इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित घर पर के एक कमरे में करोड़ों रुपए नकद जलकर खाक हो गए थे। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। तीन सदस्यीय कमेटी ने एक महीने सात दिन में अपनी जाँच पूरी करके 4 मई 2025 को सीजेआई संजीव खन्ना को रिपोर्ट सौंपी, हालाँकि अभी तक रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यों वाली समिति में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जी एस संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की जस्टिस अनु शिवरामन शामिल थीं। अब देखना होगी कि CJI संजीव खन्ना इस पर क्या और कब फैसला लेंगे क्योंकि वह 13 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
This just dropped. Let’s see what’s in the report. pic.twitter.com/mPPrrD5LwZ
— Shiv Aroor (@ShivAroor) May 5, 2025
इससे पहले 28 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से कहा था कि वह जाँच पूरी होने तक फिलहाल जस्टिस वर्मा को कोई न्यायिक कार्य न सौंपें। यही आदेश दिल्ली हाईकोर्ट को भी मिला था।
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायाधीश रहते हुए यशवंत वर्मा के घर पर 14 मार्च 2025 को देर रात आग लग गई थी। आग बुझाने आए कर्मचारियों को एक कमरे में भारी मात्रा जली हुई नकदी मिली थी। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। न्यायमूर्ति वर्मा ने आरोपों को खारिज कर दिया था और कहा कि उनके या उनके परिवार के किसी सदस्य द्वारा स्टोररूम में कभी भी कोई नकदी नहीं रखी गई।
इस मामले पर एक इन हाउस इंक्वायरी भी हुई लेकिन कोई खास नतीजा सामने नहीं आया। इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय का मानना था कि इस मामले की गहन जाँच की जानी चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने जाँच समिति का गठन किया था। समिति ने 25 मार्च से जाँच शुरू की थी और 3 मई को रिपोर्ट पूरी कर दी।