संभल की शाही जामा मस्जिद में नवंबर 2024 को सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के मामले में एसआईटी टीम जाँच कर रही है। इसी कड़ी में मंगलवार (8 अप्रैल 2025) को समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क से SIT ने करीब ढाई घंटे तक पूछताछ की।
पूछताछ के दौरान थाने के अंदर का माहौल गर्म था, मानो हर सवाल के साथ हिंसा की परतें खुल रही हों। मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली ने गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में बर्क का नाम लिया था, जिसके बाद SIT की नजरें सांसद पर टिक गईं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुबह 11 बजे बर्क अपने 10 वकीलों की ‘फौज’ के साथ संभल के नखासा थाने पहुँचा। बाहर निकलते वक्त बर्क ने कहा, “ये जाँच का मामला है, इस पर क्या बोलूँ?” बर्क ने कहा कि एसआईटी ने जो सवाल उनसे पूछे, उन्होंने सभी के जवाब दे दिए हैं।
SIT इंचार्ज कुलदीप कुमार ने बताया, “24 नवंबर 2024 की हिंसा के सिलसिले में बर्क को बुलाया गया था। ढाई-तीन घंटे तक पूछताछ हुई, उनका बयान दर्ज किया गया। जरूरत पड़ी तो फिर बुलाएँगे।”
#WATCH | Sambhal, UP: SIT in-charge, Kuldeep Kumar says, "He (MP Zia ur Rehman Barq) was called today in connection with the violence that took place on 24 November 2024. He was questioned, and his statement was recorded. He was questioned for about 2.5-3 hours. If needed, we… https://t.co/g2rXGGaY6l pic.twitter.com/CgUPT2tAvO
— ANI (@ANI) April 8, 2025
जानकारी के मुताबिक, पूछताछ में बर्क से कई तीखे सवालों का सामना करना पड़ा। क्या उन्होंने भीड़ को भड़काया? क्या जफर अली के साथ मिलकर साजिश रची? सर्वे के दौरान अचानक 700-800 लोगों की भीड़ कैसे जुट गई? FIR में साफ लिखा है कि सुहैल इकबाल ने भीड़ को उकसाया और कहा, “सांसद बर्क हमारे साथ हैं, अपने मंसूबे पूरे करो।” इसके बाद पत्थरबाजी और गोलीबारी शुरू हो गई। एक गोली तो सीधे सीओ के पैर में लगी। क्या ये सब सुनियोजित था?
बर्क ने थाने पहुँचने से पहले कहा, “मैं कानून और संविधान में विश्वास रखता हूँ। न्यायपालिका में मेरी आस्था है। आज मेरी तबीयत ठीक नहीं थी। मेरे डॉक्टर ने मुझे आराम करने की सलाह दी है, लेकिन इसके बावजूद मैं थाने जा रहा हूँ ताकि पुलिस प्रशासन को यह ना लगे कि मैं जाँच में सहयोग नहीं कर रहा हूँ।”
बता दें कि जफर अली ने SIT को बताया कि बर्क ने 23 नवंबर की रात उनसे फोन पर बात की थी। पुलिस की चार्जशीट में दावा है कि दोनों ने मिलकर हिंसा की साजिश रची। बर्क का नाम अब सिर्फ हिंसा से ही नहीं, बल्कि उनके मकान निर्माण के मामले से भी जुड़ गया है। नपाई हो चुकी है, कई नोटिस जारी हुए, 500 रुपये का जुर्माना भी लगा। लेकिन बर्क जवाब देने से कतराते रहे। बहरहाल, सच जो भी हो, संभल की गलियों में अभी भी डर और सवाल बाकी हैं।