मुरादाबाद कमिश्नरी के रामपुर जिले के स्वार ब्लॉक में तैनात महिला खंड शिक्षा अधिकारी (एबीएसए) बबीता सिंह पर लव जिहाद, भ्रष्टाचार और वसूली जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। बबीता सिंह पर पहले हिंदू महिलाओं को मुस्लिम समुदाय में शादी के लिए प्रेरित करने के आरोप लगे थे। अब उन पर रिश्वत लेने का भी मामला उजागर हुआ है। इस मामले में डीएम, मंडलायुक्त और बीएसए ने जाँच के आदेश दिए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, तीन महीने पहले बबीता सिंह पर आरोप लगा था कि वे हिंदू महिला शिक्षकों को मुस्लिम युवकों से शादी करने के लिए प्रेरित कर रही थीं। शिक्षिकाओं का कहना है कि एबीएसए बबीता सिंह उन्हें इस्लाम को ज्यादा आजादी और बेहतर जीवनशैली वाला मजहब बताकर शादी के लिए बरगलाती हैं। एक शिकायत में आरोप लगाया गया कि बबीता सिंह कहती हैं, “मुस्लिम युवकों से शादी करने से लड़कियाँ ज्यादा खुश रहती हैं। मैंने भी मुस्लिम युवक से शादी की है।”
महिला शिक्षकों ने शिकायत में कहा कि बबीता सिंह अपने पद का दुरुपयोग कर न केवल लव जिहाद को बढ़ावा दे रही हैं, बल्कि जातिवाद और सांप्रदायिकता भी फैला रही हैं। उनका कहना है कि एबीएसए बच्चों को भी गुमराह करती हैं। इस मामले में प्रशासन ने बबीता सिंह से जवाब माँगा था।

इसी दौरान सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें एबीएसए के कार्यालय के एक बाबू को रिश्वत माँगते हुए सुना गया। ऑडियो में शिक्षक साजिद अली से बीआरसी कार्यालय बुलाकर 10 हजार रुपये माँगने की बात हो रही थी। वहीं, एक अन्य ऑडियो में अध्यापिका रजिया से भी पैसे लेने की बातचीत का जिक्र है। इस मामले में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने संबंधित सभी पक्षों को 8 जनवरी 2025 को जिला कार्यालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था।
आरोपित से माँगी गई सफाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुरादाबाद के मंडलायुक्त आन्जनेय सिंह ने मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) बुद्धप्रिय सिंह को जाँच का आदेश दिया। इसके तहत रामपुर के बीएसए राघवेंद्र सिंह ने बबीता सिंह से स्पष्टीकरण माँगा है। इसमें शिकायत की पुष्टि और समाधान के लिए एक सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है।

बताया जा रहा है कि रिश्वत और लव जिहाद के आरोपों को अलग-अलग जाँच टीम देख रही है। जिसमें बबीता सिंह के बयान और वायरल ऑडियो की फॉरेंसिक जाँच के आधार पर आगे की कार्रवाई की बात कही जा रही है।
हालाँकि बबीता सिंह ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया है। उनका कहना है कि कुछ शिक्षक उनके खिलाफ गलत आरोप लगा रहे हैं क्योंकि वे विद्यालयों में अनुशासनहीनता पर कार्रवाई करती हैं।