प्रयागराज से जिस दलित बच्ची को दरकशा बानो केरल ले गई थी उसे ‘खद्दामा वीजा’ पर सऊदी अरब भेजने की तैयारी थी। यहाँ उसे किसी शेख की खिदमत में लगाया जाना था। धर्मांतरण के बाद उसे केरल में इस्लामी रिवायतों की ट्रेनिंग दी जा रही थी। यह सारी बातें पीड़िता ने खुद बताई हैं। इस पूरे मामले की जाँच UPATS कर रही है।
UPATS और प्रयागराज विजिलेंस ने पीड़ित बच्ची से जानकारी हासिल की है। इस दौरान बच्ची ने केरल में उसके साथ हुए अत्याचार की सारी आपबीती सुनाई। बच्ची ने बताया कि केरल से उसे वर्क वीजा पर सऊदी अरब भेजने वाले थे। ट्रेनिंग सेंटर में इस वीजा को ‘खद्दामा वीजा’ कहकर पुकारा जाता था।
मौलाना सिखा रहा था उर्दू
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, केरल में बच्ची को एक छोटे से कमरे में रखा गया था। जहाँ बाकी लड़कियाँ भी थी, लेकिन किसी को भी आपस में बात करने की अनुमति नहीं दी गई थी। बच्ची ने बताया है कि यहाँ एक मौलाना सभी को उर्दू सिखाता था। मौलाना ही बच्ची को हिजाब डालने का दबाव बनाता था।
बच्ची ने बताया कि उसे यहाँ सारी इस्लाम रिवायतें भी सिखाई जा रहीं थी। पीड़िता ने बताया है कि उसने कुछ लोगों को कमरे के बाहर आपस में बात करते सुना था। बच्ची ने बताया कि वह उसे सऊदी अरब भेजने की बात कर रहे थे। उनका कहना था कि इसलिए ट्रेनिंग में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। बच्ची ने बताया कि यह सुनकर वह खौफ में आ गई थी।
फिर बच्ची ने हिम्मत जुटाई और भागने की योजना बनाई। एक दिन बच्ची को पास वाले कमरे में मोबाइल फोन मिला और बच्ची ने अपनी माँ को फोन मिला दिया। अपनी लोकेशन दी और दोबारा कॉल न करने की बात कही।
ताज की तलाश में जुटी पुलिस
प्रयागराज पुलिस अब तक इस मामले में मोहम्मद कैफ और दरकशा बानो को गिरफ्तार कर चुकी है। लेकिन आरोपित ताज उर्फ मोहम्मद ताजउद्दीन अब भी फरार है। उसका नाम भी FIR में शामिल है। दरकशा की दी गई लोकेशन पर केरल में ताज के ठिकाने पर छापेमारी की गई, लेकिन वह यहाँ नहीं मिला। पुलिस का कहना है कि बताई गई लोकेशन फर्जी थी।
पीड़ित बच्ची ने भी ताज का नाम लिया है। बच्ची ने बताया है कि केरल ले जाते वक्त उसे ताज से मिलवाया गया था। यह भी सामने आया है कि ताज ही उत्तर प्रदेश से लड़कियों को केरल ले जाता था। यह भी पता चला है कि फिर लड़कियों का धर्म परिवर्तन, ट्रेनिंग और खरीद-फरोख्त में अहम भूमिका निभाता था।
पुलिस ताज की तलाश में जुटी हुई है। UPATS की एक टीम को केरल भेजा गया है, वह ताज से जुड़ी जानकारी निकाली जा रही है। हालाँकि, पुलिस को ताज की अपराध हिस्ट्री नहीं मिली है, जिससे ताज की तलाश में मुश्किल हो रही है।
प्रयागराज में आतंकी मॉड्यूल?
दरकशा के धर्मांतरण करवाने और केरल ले जाने की इस प्लानिंग के चलते यह शक हो रहा है कि वह किसी आतंकी मॉड्यूल का भी हिस्सा हो सकती है। उसके स्लीपर सेल की तरह जाँच करने का शक भी गहरा रहा है। दरकशा ने इस बच्ची को कैसे टार्गेट किया, उसके किससे संबंध हैं, इसके लिए पुलिस टीमें फॉरेंसिक जाँच में भी जुटी हैं।
दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि दरकशा का मोबाइल जब्त किया गया है और उसके व्हाट्सएप की भी जाँच हो रही है। वह किससे बात करती थी, इस पर भी जानकारी निकाली जा रही है। मोबाइल डाटा सामने आने पर यह भी पता लग सकता है कि उसने और कितनी बच्चियों को निशाना बनाया है।
जानें पूरा मामला
पूरा मामला प्रयागराज के फूलपुर थाने से जुड़ा हुआ है। यहाँ लिलहट गाँव में एक दलित विधवा महिला और उसकी बेटी रहती है। बेटी की आयु मात्र 15 वर्ष है। उसके पड़ोस में ही दरकशा नाम की मुस्लिम लड़की रहती है। दरकशा बानो कथित तौर पर इस हिन्दू बच्ची की सहेली थी।
दरकशा हिन्दू बच्ची के साथ रहती थी। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि दरकशा हिन्दू बच्ची को इस्लाम के बारे में ब्रेनवॉश किया करती थी। वह हिन्दू धर्म के प्रति जहर भी भरती थी। 8 मई, 2025 को दरकशा बानो रात 10 बजे हिन्दू बच्ची को एक शादी से लेकर फूलपुर की एक मस्जिद के पास गई।
दरकशा बानो का मददगार मोहम्मद कैफ यहाँ बाइक लेकर खड़ा था। दरकशा ने हिन्दू बच्ची को इस दौरान पाने जाल में फँसा लिया था। कैफ ने इन दोनों को प्रयागराज जंक्शन छोड़ा। रास्ते में कैफ ने हिन्दू बच्ची से छेड़छाड़ भी की। दरकशा प्रयागराज से बाद हिन्दू बच्ची को प्रयागराज से लेकर दिल्ली चली गई।
दरकशा की मंजिल लेकिन दिल्ली नहीं थी। यहाँ से वह हिन्दू बच्ची को लकर केरल के त्रिशूर चली गई। यहाँ हिन्दू बच्ची के साथ प्रताड़नाओं का दौर चालू हो गया। उसका धर्मांतरण करवाया गया। उसे आतंकी ट्रेनिंग की बात भी हुई। बच्ची किसी तरह बच के पुलिस के पास पहुँची, जहाँ से प्रयागराज सूचना परिवार के पास पहुँची। बच्ची वापस इसके बाद आ सकी।