Tuesday, April 16, 2024
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ड्राइवर, पत्रकार, मानवाधिकार कार्यकर्ता… दरभंगा एयरपोर्ट पर हथियार के साथ पकड़े गए कलामुद्दीन की कई पहचान: भाई का मदरसा, भतीजा ड्रग्स तस्कर

खुद को ड्राइवर बताने वाला कलामुद्दीन अक्सर हवाई यात्रा करता रहता है। उसका एक भाई मुंबई में मदरसा चलाता है। भतीजा इसी 18 दिसंबर को मुंबई में ड्रग्स के साथ पकड़ा गया है।

दरभंगा एयरपोर्ट पर 24 दिसंबर 2022 को 42 साल के मोहम्मद कलामुद्दीन को पकड़ा गया। उसके पास से गुलजार सईद और कमालुद्दीन के नाम से भी दस्तावेज मिले हैं। दरभंगा पुलिस जाँच का हवाला देकर खुलकर कुछ भी बताने से इनकार कर रही है। लेकिन कलामुद्दीन से जुड़े जो तथ्य सामने आ रहे हैं, उससे लगता है कि वह किसी अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी का महत्वपूर्ण लिंक है।

कलामुद्दीन बिहार के पूर्वी चंपारण जिला के ढाका थाना क्षेत्र के कुशमहवा गाँव का रहने वाला है। यह गाँव कट्टरपंथी गतिविधियों के लिए कुख्यता चंदनबारा से सटा है। कलामुद्दीन मुंबई की फ्लाइट पकड़ने के लिए दरभंगा एयरपोर्ट आया था। जाँच के दौरान उसके सामान में एक मैगजीन और 9 एमएम के तीन जिंदा कारतूस मिले थे। शुरुआत में उसने हंगामा करते हुए एयरपोर्ट अधिकारियों पर अपने सामान में मैगजीन और कारतूस रखने का आरोप लगाया था। ​बाद में उसे दरभंगा सदर थाने की पुलिस को सौंप दिया गया।

पूछताछ से जुड़े सूत्रों ने ऑपइंडिया को बताया है कि शुरुआत में कलामुद्दीन ने पुलिस पर भी धौंस जमाने की कोशिश की थी। एक कॉन्स्टेबल को परिणाम भुगतने की धमकी दी थी। वह ऐसे पेश आ रहा था जैसे वह आसानी से छूट जाएगा। बाद में उसने एसयूवी की खरीद के एक विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि हत्या के लिए उसने पिस्टल और गोली खरीदी थी।

कलामुद्दीन के पास से प्रेस कार्ड, एक मानवाधिकार संगठन का आई कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, डेबिट कार्ड और कुछ वकीलों के वि​जटिंग कार्ड बरामद हुए हैं। सूत्रों के अनुसार ये विजटिंग कार्ड मुंबई हाई कोर्ट, लखनऊ, सिद्धार्थनगर और मोतिहारी के वकीलों के हैं। सूत्रों के अनुसार जो ड्राइविंग लाइसेंस है, उस पर तस्वीर कलामुद्दीन की है और नाम गुलजार सईद अंकित है। इस पर पता मुंबई का है।

सूत्रों के अनुसार कलामुद्दीन के पिता की मृत्यु हो चुकी है। वह चार भाई। एक गाँव में रहकर ड्राइवरी करता है। दो भाई मुंबई में रहते हैं। इनमें से एक मदरसा चलाता है, जबकि दूसरे की टेलर शॉप है।

18 दिसंबर 2022 को मुंबई क्राइम ब्रांच की एंटी नारकोटिक्स सेल की बांद्रा यूनिट ने दो लोगों को करीब ₹1 करोड़ मूल्य के ड्रग्स के साथ पकड़ा था। इनकी पहचान मोहम्मद खयामुद्दीन और मोहम्मद मोइनुद्दीन सैयद के तौर पर हुई थी। खयामुद्दीन दरभंगा एयरपोर्ट पर पकड़े गए कलामुद्दीन का भतीजा बताया जा रहा है। उसका पिता मोहम्मद मोइनुद्दीन है जो मुंबई से ठाणे के कलवा में मदरसा चलाता है। खयामुद्दीन पर मुंबई के विभिन्न थानों में हत्या और हत्या के प्रयास सहित करीब 16 मामले दर्ज हैं।

सूत्रों के अनुसार कलामुद्दीन के पास से जो प्रेस आई कार्ड मिला है, वह कौमी दर्पण नाम की एक पत्रिका का है जो मुंबई से प्रकाशित होती है। आई कार्ड पर कलामुद्दीन का नाम कमालुद्दीन नूर लिखा हुआ है। खुद को ड्राइवर बताने वाले कलामुद्दीन ने पूछताछ में कहा है कि वह पार्ट टाइम पत्रकार है। इसके अलावा मानवाधिकार संगठन ‘मानव अधिकार युवा संगठन’ का भी एक आई कार्ड मिला है। यह दिल्ली से रजिस्टर्ड है। इस पर कलामुद्दीन नाम अंकित है। इसमें उसे पूर्वी चंपारण के सिकरहना का ब्लॉक प्रेसीडेंट बताया गया है।

न्यूज एजेंसी एएनआई ने दरभंगा सदर एसडीपीओ अमित कुमार के हवाले से उसके पास से प्रेस आई कार्ड और मानवाधिकार संगठन का आई कार्ड मिलने की पुष्टि की है।

सूत्रों ने ऑपइंडिया को बताया है कि कलामुद्दीन के मोबाइल की जाँच के दौरान मिले उसके व्हाट्सएप संदेशों और तस्वीरों से लगता है कि वह नेपाल सीमा से तस्करी में संलिप्त है। दरभंगा, पटना से उसके लगातार मुंबई हवाई यात्रा करने के भी साक्ष्य मिले हैं। SDPO अमित कुमार ने ऑपइंडिया से बातचीत में इस केस के लेकर राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) से संपर्क किए जाने की रिपोर्टों का खंडन किया है। उन्होंने बताया कि पुलिस IB के संपर्क में है। बरामद प्रेस कार्ड को लेकर उनका कहना है कि ऐसा लगता है कि कलामुद्दीन ने इसे खुद से बनवाया है। इसकी जाँच चल रही है। उन्होंने यह भी बताया कि कलामुद्दीन ने अपने रिश्तेदार के मुंबई में ड्रग्स मामले में गिरफ्तारी के बारे में बताया है।

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अजीत झा
अजीत झा
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