सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी में आतंकी गोलीबारी में 28 लोगों की मौतों की निंदा की है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट पिछले कुछ दिनों से वक़्फ़ क़ानून की स्क्रूटनी और राष्ट्रपति के लिए राज्यों के बिल को लेकर डेडलाइन तय करने के कारण जनता में सुप्रीम कोर्ट के प्रति आजकल आक्रोश वाला माहौल है। मुर्शिदाबाद में हिन्दुओं के पलायन को लेकर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की याचिका भी सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दी थी। अब पहलगाम में 28 पर्यटकों की निर्मम हत्या के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बयान जारी किया है।
हमले के एक दिन बाद बुधवार (23 अप्रैल, 2025) को जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में गहरा दुःख और क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि इस पाशविक व अंधाधुंध गोलीबारी ने पूरे समाज की अंतरात्मा को झकझोरकर रख दिया है। इस नृशंस कृत्य को आतंकवाद करार देते हुए देश की सर्वोच्च न्यायालय ने पारित किए गए प्रस्ताव में कहा कि ये आतंकवाद की क्रूरता और अमानवीयता की भयावहता की याद दिलाता है। सुप्रीम कोर्ट ने उन 28 मृतकों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की, जिनकी ज़िंदगियाँ इस बर्बर हमले में असमय ही बड़ी निर्ममता से छीन ली गईं।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने बयान में कहा, “हम शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएँ व्यक्त करते हैं। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत आत्माओं को शांति मिले और घायल लोग शीघ्र स्वस्थ हों। यह देश पीड़ितों और उनके परिजनों के साथ इस असीम वेदना की घड़ी में पूरी मजबूती से खड़ा है। भारत की मुकुटमणि कश्मीर की सुंदरता का आनंद ले रहे पर्यटकों पर किया गया यह हमला मानवता के मूल्यों और जीवन की पवित्रता पर एक गहरा प्रहार है, और सुप्रीम कोर्ट इसकी कड़ी भर्त्सना करता है।”
Supreme Court condemns the terrorist attack in Pahalgam. pic.twitter.com/MRMSo8MCzX
— Live Law (@LiveLawIndia) April 23, 2025
साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने सभी न्यायधीशों, अधिवक्ताओं, अदालती कर्मचारियों और रजिस्ट्री के सभी सदस्यों ने मृतकों को श्रद्धांजलि देते हुए और पीड़ित परिजनों के प्रति एकजुटता दर्शाते हुए 2 मिनट का मौन भी रखा। बता दें कि लश्कर-ए-तैय्यबा (LeT) के सीनियर कमांडर सैफुल्लाह खालिद को हमले के पीछे का साजिशकर्ता बताया है। NIA ने 3 आतंकियों का स्केच भी जारी किया है। मृतकों में सेना के लेफ्टिनेंट समेत IB के अधिकारी तक शामिल हैं।