Wednesday, October 9, 2024
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3 राज्य में 11 हत्या… दूध-तेजाब और पत्थर थे सीरियल किलर के हथियार: खजाना खोजने के नाम पर बनाता था शिकार

उसने पाशा के घर के अन्य लोगों को पूजा का हवाला देकर आँखें बंद कर अलग कमरे में बैठने को कहा था। देवताओं का प्रसाद बता कर उन्हें जहरीला दूध पिलाया। जब परिवार की साँसें थमीं तो वो चुपचाप पाशा के घर से फरार हो गया।

एक व्यक्ति के कई चेहरे – ये बात रामति सत्यनारायण पर फिट बैठती है। एक नए सीरियल किलर को लेकर खुलासा हुआ है। अपनी पत्नी के लिए वो अच्छा पति और बेटे के लिए अच्छा पिता था। तेलंगाना के नगरकुर्नूल और वानापर्थी जिलों और उसके आसपास के रियल एस्टेट एजेंट उसे एक ब्रोकर के तौर पर पहचानते थे। कइयों के लिए वो एक अलौकिक चीजों में यकीन रखने वाला, औषधि विशेषज्ञ और एक खजाना खोजने में माहिर आदमी था।

हैदराबाद से करीब 130 किलोमीटर दूर नगरकुर्नूल जिले की पुलिस की जाँच में खुलासा हुआ कि वो एक सीरियल किलर है। पुलिस ने मंगलवार (12 दिसंबर, 2023) को उसे गिरफ्तार किया था। रामति सत्यनारायण ने पुलिस के सामने कबूला है कि उसने 4 साल में तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में 11 लोगों को मौत के घाट उतार डाला।

इसके लिए वो भोले-भाले लोगों को उनके लिए छिपे हुए खजाने को सामने लाने का झाँसा देकर अपने जाल में फँसाता था। वह लोगों से कहता था कि पूजा कर वो उनका खजाना उनके सामने ले आएगा। वादा कर के वो उनकी नृशंस हत्या कर देता था। पुलिस के अनुसार, उसके क्राइम का तरीका था कि वह लोगों को झाँसा देता था कि पूजा कर वह उनका खजाना सामने ले आएगा और लोग उसके झाँसे में आ जाते थे।

पुलिस भी नहीं कर पाई यकीन कि ये हत्यारा है

पुलिस ने 12 दिसंबर, 2023 को हैदराबाद के खजाना खोजने वाले गोवुला वेंकटेश की हत्या के सिलसिले में सत्यनारायण को गिरफ्तार किया, तो उन्हें इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि उनकी हिरासत में मौजूद छोटे कद का मीठा बोलने वाला ये शख्स 2020 से 11 लोगों की नृशंस हत्या कर चुका है।

नागरकुर्नूल के पुलिस उपाधीक्षक (DSP) बी मोहन कुमार के मुताबिक, “यह विश्वास करना मुश्किल था कि सत्यनारायण अपने शिकार के चेहरों पर एसिड डालने और उनके सिर को पत्थरों से कुचलने का तरीका अपनाता था।”

इंटरमीडिएट पास सीरियल किलर को खजाने की खोज का जुनून

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “सत्यनारायण ने हमें बताया कि खजाने की खोज एक लत और जुनून है। हालाँकि, वह बहुत अधिक पढ़ा-लिखा नहीं था, फिर भी वह इतना बुद्धिमान था कि उसने इस जुनून का फायदा उठाया।”

वो लोगों को कहता था कि वो उन्हें खजाना दिलवाएगा। इसके बाद उसके एवज में 10 लाख रुपए तक की माँग करता था। वो ये कहकर किसी को न बताने की शपथ दिलाता था कि बताने पर खजाना मिलने की संभावना कम हो जाएगी। इसके बाद उनके पैसे वापस माँगने पर उनको खजाने मिलने का सही वक्त बता कर सुनसान जगह बुलाता। फिर प्रसाद कहकर जहरीला दूध पिलाता। शिकार के बेहोश होने पर चेहरे पर एसिड फेंकता या फिर पत्थर से उनका चेहरा कुचल कर मौत के घाट उतार देता। फिर वो चुपचाप घर चला जाता था।

