बिहार के लखीसराय में एक मुस्लिम ने एक हिन्दू लड़की का यौन शोषण किया। उससे निकाह करने के लिए धर्मांतरण करने को कहा गया। उसने हिन्दू युवती से गोमांस खाने को भी कहा। यह सिलसिला 14 वर्ष तक चलता रहा। आरोपित मुस्लिम सरकारी कर्मचारी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लव जिहाद के आरोपित का नाम अशरफ है जो कि खुद को सुमित बताता था। इसी सहारे उसने एक हिन्दू युवती को प्रेमजाल में फंसाया। हिन्दू लड़की 16 वर्ष की उम्र से उसके साथ है। उसे बाद में अशरफ की सच्चाई का पता चला है। अब इस मामले में लखीसराय पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है।
बच्चे के जन्म के बाद सुमित ने ‘अशरफ’ का सच उगला
मामला वर्ष 2012 से शुरू होता है। जब पीड़िता 16 साल की थी। उसे अशरफ ने खुद को राजस्थान निवासी सुमित कुमार बताकर लड़की को जबरदस्ती प्रेमजाल में फँसाया। उस समय अशरफ जनता उच्च विद्यालय अलीनगर में कार्यरत था। इसके बाद कथित सुमिल उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ भगा ले गया।
वह हिन्दू पीड़िता के साथ बालिग होने तक जमुई, आसनसोल और मुंगेर में रखकर उसका लगातार यौन शोषण करता रहा। पीड़िता को लिपिक के मुस्लिम होने की जानकारी तब मिली जब वह बालिग हो गई। पीड़िता के मुताबिक, 2014 में पीड़िता गर्भवती हुई लेकिन वो ये बच्चा नहीं चाहती थी।
पीड़िता ने गर्भपात करने की बात अशरफ को बताई लेकिन उसने इनकार कर दिया। पीड़िता के बालिग़ होने के बाद अशरफ ने लखीसराय न्यायालय ले जाकर धारा 164 के तहत उसका बयान दर्ज कराया। जिसमें पीड़िता से शादी करने की बात स्वीकार की। इसके बाद मामला कुछ समय के लिए शांत हो गया।
जनवरी 2015 में पीड़िता बिन शादी के माँ बन गई। 19 वर्ष की आयु में उसने बेटे को जन्म दिया। अब पीड़िता ने शादी की बात कही तो अशरफ ने उसे पूरा सच बताया। उसने कहा कि वह सुमित नहीं बल्कि कमाल अशरफ है। उसने के इसके बाद युवती पर इस्लाम कबूल करने का दबाव डाला।
अशरफ ने बेरहमी से पीटा, पूजा पाठ करने से मना किया : पीड़िता
पीड़िता ने बताया कि कमाल अशरफ हिंदू लड़कियों को सिर्फ भोग की वस्तु समझता है। उसने हिन्दू लड़की से कहा कि बीवी का दर्जा पाने के लिए उसे धर्म बदलना होगा। कमाल ने हिन्दू युवती को हिंदू रीति-रिवाजों को छोड़ने, इस्लाम अपनाने, गोमाँस खाने और यहाँ तक कि अन्य लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए भी मजबूर किया।
जब उसने इन माँगों का विरोध किया तो अशरफ ने उसके साथ गलत सलूक किया। आए दिन उसके साथ मारपीट करता। 12 सितंबर 2024 को अशरफ ने उसे इतनी बेरहमी से पीटा, जिससे उसके हाथ और पैर में फ्रैक्चर हो गया। हालाँकि उत्पीड़न झेलने के बाद भी पीड़िता ने इस्लाम कबूल नहीं किया।
पीड़िता के मुताबिक, 20 फरवरी 2025 को लिपिक कमाल अशरफ उस पर प्राथमिक विद्यालय मकतब बालगुदर के शिक्षक इब्राहिम अहमद उर्फ शमशाद आलम के साथ शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डाल रहा था। इसके साथ ही उसे पूजा-पाठ सहित बाकि सनातनी परंपराओं का विरोध करने के लिए भी मजबूर करता था।
पुलिस ने चार लोगों पर मामला दर्ज किया
पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने बताया कि पीड़िता के बयान के आधार पर लिपिक कमाल अशरफ, शिक्षक इब्राहिम अहमद उर्फ शमशाद आलम और दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जाँच कर रही है और जल्द कार्रवाई की जाएगी।