नैनीताल रेप केस के मामले में हिन्दू नाबालिग पीड़िता को आरोपित उस्मान ने डराया-धमकाया था। पीड़िता इस कदर सहम गई थी कि उसने स्कूल तक से अपना नाम कटवा लिया। वह स्कूल वापस जाने से भी डर रही थी। यह सारे खुलासे पुलिस की जाँच में हुए हैं।
अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार, घटना के बाद जब बच्ची घर आई तो वह लड़खड़ा रही थी। जब उसकी बहन ने कारण पूछा तो पीड़ित बच्ची ने कुछ नहीं बाताया। उसके बाद से ही वह गुमसुम रहने लगी थी। पीड़ित बच्ची की हालत देखकर उसकी बहन भी परेशान हो गई थी।
बताया गया है कि इसके बाद बच्ची ने अपनी नानी को घर पर बुलाया और कभी भी स्कूल न जाने की बात कही। जब उसकी नानी ने कारण पूछा तो बच्ची ने कुछ नहीं बताया। पीड़ित बच्ची दुष्कर्म की घटना से वह इतना डर गई थी कि घर पर ही चुपचाप रहने लगी थी। यहाँ तक कि इसके बाद उसने नानी से कह कर स्कूल से भी नाम कटा लिया और टीसी भी मँगवा ली।
अब पीड़िता के परिवार को पुलिस सुरक्षा में रखा गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीड़ित के परिजनों से बात की है। उनकी हर संभव मदद करने की बात भी कही है। सीएम ने दोनों बच्चियों की शिक्षा का खर्च सरकार की ओर से उठाए जाने का भी आश्वासन दिया है।
वहीं पीड़ित बच्ची को सामान्य करने के लिए उसकी काउंसलिंग भी की जा रही है। उसके परिवार को भी सामान्य करने के लिए दो काउंसलर्स से लागातार बात करवाई जा रही है। दुष्कर्म पीड़िता को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आर्थिक मदद दी जाएगी।
धामी सरकार ने यह भी फैसला लिया है कि स्पॉन्सरशिप योजना के तहत पीड़ित बच्ची को हर माह चार हजार रुपये मिलेंगे। इसके अलावा समाज कल्याण विभाग की योजना से भी परिवार को भी आर्थिक सहायता देने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
गौरलतब है कि नैनीताल के मल्लीताल इलाके में बुधवार (30 अप्रैल 2025) को एक रेप की घटना सामने आई थी। ठेकेदारी करने वाले बुजुर्ग उस्मान ने 12 वर्षीय हिन्दू बच्ची के साथ कार में रेप किया था। उसने बच्ची को डराया धमकाया था।
पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और इसके बाद उसके घर पर बुल्डोजर चलाने का नोटिस नगर पालिका ने दिया था। हालाँकि, इस मामले में हाई कोर्ट ने उस्मान का घर गिराए जाने पर रोक लगा दी थी। उस्मान के वकील डॉ. कार्तिकेय हरि गुप्ता ने हाई कोर्ट में इस नोटिस को चुनौती दी थी। इस पर नगर पालिका ने अपनी गलती मानते हुए नोटिस वापस ले लिया।