कैसे आँखों में लंबे समय तक झोंकता रहा धूल

आखिर लगातार हत्याओं को अंजाम देने के बाद भी रामति सत्यनारायण पुलिस के कैसे बचता रहा। इसे लेकर एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “वह अपने शिकार को फँसाने के लिए उनका विश्वास हासिल करता था। इसके लिए वों उनकी दिलचस्पी वाले मुद्दों पर बात करता था। मसलन रियल एस्टेट, अलौकिक, छिपे हुए खजाने, हर्बल इलाज, लगभग हर चीज जिसमें वो दिलचस्पी रखते हों। वह इतना भरोसेमंद लगता था कि कुछ ही हफ्तों में या उनकी पहली मुलाकात के महीनों बाद भी उसके शिकार किसी भी अजीब वक्त पर एकांत जगह पर उनसे मिलने में संकोच नहीं करते थे।”

खजाने का लालच और सब्जी विक्रेता बना पहला शिकार

सत्यनारायण का पहला शिकार 42 साल का सब्जी बेचने वाला खाजा पाशा था। महबूबनगर मंडल के येनुगोंडा गाँव का रहने वाले पाशा को अपनी जमीन पर मिट्टी के बर्तनों के टुकड़े मिले थे। इसके बाद उसे यकीन हो गया कि उसकी जमीन पर खजाना दबा हुआ है। डीएसपी कुमार ने कहा, “इसे लेकर पाशा ने 2020 के शुरू में सत्यनारायण से मुलाकात की। सत्यनारायण ने आने वाले कुछ महीनों में पाशा का यकीन हासिल किया और उसे भरोसा दिलाया कि खजाने की कीमत 10 लाख रुपए के पाशा के प्लॉट के से कई गुना अधिक होगी।”

इसे लेकर उसने पाशा से फीस की तौर पर उसका प्लॉट अपने नाम पर रजिस्टर करने के लिए कहा। रजिस्ट्री होते ही वो पाशा से कन्नी काटने लगा। पाशा ने उसे पुलिस में जाने की धमकी दी तो सत्यनारायण ने कथित तौर पर 13 अगस्त, 2020 को पाशा को फोन किया।

उसने पाशा से कहा कि खजाने को खोजने के लिए अनुष्ठान करने का सही वक्त आ गया है। अगली सुबह, पाशा के बहनोई सैदु ने उनकी लाश उसकी रसोई में देखी। ये लाश वहाँ ताजा खोदे गए छोटे गड्ढे में कपूर, नींबू, नारियल, गुलाब की पंखुड़ियों और जली हुई अगरबत्तियों के साथ मिली थी।

सैदु को पाशा की 40 साल की बीवी असमा बेगम, उसकी 65 साल की सास हजीराबाई और 11 साल की बेटी असरिन हसीना की लाश भी घर के अलग-अलग कमरों में मिली। सबको लगा कि ये खुदकुशी का मामला है, लेकिन घर में पड़ा अनुष्ठान का सामान कुछ और ही कह रहा था। इन हत्याओं को अंजाम देने के बाद से सत्यनारायण का हौसला बढ़ता गया और वो लोगों को छिपा हुआ खजाना दिलाने के नाम पर उनके प्लॉट की रजिस्ट्री अपने नाम कराता और फिर उनकी हत्याएँ करता जाता था।

गिरफ्तारी के बाद उगला रोंगटे खड़ा कर देने वाला सच

गिरफ्तारी के बाद, सत्यनारायण ने कबूला कि उसने पाशा के घर के अन्य लोगों को पूजा का हवाला देकर आँखें बंद कर अलग कमरे में बैठने को कहा था। देवताओं का प्रसाद बता कर उन्हें जहरीला दूध पिलाया। जब परिवार की साँसें थमीं तो वो चुपचाप पाशा के घर से फरार हो गया।

