कांस्टेबल नीरज उस समय पुलिस वैन के अंदर थे। दंगाइयों ने दोनों को मारने के लिए गोलीबारी करनी शुरू कर दी। हमला बढ़ता देख वे पुलिस वैन छोड़ किसी तरह बचने में कामयाब रहे।

मेवात के नूहं में शोभा यात्रा पर हुए हमले को ऑपइंडिया बड़े पैमाने पर कवरेज कर रहा है। पूरा कवरेज देखने के लिए यहाँ क्लिक करें।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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