Friday, December 27, 2024
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प्रार्थना सभा के नाम पर लोगों का धर्मांतरण कराने की कोशिश, पादरी समेत 10 गिरफ्तार: ओडिशा से लेकर उत्तर प्रदेश तक फैला मिशनरियों का जाल

सीतापुर में पादरी एल्गिन सिंह को धर्मांतरण कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया, उनके कई अनुयायियों से पूछताछ जारी है।

देशभर में धर्मांतरण के खिलाफ की जा रही गतिविधियों ने चार प्रमुख घटनाओं को उजागर किया है। इन घटनाओं में अब तक कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है, तो पादरी समेत कम से कम 9 को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, कई अन्य लोगों से पूछताछ जारी है। कार्रवाई में पादरियों सहित अन्य आरोपित शामिल हैं।

उन्नाव में क्रिसमस प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण, 6 गिरफ्तार

उन्नाव जिले के बिहार थानाक्षेत्र के खेसुआ गाँव में बुधवार (25 दिसंबर 2024) को क्रिसमस प्रार्थना सभा के दौरान धर्मांतरण कराने की शिकायत पर पुलिस ने छह लोगों पर केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि प्रार्थना सभा का आयोजन शारदा नाम की महिला ने किया था, जो स्थानीय जमीन पर कब्जा कर वहाँ धर्मांतरण गतिविधियाँ चला रही थी। ग्रामीणों ने इसका विरोध किया तो मारपीट की गई।

बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुँचकर सभा बंद कराई और पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने शारदा, उसके बेटों राहुल, अजय, विजय, आशीष और मनीष के साथ दो अन्य सहयोगियों रमेश और राजेश को गिरफ्तार किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुँचे।

सीतापुर में पादरी एल्गिन सिंह गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के कटसरैया गाँव में धर्मांतरण कराने के आरोप में पादरी एल्गिन सिंह को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उन्हें गुरुवार (26 दिसंबर 2024) सुबह मनवा तिराहा से पकड़ा। पादरी पर उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन अधिनियम 2021 के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने बताया कि एल्गिन सिंह कई स्थानीय लोगों को धर्मांतरण के लिए प्रेरित कर रहा था। इस मामले में अन्य संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। पादरी को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।

ओडिशा में धर्मांतरण के प्रयास में तीन लोगों को पेड़ों से बाँधा

बालासोर जिले के गोबरधनपुर गाँव में स्थानीय ग्रामीणों ने तीन लोगों को धर्मांतरण के प्रयास के आरोप में पकड़कर पेड़ों से बांध दिया। आरोपों के मुताबिक, छनाखानपुर गाँव के गोबिंद सिंह, मित्रपुर मखापड़ा गाँव के सुबासिनी सिंह और मुखुरा पंचायत और रेमुना पुलिस सीमा के रेमुना मुखुरा के सुकांति सिंह ने कथित तौर पर आदिवासी परिवारों को धर्मांतरण के लिए तैयार किया था।

देबसेना की नीलगिरि शाखा के अध्यक्ष बादल कुमार पांडा ने कहा कि गोबिंद सिंह के घर पर भोजन की व्यवस्था थी, जिसमें माँस और चावल शामिल थे। ‘मेरी क्रिसमस’ वाक्यांश से सजा एक केक भी मिला, जिससे संदेह पैदा हुआ कि धर्मांतरण समारोह चल रहा था। ग्रामीणों को संदेह था कि आरोपित परिवारों का धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए उन्होंने उन्हें पेड़ों से बाँध दिया। सूचना मिलने पर पुलिस ने तीनों आरोपितों को हिरासत में ले लिया। घटना के बाद इलाके में तनाव बना हुआ है।

सहारनपुर में धर्मांतरण के आरोपों पर हंगामा

सहारनपुर के नानौता क्षेत्र के ओलरी गाँव में एक घर के अंदर धर्मांतरण गतिविधियों की सूचना पर बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने हंगामा किया। आरोप है कि मकान मालिक अपने बेटे के साथ मिलकर प्रलोभन देकर धर्मांतरण करवा रहा था। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया।

विश्व हिंदू परिषद जिलाध्यक्ष दिग्विजय त्यागी ने आरोप लगाया कि एक घर में काफी संख्या में लोगों को एकत्रित कर प्रलोभन देते हुए धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जा रहा था। वहीं, थाना पुलिस ने बताया कि धर्मांतरण का मामला नहीं है। निजी कार्यक्रम था। आयोजकों को भविष्य में अनुमति लेकर कार्यक्रम करने की हिदायत दी गई है।

गौरतलब है कि देशभर में धर्मांतरण को लेकर बढ़ती घटनाएँ प्रशासन और जनता के बीच गंभीर चर्चा का विषय बन गई हैं। स्थानीय संगठनों और पुलिस की सक्रियता से ऐसे मामलों में कार्रवाई हो रही है, लेकिन आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी है। इन घटनाओं से स्पष्ट है कि धर्मांतरण जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सतर्कता और पारदर्शिता जरूरी है, ताकि कानून का पालन सुनिश्चित हो और सामुदायिक तनाव न बढ़े। ऐसे में स्थानीय प्रशासन को भी चाहिए कि वो धर्मांतरण की गतिविधियों में शामिल लोगों की पहचान कर उनपर सख्त कार्रवाई करे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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