जोगुलंबा गडवाल रेंज के डीआइजी एलएस चौहान के मुताबिक, वो इतनी हत्याएँ करने के बाद भी इसलिए बचता रहा कि वह अपने शिकारों को कहता था कि अगर उन्होंने उसके बारे में किसी को बताया तो उसके खजाना मिलने की संभावनाएँ कम हो जाएँगी।

सत्यनारायण पहली बार नगरकुर्नूल पुलिस के रडार पर तब आया जब 50 साल के खेती मजदूरी करने वाले वासरला लिंगस्वामी की लाश 18 नवंबर, 2022 को वनपटला गाँव में मिली थी। पुलिस के मुताबिक, 17 नवंबर, 2022 को वह लिंगास्वामी को एक सुनसान जगह पर ले गया और कथित तौर पर एक बड़े पत्थर से उसका सिर कुचलकर उसकी हत्या कर दी।

डीएसपी कुमार ने कहा, “सत्यनारायण को पूछताछ के लिए लाया गया था, लेकिन उन्होंने लिंगास्वामी को पहचानने से भी इनकार कर दिया। हालाँकि हमारे पास रिपोर्ट थी कि उन्हें एक साथ देखा गया था, लेकिन सबूतों की कमी की वजह से हमें उसे जाने देना पड़ा।”

कैसे फँसा पुलिस के चंगुल में

उसने पत्थर काटने वाले गोवुला वेंकटेश की हत्या के बाद उसकी पत्नी गोवुला लक्ष्मी ने अपनी पुलिस रिपोर्ट में सत्यनारायण का नाम एक संदिग्ध के रूप में लिखाया था। वेंकटेश ने अपनी पत्नी को बताया था कि उसके 2 दोस्त (बी शिवा और बी देवेंद्र) और वह एक जमीन सौदे के लिए नगरकुर्नूल में एक रियल एस्टेट डीलर, सत्यनारायण से मिलने जा रहे थे। मृतक वेंकटेश की पत्नी ने सत्यनारायण का फोन नंबर उससे लिया था।

वेंकटेश ने ‘खजाना’ खोजने के लिए सत्यनारायण की फीस देने के लिए अगस्त 2023 में 10 लाख रुपए उधार लिए थे। सितंबर में खजाना खोजने की कोशिश का दावा करते हुए आरोपित ने वेंकेटेश को कहा कि तीन गर्भवती महिलाओं की बलि दी जाएगी।

इससे वेंकटेश के मन में डर पैदा हो गया और उसने आरोपित से पैसा वापस लौटाने को कहा। पुलिस के बयान के मुताबिक, आरोपित ने फिर चार दिसंबर 2023 को वेंकटेश को भी खजाना दिलाने के लालच दे बुलाया। वहाँ प्रसाद के नाम पर उसे पर जहरीला दूध पिलाया। फिर एक पहाड़ी पर ले जाकर उसके चेहरे पर तेजाब डाल दिया। वेंकेटेश की पहचान से जुड़ी सभी चीजें अलग-अलग जगहों पर फेंक दी।

जब पति वेंकटेश घर नहीं पहुँचा तो गोवुला लक्ष्मी ने सत्यनारायण को फोन किया, लेकिन वो अनजान बन गया। मृतक वेंकटेश के दोस्तों ने सत्यनारायण के घर का पता लगाया। इसके बाद लक्ष्मी पति के चाचा ई कोंडालैया और उसके 2 दोस्त 26 नवंबर, 2023 को सत्यनारायण से मिलने पहुँच गए।

तब भी वो अनजान बना रहा शक होने पर मृतक वेंकटेश की बीवी गोवुला लक्ष्मी ने उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी। सत्यनारायण ने वेंकटेश और पाशा के परिवार के अलावा बाद 70 साल के बीम राम रेड्डी और उनकी 42 साल बेटी थिरुपथम्मा, 52 साल अरेपल्ली श्रीनिवासुलु, 43 साल संपति श्रीधर रेड्डी को अपना शिकार बनाया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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