Monday, July 14, 2025
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राजस्थान में फिर ईसाई धर्मांतरण का पर्दाफाश, इस बार 150 जनजातियों का हो रहा था ब्रेनवॉश: हिंदू संगठन के पहुँचने से मचा हंगामा, पुलिस ने 4 को किया गिरफ्तार

धर्मांतरण कराने वाले लोगों की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे जनजातीय समाज के लोगों को पुलिस ने समझा-बुझाकर वापस लौटा दिया। सामने आए वीडियो में इस दौरान एक जनजातीय महिला कह रही है, "हमारे घर के लोग दारू पीकर नाली में गिरे रहते थे। उस समय कोई देखने नहीं आया, लेकिन अब प्रभु की कृपा से उन्होंने सब छोड़ दिया तो आप लोग कह रहे हैं कि अब हंगामा कर रहे हैं।"

राजस्थान धर्मांतरण का नया मैदान बनता जा रहा है। भरतपुर और बाँसवाड़ा के बाद अब सिरोही जिले में धर्मांतरण कराने का मामला सामने यहाँ है। जिले के रेवदर तहसील में लगभग 150 जनजातीय समाज के लोगों को ईसाई धर्म में धर्मांतरण करने का प्रयास किया जा रहा है। इसकी सूचना मिलते ही हिंदू संगठन मौके पर जूट कर हंगामा करने लगे। पुलिस ने चार आरोपितों को हिरासत में लिया है।

बताया जा रहा है कि रेवदर के करोटी में अनवर नागौरी के कुँए पर गुरुवार (6 मार्च 2025) की रात करीब 10 बजे चंगाई सभा का आयोजन किया गया। इसमें बहला-फुसलाकर आसपास के जनजातीय समाज के 150 से अधिक लोगों को बुलाया गया था। इनमें ज्यादातर महिलाएँ थीं। इन सबको झाँसा देकर उनका धर्म परिवर्तन करवाने की कोशिश की जा रही थी।

इसी दौरान इसकी जानकारी किसी ने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल को दे दी। हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने घटनास्थल पर पहुँचकर चंगाई सभा आयोजित करने वाले लोगों पर सवाल उठाया तो उन्होंने कहा, “हम जनजातीय लोगों की बीमारी मिटाते हैं। हमें किसी का डर नहीं है।” लाउडस्पीकर के बारे में पूछने पर कहा कि ‘हम पर कोई कानून नहीं लगता है’।

इन लोगों ने हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं से झगड़ा करने की भी कोशिश की। हालाँकि, मौके पर पहुँचकर पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में ले लिया। वहीं, एक आरोपित भागने में कामयाब रहा। पुलिस हिरासत में लिए गए आरोपितों से पूछताछ कर रही है। इनके पास से बाइबिल एवं ईसाई धर्म की अन्य पुस्तकें भी बरामद की गई हैं।

ASI रमेश दान चारण ने बताया कि जिन चार लोगों को पकड़ा गया है, उनकी पहचान निचली सिगरी के रहने वाले गजेंद्र खराड़ी, करेल (उदयपुर) के ललित एवं लंकेश तथा झामर (आबूरोड) के रहने वाले भारमा राम के रूप में हुई है। ये सभी वहाँ पहुँचे लोगों को हिंदू धर्म के बारे में भ्रामक जानकारी दे रहे थे।

इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने से जनजातीय समाज के लोग भड़क गए और रात में ही थाने के बाहर जुट गए। गिरफ्तार लोगों को छोड़ने की माँग करते हुए इन्होंने कहा, “अगर इन्हें नहीं छोड़ा तो हम खाना कैसे खाएँगे? हमारे तो दो ही ईश्वर हैं- एक ऊपर वाला और दूसरे वे लोग, जिन्हें थाने में बंद कर रखा गया है।”

हालाँकि, पुलिस ने बहुत समझा-बुझाकर उन लोगों को वापस उनके घरों को भेजा। सामने आए वीडियो में एक जनजातीय महिला कह रही है, “हमारे घर के लोग दारू पीकर नाली में गिरे रहते थे। उस समय कोई देखने नहीं आया, लेकिन अब प्रभु की कृपा से उन्होंने सब छोड़ दिया तो आप लोग कह रहे हैं कि अब हंगामा कर रहे हैं।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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