दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के घर मिले भारी नकदी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई शुरू कर दी है। आंतरिक जाँच के लिए तीन जजों की कमिटी बनाई है। इसके साथ जस्टिस वर्मा को निर्देश दिया गया है कि वे अपने मोबाइल फोन का कोई भी डेटा डिलीट ना करें, चाहे वो फोन कॉल हो या मैसेज। दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने CJI को दी गई अपनी रिपोर्ट में गहन जाँच की सिफारिश की है।
दूसरी तरफ, इन सभी आरोपों से जस्टिस यशवंत वर्मा ने इनकार किया है। दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय को दिए गए बयान में जस्टिस वर्मा ने दिल्ली स्थित उनके आधिकारिक आवास से भारी मात्रा में नकदी बरामदगी के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने बताया, “कर्मचारियों में से किसी को भी मौके पर मौजूद नकदी या मुद्रा के अवशेष नहीं दिखाए गए।”
उन्होंने कहा, “मैंने व्यक्तिगत रूप से अपने कर्मचारियों के साथ मामले की जाँच की। उन्होंने पुष्टि की है कि परिसर में कथित रूप से पाए गए नोटों को हटाया नहीं गया था। केवल मलबा और बचाए जाने योग्य सामान ही हटाए गए थे। इन्हें घर में अलग से रखा गया है और निरीक्षण के लिए उपलब्ध हैं।” हालाँकि, जस्टिस वर्मा के आवास पर तैनात गार्ड ने घर से मलबा हटाने की बात कही है।
कहा जा रहा है कि दिल्ली के पुलिस कमिश्नर ने दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को बताया है कि जस्टिस वर्मा के आवास पर तैनात सुरक्षा गार्ड ने 15 मार्च की सुबह कुछ मलबा और आंशिक रूप से जली हुई वस्तुओं को हटाने की बात कही है। जस्टिस उपाध्याय ने घटना का एक वीडियो जस्टिस वर्मा को दिखाया तो उन्होंने कहा कि उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए साजिश रची गई है।
हालाँकि, जस्टिस वर्मा के आवास के पास जले हुए नोट मिले हैं। इस इलाके में काम करने वाले सफाई कर्मचारी इंद्रजीत ने बताया, “चार-पाँच दिन पहले हम यहाँ सफाई कर रहे थे और कूड़ा इकट्ठा कर रहे थे। उसी दौरान हमें 500 रुपए के जले हुए नोटों के कुछ छोटे-छोटे टुकड़े मिले। बदा में भी हमें एक-दो और टुकड़े मिले। हमें नहीं पता था कि आग कहाँ लगी थी। हम सिर्फ कूड़ा इकट्ठा करते हैं।”
वहीं, रिपब्लिक भारत ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि जिस जगह पर नकदी जल रही थी, वहाँ का दिल्ली पुलिस के जूनियर अधिकारी वीडियो रिकॉर्ड किया था था। हालाँकि, बाद में इसे डिलीट करने के लिए कह दिया गया। शुरू में ये वीडियो पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा किया गया था। बाद में सभी लोगों को निर्देश दिया गया के वे सारी फुटेज डिलीट कर दें और उसकी कॉपी ना रखें और ना ही किसी को भेजें।
सामने आए वीडियो में दमकल कर्मियों को बोरे में भरकर रखी हुई नोटों की जलती गड्डियों को बुझाकर हटाते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो को सुप्रीम कोर्ट ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है। वीडियो में दिख रहा है कि जस्टिस वर्मा के आवास पर आग बुझाने गए दमकल कर्मियों में से एक नोटों के संदर्भ में ये कहते हुए सुनाई देता है कि ‘गाँधी में आग लग रही है भाई’।