महाकुंभ में हुई भगदड़ के दौरान वहाँ पर CAA-NRC का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारी मौजूद थे। कई आपराधिक इतिहास वाले लोग भी महाकुंभ में मौजूद थे। पुलिस इन सबको अब महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद जाँच के दायरे में लिया है। वह लोग भी पुलिस के राडार में हैं, जो लगातार महाकुंभ को लेकर भ्रामक जानकारी सोशल मीडिया पर डाल रहे थे। इनमें से कई ने महाकुंभ को लेकर कई नकारात्मक पोस्ट की थीं।
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, जाँच एजेंसी NIA, UPATS समेत प्रदेश की पुलिस मौनी अमावस्या की भगदड़ को साजिश के एंगल से देख कर जाँच कर रही हैं। उन्होंने इसके लिए महाकुंभ में मौजूद लोगों का डाटा निकालना चालू कर दिया है। रिपोर्ट बताती है कि पुलिस उन लोगों को अब नोटिस भेज रही है, जो मना किए जाने के बावजूद प्रयागराज महाकुंभ में गए। पुलिस ने महाकुंभ से पहले ही 1 लाख लोगों को प्रयागराज जाने को मना किया था। लेकिन कई लोग फिर भी पहुँचे।
पुलिस उनकी भी जाँच कर रही है जो बड़े प्रदर्शनों में शामिल रहे हैं। वाराणसी के ही 50 से अधिक गैर हिन्दू प्रयागराज में पाए गए, उन्हें भी मना किया गया था। इसके अलावा जाँच के दायरे में प्रतिबंधित इस्लामी संगठन PFI के एजेंटों को भी लिया गया है। यह वह लोग हैं जो बीते कुछ महीनों में पकड़े गए हैं। सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के बाक़ी हिस्सों से भो पकड़े गए लोगों से पूछताछ हुई है। प्रयागराज महाकुंभ को लेकर जिन लोगों ने लगातार सोशल मीडिया पर सर्च किया, वह भी घेरे में हैं।
पुलिस को जाँच में मिला है कि महाकुंभ को लेकर इन्टरनेट पर अधिक ही रुचि दिखाने वाले बड़ी संख्या में गैर हिन्दू हैं। उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है। इसके अलावा महाकुंभ की शुरुआत से ही जो लोग इसको लेकर नकारात्मकता फैला रहे हैं और बार बार भ्रामक सूचनाएँ डाल रहे हैं, उनको भी राडार पर लिया गया है। पुलिस इसके अलावा मेला क्षेत्र में लगे AI कैमरों की फुटेज खंगाल कर संदिग्धों को पहचान रही है। 600 ऐसे संदिग्ध पहचाने जा चुके हैं।
इससे पहले पुलिस ने यहाँ नम्बर खँगालना चालू किया था। इससे पहले मौनी अमावस्या की भगदड़ में फंसी कुछ महिलाओं ने दावा किया था कि हुडदंगी लड़कों के भीड़ में घुसने के बाद भगदड़ चालू हुई। पुलिस ने उस समय भगदड़ वाली जगह पर मौजूद नम्बरों को भी खंगाला था। इस बीच महाकुंभ में स्नान करने वालों की संख्या लगभग 40 करोड़ के पार पहुँच चुकी है।