Thursday, April 25, 2024
Homeदेश-समाज'औरंगजेब-शाहजहाँ ने बनवाए मंदिर' - NCERT में बिना किसी प्रूफ के पढ़ाया जा रहा...

‘औरंगजेब-शाहजहाँ ने बनवाए मंदिर’ – NCERT में बिना किसी प्रूफ के पढ़ाया जा रहा यह सब – RTI में खुलासा

भारतीय स्कूल की पाठ्यपुस्तकें यह दावा तो कर रही हैं कि ये आतताई वास्तव में उदार, और हिंदुओं के प्रति दयावान थे, लेकिन इन पुस्तकों को प्रकाशित करने वाला संगठन कोई पुख्ता सबूत देने में असमर्थ है।

मुगलों का महिमामंडन मुख्यधारा की मीडिया से लेकर सोशल मीडिया पर उदारवादियों और वामपंथियों द्वारा अक्सर किया जाता है। यहाँ तक भी दावे किए जाते हैं कि औरंगजेब जैसे आक्रांताओं ने भी भारत में रहते हुए मंदिरों की रक्षा की और उनकी देखरेख का जिम्मा उठाया था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्कूलों में जिस पाठ्यक्रम में हमें NCERT यह सब बातें सदियों से पढ़ाते आई है, उसके पास इसकी पुष्टि के लिए कोई आधिकारिक विवरण ही मौजूद नहीं है?

एक व्यक्ति ने नवंबर 18, 2020 में एक आरटीआई (RTI) आवेदन दायर कर NCERT (नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग) की पुस्तकों (जो स्कूलों में इस्तेमाल होती आई हैं) में किए गए दावों के स्रोत के बारे में जानकारी माँगी।

इस RTI में विशेष रूप से उन स्रोतों की माँग की गई, जिनमें NCERT की कक्षा-12 की इतिहास की पुस्तक में यह दावा किया गया था कि ‘जब (हिंदू) मंदिरों को युद्ध के दौरान नष्ट कर दिया गया था, तब भी उनकी मरम्मत के लिए शाहजहाँ और औरंगजेब द्वारा अनुदान जारी किए गए।

NCERT कक्षा-12 की पुस्तक का हिस्सा, पेज -234 (हिंदी)
NCERT कक्षा-12 की पुस्तक का हिस्सा, पेज -234

इसके अंतर्गत मुग़ल आक्रांता शाहजहाँ और औरंगज़ेब द्वारा मरम्मत किए गए मंदिरों की संख्या भी पूछी गई। इन दोनों ही सवालों के जवाब बेहद चौंकाने वाले थे। RTI में पूछे गए इन दोनों सवालों के सम्बन्ध में NCERT का जवाब था- “जानकारी विभाग की फाइलों में उपलब्ध नहीं है।”

डॉक्टर इंदु विश्वनाथन द्वारा NCERT द्वारा RTI के अनुरोध के इस जवाब की प्रति ट्वीट की है और इस पर प्रतिक्रिया करने वाले सभी लोग हैरान हैं। इंदु विश्वनाथन ने अपने ट्विटर थ्रेड में लिखा है, “दूसरे शब्दों में, भारतीय स्कूल की पाठ्यपुस्तकें यह दावा तो कर रही हैं कि ये आतताई वास्तव में उदार, और हिंदुओं के प्रति दयावान थे, लेकिन इन पुस्तकों को प्रकाशित करने वाला संगठन कोई पुख्ता सबूत देने में असमर्थ है।”

उन्होंने लिखा है कि यह हिंदुओं की संस्थागत गैसलाइटिंग किए जाने का स्तर है, जिसे अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक संस्था द्वारा मान्यता प्राप्त होना चाहिए। इसके बजाय, श्वेत अमेरिकी ‘विद्वानों’ को इससे लाभ होता है और भारतीय ‘प्रख्यात इतिहासकार’ की इसके लिए वाह-वाही होती है।

इंदु विश्वनाथन लिखती हैं कि इसके बावजूद भी ये झूठ वैकल्पिक-वास्तविकता बनाने वाली मशीनरी का हिस्सा बने हुए हैं और जब हिंदू सिर्फ सच की माँग कर रहा है तो इसके लिए उन्हें खतरनाक इस्लामोफोबिक कट्टरपंथियों की संज्ञा दी जाती है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

इंदिरा गाँधी की 100% प्रॉपर्टी अपने बच्चों को दिलवाने के लिए राजीव गाँधी सरकार ने खत्म करवाया था ‘विरासत कर’… वरना सरकारी खजाने में...

विरासत कर देश में तीन दशकों तक था... मगर जब इंदिरा गाँधी की संपत्ति का हिस्सा बँटने की बारी आई तो इसे राजीव गाँधी सरकार में खत्म कर दिया गया।

जिस जज ने सुनाया ज्ञानवापी में सर्वे करने का फैसला, उन्हें फिर से धमकियाँ आनी शुरू: इस बार विदेशी नंबरों से आ रही कॉल,...

ज्ञानवापी पर फैसला देने वाले जज को कुछ समय से विदेशों से कॉलें आ रही हैं। उन्होंने इस संबंध में एसएसपी को पत्र लिखकर कंप्लेन की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe