Friday, March 29, 2024
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जिसने किया UP में पेपर लीक, वो धराया… 46 गिरफ्तार: DIOS सस्पेंड, पत्रकार भी थाने में – बलिया मामले में जानिए सब कुछ

महाराजी देवी इंटर कॉलेज के प्रबंधक निर्भय नारायण सिंह ही पेपर लीक कांड के सूत्रधार हैं। इस मामले से जुड़े 46 लोगों को अब तक सिर्फ बलिया जिले में गिरफ्तार किया जा चुका है।

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में UP बोर्ड की परीक्षा में हाई स्कूल के संस्कृत विषय का पेपर मंगलवार (29 मार्च) को लीक हो गया। इसी के अगले दिन 30 मार्च (बुधवार) को इंटरमीडिएट के अंग्रेजी विषय का भी पेपर लीक हो गया। जिले के DIOS (District Inspector of Schools, जिला विद्यालय निरीक्षक) को भी सस्पेंड किया जा चुका है। उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

यूपी पुलिस ने रविवार (3 अप्रैल 2022) को पेपर लीक कांड के सूत्रधार कहे जा रहे इंटर कॉलेज के एक प्रबंधक सहित 11 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार किड़िहरापुर स्थित महाराजी देवी इंटर कॉलेज के प्रबंधक निर्भय नारायण सिंह ही पेपर लीक कांड के सूत्रधार हैं। इस मामले से जुड़े 46 लोगों को अब तक सिर्फ बलिया जिले में गिरफ्तार किया जा चुका है।

क्या चल रही है कार्रवाई

पेपर लीक के इस पूरे मामले में एक पत्रकार की गिरफ्तारी बता कर सोशल मीडिया पर कुछ लोग विरोध भी दर्ज करा रहे हैं। पुलिस ने जाँच पूरी होने तक सबूतों को सामने रखने से मना कर दिया है। इस मामले में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। UP की माध्‍यमिक शिक्षा मंत्री गुलाबो देवी ने पेपर लीक कांड के बाद मीडिया को 31 मार्च (गुरुवार) को चल रही कार्रवाई की जानकारी दी है।

गुलाबो देवी ने बताया, “हमें जैसे ही बलिया में पेपर लीक की आशंका की सूचना मिली, वैसे ही हमने DIOS के खिलाफ कार्रवाई की। जो सीरीज लीक हुई थी, उसकी परीक्षा 24 जिलों में रोक दी गई। इस घटना से जुड़े सभी आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।”

वहीं इस घटना पर जवाब देते हुए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ACS (Additional Chief Secretary, अपर मुख्य सचिव) आराधना शुक्ला ने बताया, “इस घटना में मुख्यमंत्री का आदेश है कि हर संलिप्त के खिलाफ कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने इसमें STF को भी जाँच के आदेश दिए हैं। जिन जिलों में परीक्षा निरस्त हुई है, वहाँ जल्द ही फिर से परीक्षा की तारीख तय की जाएगी। इस घटना में बच्चों (छात्रों) की संलिप्तता की अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है। टेम्पर प्रूफ प्रश्न पत्र को 3 स्तरीय सुरक्षा के बीच रखा गया था। यह काम बिना सक्रिय मिलीभगत के नहीं हो सकता था। हम CCTV के माध्यम से वहाँ पहुँचने का प्रयास कर रहे हैं, जहाँ से ये लीक हुआ। बाकी 51 अन्य स्थानों पर परीक्षा सुचारू रूप से चल रही है।”

23 जिले में इंटरमीडिएट अंग्रेजी की परीक्षा रद्द

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपित व सस्पेंड किए गए DIOS का नाम बृजेश मिश्रा है। प्रथम दृष्टया उनकी ही जवाबदेही तय की जा रही है। प्रमुख सचिव (गृह) अवनीश अवस्‍थी ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक बलिया से पूरे मामले की रिपोर्ट मँगाई है। इस मामले में शामिल आरोपितों पर NSA (National security act NSA, रासुका, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) भी लगाया जा सकता है।

इंटरमीडिएट का जो पर्चा लीक हुआ, वह अंग्रेजी की सीरीज 316 ED और 316 EI का था। लीक हुआ यह पर्चा बलिया, एटा, बागपत, बदायूं, सीतापुर, कानपुर देहात, ललितपुर, चित्रकूट, प्रतापगढ़, गोंडा, आजमगढ़, आगरा, वाराणसी, मैनपुरी, मथुरा, अलीगढ़, गाजियाबाद, शामली, रामपुर, उन्नाव, जालौन, महोबा अंबेडकरनगर और गोरखपुर जिलों में भेजा गया था। इस कारण से इन जगहों पर इस विषय की परीक्षा रद्द कर दी गई है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक गिरफ्तार कुछ आरोपितों के नाम आनंद नारायण चौहान, मनीष चौहान, बृजेश चौहान, विकास राय, प्रशांत राय, आजाद पांडेय, शाहिद अंसारी, अनिल कुमार गोंड़, अरविद कुमार व अनूप यादव हैं। अन्य आरोपितों की तलाश में अभी भी छापेमारी चल रही है।

संस्कृत का पेपर लीक, उत्तर भी मिले

इस मामले में आज़मगढ़ के JD (Joint Director, संयुक्त निदेशक) योगेंद्र कुमार ने बताया, “संस्कृत के जिस पेपर के लीक होने की बात कही जा रही है, उसमें कुल 18 प्रश्न हैं। इसी प्रश्न पत्र का उत्तर सोशल मीडिया पर वायरल होने की खबर मिली थी। हमने संस्कृत के अध्यापकों से उत्तरों की जाँच करवाई तो कुछ उत्तर मिल भी रहे हैं। पेपर ऑउट हुआ है या कुछ और मामला है, ये अभी नहीं कहा जा सकता। मामले की जाँच चल रही है। जाँच के लिए DM ने तीन स्तरीय कमेटी बनाई है। उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अपने पास उपलब्ध तथ्यों से जाँच कर बताएगा कि ये पेपर बलिया से ही लीक हुए या कहीं और से।”

पत्रकारों की गिरफ्तारी, पुलिस पर आरोप

बलिया पेपर लीक मामले में पुलिस पर पत्रकारों की गिरफ्तारी के आरोप लगे हैं। सोशल मीडिया पर अमर उजाला का पत्रकार बता कर अजीत ओझा नाम के एक व्यक्ति का वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में अजीत ओझा बता रहे:

“आज अमर उजाला में एक खबर छपी है कि इंटरमीडिएट का एक पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इस खबर के छपने के बाद मुझे सुबह DIOS का फोन आया। मुझ से वायरल हो रहे प्रश्न पत्र का फोटो माँगा गया। मैंने प्रश्न पत्र के अमर उजाला में छपने और उसके कोड भी होने का जवाब दिया। पूछे गए प्रश्नों को वहाँ डार्क कर दिया गया है। आप वहाँ से मिलान कर लीजिए। मैंने प्रश्न पत्र को व्हाट्सएप पर भेजने के लिए कह कर उनकी बातों को अनसुना कर दिया। इसके बाद भी DIOS और उनके स्टॉफ का फोन आता रहा।”

अजीत ओझा ने आगे बताया, “कुछ समय बाद मुझे DM साहब ने फोन कर के प्रश्न पत्र व्हाट्सएप पर माँगा। मैंने उन्हें प्रश्न पत्र व्हाट्सएप कर दिया। उसके बाद मैं अपने ऑफिस आ गया। मेरे ऑफिस पर 12.30 पर कोतवाल (इंस्पेक्टर) साहब गए। उन्होंने मेरे ऑफिस में तोड़फोड़ कर के मेरे साथ एक अपराधी जैसा व्यवहार किया। फिर मुझे जबरन गाड़ी में बिठा कर कोतवाली ले आए। मैंने उनसे वजह पूछी तो उन्होंने कुछ नहीं बताया। मेरे सहयोगियों के साथ हाथापाई की गई और मुझे कोतवाली लाया गया। मुझे यहाँ लगभग 3 घंटे से बिठाया गया है।”

अजीत ओझा के इन दावों पर बलिया पुलिस ने जवाब दिया है। पुलिस ने कहा, “उपरोक्त व्यक्ति जिला बलिया के हरिपुर जिगनी में उच्च माध्यमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक है व संवाददाता का भी कार्य करता है। प्राप्त तहरीर के आधार पर इन्हें गिरफ्तार किया गया है। आगे की जाँच की जा रही है।”

योगी सरकार पर हमलावर विपक्ष

पेपर लीक कांड सामने आने के बाद विपक्षी नेताओं ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। प्रियंका गाँधी ने लिखा, “एक और पेपर लीक। इस बार भी सरकार दिखावटी कदमों के अलावा कुछ और नहीं कर रही है। पेपर लीक की खबर लिखने वाले पत्रकार को जेल भेजा जा रहा है। लेकिन, पेपर लीक करने वाला तंत्र सरकार में पैठ जमाए बैठा है। उस पर न कोई बुलडोजर चलता है, न कोई बदलाव आता है।”

अखिलेश यादव ने भी इस मामले में योगी सरकार के खिलाफ ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, “UP भाजपा सरकार की दूसरी पारी में भी पेपर लीक करवाने का व्यवसाय बदस्तूर जारी है। युवा कह रहे हैं कि रोज़गार देने में नाकाम भाजपा सरकार जानबूझकर किसी परीक्षा को पूर्ण नहीं होने देना चाहती है। भाजपा सरकार अपने इन पेपर माफ़ियाओं पर दिखाने के लिए सही, काग़ज़ का ही बुलडोज़र चलवा दे।”

वहीं आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने लिखा, “आ गई पेपर लीक सरकार। TET से लेकर बारहवीं तक पेपर लीक नौजवानों की ज़िंदगी का हिस्सा बन गया है। अब देखिए आदित्यनाथ जी की सरकार कौन सा नया बहाना बनाती है?”

पेपर लीक पर मायावती ने लिखा, “उत्तर प्रदेश में बार-बार पेपर लीक होने से ऐसा लगता है कि नकल माफिया सरकार की पकड़ व सख्ती से बाहर हैं। किन्तु इस प्रकार की गंभीर घटनाओं से प्रदेश की पूरे देश में होने वाली बदनामी आदि के लिए असली कसूरवार व जवाबदेह कौन? दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बीएसपी की माँग।”

“मेरा बेटा निर्दोष… किसी ने फोन कर कहा था कि पेपर लीक है, छाप दो”: अजीत ओझा की माँ

गिरफ्तारी के बाद अजीत ओझा की माँ मीडिया के सामने आईं। उन्होंने कहा, “सुबह 5 बजे किसी का फोन मेरे बेटे के पास आया था और उसने बताया कि पेपर लीक है, छाप दो। वो फोन करने वाला कौन है, ये मुझे नहीं पता। मेरे बेटे ने कौन सा गुनाह कर दिया। उसे फँसाया जा रहा है। मैं योगी जी से न्याय माँगूँगी। जेल से छूटने के बाद उसको अब पत्रकारिता नहीं करने दूँगी। वो घर पर रहेगा और गृहस्थी देखेगा।”

“सूत्रों का नाम नहीं बताया तो गिरफ्तार कर लिया”: पत्रकार दिग्विजय सिंह, अमर उजाला

पेपर लीक मामले में अमर उजाला के बलिया के नगरा क्षेत्र के पत्रकार दिग्विजय सिंह भी गिरफ्तार किए गए हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया, “बलिया के कई हिस्सों के परीक्षा केंद्र पर UP बोर्ड परीक्षा की कॉपियाँ धड़ल्ले से लिखी जा रही थी। मैंने हाईस्कूल के संस्कृत का हल पेपर अपने सूत्रों से लिया। ये पेपर मैंने अमर उजाला को भेज दिया, जो अख़बार में छपा। दूसरे दिन अमर उजाला को कहीं से अंग्रेजी का भी पेपर मिल गया और वो भी छपा। इसके बाद बलिया प्रशासन की पोल खुल गई। बुलडोजर चलवाने की बात करने वाला DM खुद नंगा हो गया। जिला विद्यालय निरीक्षक भी नंगा हो गया। इसी गुस्से में मुझ पर और अमर उजाला के अन्य पत्रकार अजीत कुमार ओझा पर केस दर्ज कर दिया गया। यह आपराधिक कृत्य है।”

पत्रकार दिग्विजय के मुताबिक, “आज भी नकल नहीं रुकी है। यहाँ कॉपियाँ बेचीं जा रहीं। ये नकल माफियाओं की बलिया प्रशासन को खुली चुनौती है लेकिन बलिया प्रशासन अपनी गलती नहीं मान रहा। वो अख़बार का मुँह बंद कर के चौथे स्तम्भ पर हमला बोलना चाहता है। वो हमें चुप करवाना चाहता है। मेरा 3 दिन से पुलिस द्वारा बहुत उत्पीड़न किया गया है। मुझसे सवाल किया जा रहा है कि मुझे पेपर कहाँ से मिला। अगर हमने उसे अख़बार में छाप दिया तो पता करो कि नकल माफिया कौन है। मैंने उन्हें पेपर अपने सूत्रों से मिलना बताया है।”

पत्रकार की गिरफ्तारी का सोशल मीडिया पर विरोध

सोशल मीडिया पर पत्रकार दिग्विजय सिंह का एक वीडियो वायरल हुआ है। उस वीडियो में वो ‘बलिया प्रशासन और बलिया DM-SP मुर्दाबाद’ का नारा लगा रहे हैं।” वायरल वीडियो में पत्रकार दिग्विजय बलिया के DM को चोर, नकलखोर बताते हुए वहाँ के SP को गुंडा बता रहे हैं।

इसी वीडियो को शेयर करते हुए विनोद कापड़ी ने लिखा, “जेल जाने से पहले किसी पत्रकार की कभी इतनी रीढ़ और हिम्मत देखी है? ये “अमर उजाला” के बलिया पत्रकार दिग्विजय सिंह हैं, इनका गुनाह ये है कि इन्होंने पेपर लीक ख़बर का खुलासा अपने अख़बार में किया था। पुलिस इनके दो और साथी अजीत ओझा, मनोज गुप्ता को भी जेल भेज चुकी है। अमर उजाला के पत्रकार दिग्विजय सिंह ने बलिया ज़िला प्रशासन पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह है कि पत्रकारों का उत्पीड़न करने वाले बलिया पुलिस प्रशासन के खिलाफ निष्पक्ष जाँच करवाई जाए।”

राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने दिग्विजय सिंह को ‘बहादुर पत्रकार’ बताते हुए शून्य काल के दौरान इस मुद्दे को उठाने की अनुमति माँगी है। इस पत्र में उन्होंने बलिया के DM और SP को बर्खास्त करने की भी माँग की है।

कॉन्ग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पत्रकार दिग्विजय सिंह को बहादुर बताते हुए दिग्विजय नाम को ही बहादुरी का प्रतीक बताया है। साथ ही उन्होंने बलिया के DM और SP पर नकल कराने का आरोप लगाते हुए योगी आदित्यनाथ से दोनों पर कार्रवाई की माँग की है।

“अभी तक पत्रकारों की कोई भूमिका निर्धारित नहीं”: SP बलिया

मीडिया से बात करते हुए बलिया के पुलिस अधीक्षक ने कहा, “अभी तक हमारी जाँच चल रही है। इस मामले में जो भी अपडेट आएगा, उसकी हम प्रेसनोट जारी करेंगे। जो भी पकड़े गए हैं, उनकी भूमिका उसी हिसाब से तय की गई है। इसमें पकड़ा गया एक व्यक्ति स्कूल में सहायक अध्यापक भी है। वह कक्ष निरीक्षक की भी ड्यूटी कर रहा था। उसके पास से प्रश्न पत्र प्राप्त हुआ है। इस मामले की अधिक जानकारी देने से जाँच प्रभावित हो सकती है। थाना सिकंदरपुर, नगरा और कोतवाली मिला कर 3 केस दर्ज किए गए हैं। इस केस में कुल 34 लोगों की अब तक गिरफ्तारी कर ली गई है।”

“सरकार किसी को बेवजह नहीं करेगी प्रताड़ित”: भाजपा विधायक

इस पूरे घटनाक्रम पर भाजपा की बलिया बाँसडीह से विधायक केतकी सिंह ने बयान दिया है। उन्होने बताया, “नकल माफियाओं को एक बड़ा और कड़ा संदेश दिया जा रहा है कि पूरे प्रदेश में ऐसी गलती दोबारा न हो। यह मामला बच्चों के भविष्य से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसमें जो भी शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सरकार किसी को बेवजह परेशान नहीं करेगी लेकिन जो दोषी होगा, उसको छोड़ा भी नहीं जाएगा।”

एक स्थानीय पोर्टल की रिपोर्ट के मुताबिक पत्रकार दिग्विजय की गिरफ्तारी के विरोध में कई अन्य पत्रकारों ने सोमवार (4 अप्रैल) को जिलाधिकारी कार्यालय पर धरने का एलान किया है। बलिया पुलिस ने इस मामले में अभी तक विस्तृत खुलासे की कोई जानकारी प्रकाशित नहीं की है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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